सिस्टम और कल्चर के हिसाब से शराब पीनी चाहिए, जेडीयू विधायक श्याम बहादुर सिंह बोले, जानिए जीतन राम मांझी ने क्या कहा था
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 19, 2020 07:35 PM2020-02-19T19:35:29+5:302020-02-19T19:35:29+5:30
जेडीयू विधायक श्याम बहादुर सिंह ने जीतन राम मांजी के शराब वाले बयान को सही बताया है। उन्होंने कहा था कि शराब का इस्तेमाल दवा की तरह होता है इसलिए इसे बैन नहीं किया जाना चाहिए। विधायक श्याम बहादुर सिंह ने कहा, सिस्टम और कल्चर के हिसाब से शराब पीनी चाहिए।
बिहार में शराब बैन है। नीतीश कुमार सरकार ने शराबबंदी को लेकर कानून भी विधानसभा में पास किया। पूरे बिहार में 2016 से ही शराब बेचना जुर्म है।
इस बीच जेडीयू विधायक श्याम बहादुर सिंह ने जीतन राम मांजी के शराब वाले बयान को सही बताया है। उन्होंने कहा था कि शराब का इस्तेमाल दवा की तरह होता है इसलिए इसे बैन नहीं किया जाना चाहिए। विधायक श्याम बहादुर सिंह ने कहा, सिस्टम और कल्चर के हिसाब से शराब पीनी चाहिए।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी द्वारा गरीबों के लिए ‘‘थोड़ा शराब पीने को संजीवनी’’ बताये जाने संबंधी बयान पर राज्य की नीतीश कुमार सरकार की ओर से सख्त प्रतिक्रिया आयी है जिसने राज्य में 2016 में शराब को प्रतिबंधित कर दिया था।
JDU MLA Shyam Bahadur Singh on Jitan Ram Manjhi's reported statement 'liquor should be consumed as medicine hence should not be banned': What he has said is not wrong. I will not disagree with him. Liquor should be consumed according to a system and culture. pic.twitter.com/bgJuGIaT36
— ANI (@ANI) February 19, 2020
कांग्रेस ने मांझी के बयान से सहमति जतायी है। राज्य में शराब को प्रतिबंधित किये जाने संबंधी कानून जब बनाया गया था तब प्रदेश की नीतीश सरकार में कांग्रेस भी शामिल थी। मांझी ने पूर्णिया में यह बयान दिया था जब उनसे एक तस्वीर दिखा कर सवाल किया गया था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा संबोधित एक रैली में एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति अधमरी अवस्था में दिख रहा था।
सोशल मीडिया में यह तस्वीर वायरल हो गयी थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘‘मुझे नहीं पता कि यह व्यक्ति शराब के नशे में है या नहीं। लेकिन आइए हम शराब की खपत के बारे में एक बड़ा बतंगड़ करना बंद करें। दारू कभी कभी दवा के रूप में भी पेश की जाती है। मुझे इसका अनुभव है। बहुत पहले मैं हैजा से पीड़ित था तब एक नुस्खे ने मुझे बचा लिया।’’
हम प्रमुख ने कहा, ‘‘थोड़ा शराब पीना काम करने वाले श्रमिकों के लिए संजीवनी के बराबर होता है जो दिन भर कमर तोड़ मेहनत कर अपने घर लौटते हैं ।’’ भाजपा नेता एवं राज्य सरकार में भूमि सुधार मंत्री राम नारायण मंडल ने हम अध्यक्ष की आलोचना करते हुए ‘‘उनकी खुद की आदतों को सही ठहराने की मांग’’ करने का आरोप लगाया और दावा किया कि ‘‘लोग शराब पर प्रतिबंध लगाने से खुश हैं और यह हमेशा के लिए रहने वाला है।’’