LJP के रवैये से JDU नाराज, केसी त्यागी ने कहा- जदयू का गठबंधन लोजपा से नहीं बल्कि भाजपा से है
By एस पी सिन्हा | Published: September 8, 2020 04:47 PM2020-09-08T16:47:01+5:302020-09-08T16:47:31+5:30
गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा जैसे वरिष्ठ भाजपा नेता बिहार विधानसभा का चुनाव नीतीश कुमार में नेतृत्व में ही लड़ने की घोषणा कर चुके हैं.
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के दो घटक दलों जदयू और लोजपा के बीच लगातार तल्खी बढ़ती जा रही है. लोजपा प्रमुख के बगावती तेवर को लेकर राजग में घमशान मचा हुआ है.
चिराग ने जैसे ही जदयू के प्रत्याशियों के खिलाफ सभी सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारने का संकेत दिया, जदयू ने भी चिराग पासवान के खिलाफ अब मोर्चाबंदी तेज कर दी है. जदयू ने चिराग पासवान को साफ कह दिया है कि आपके साथ बिहार में मेरा कोई गठबंधन नहीं है. मेरा गठबंधन तो भाजपा के साथ है.
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि चिराग पासवान को इस तरह के भद्दा मजाक नहीं करनी चाहिए. इस तरह के बयानों से उनको बचना चाहिए. अगर वह खुद को एनडीए का हिस्सा मानते हैं तो उनको नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. बिहार में तो हमारा गठबंधन भाजपा के साथ है, लेकिन लोजपा से कोई गठबंधन नहीं है.
उन्होंने कहा है कि जहां तक मांझी का सवाल है तो मांझी को पहले भी एनडीए का हिस्सा रह चुके हैं. फिर वह एनडीए में आए हैं तो इससे पार्टी और मजबूत होगी. केसी त्यागी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि राजग में शामिल दलों को नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकारना पडेगा.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा जैसे वरिष्ठ भाजपा नेता बिहार विधानसभा का चुनाव नीतीश कुमार में नेतृत्व में ही लड़ने की घोषणा कर चुके हैं. जदयू का भाजपा से बिहार और समय-समय पर दूसरे प्रदेशों में भी गठबंधन रहा है. लोजपा के साथ जदयू का कभी गठबंधन नहीं रहा है.
2005, 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए उन्होंने संकेत दिया कि जदयू लोजपा के साथ इस बार भी कोई गठजोड नहीं चाहता है.त्यागी ने कहा है कि भाजपा ने साफ कर दिया है कि बिहार विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लडा जाएगा. उन्होंने कहा कि जो दल एनडीए का हिस्सा है वो गठबंधन के खिलाफ बयान कैसे दे सकता है?
जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा है कि लोजपा का यह कहना कि नीतीश कुमार की जगह किसी दूसरे को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट कर चुनाव लडा जाए, यह गलत है. यह सीधे-सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णय की अवहेलना है. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान एनडीए में रहते हुए राजद को सरकार के खिलाफ तर्को की कमान दे रहे हैं.
एनडीए में रहते हुए मुख्यमंत्री के खिलाफ इस तरह का बयान देना उचित नहीं है. वहीं, सूत्रों के अनुसार लोजपा भी अब पीछे हटने को तैयार नहीं है. दिल्ली में लोजपा की संसदीय दल की हुई बैठक में चिराग पासवान ने 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी करने का संकेत दे दिया है. लोजपा को नीतीश कुमार के नेतृत्व पर भी ऐतराज है.
अब देखना है कि जदयू और लोजपा के बीच चल रही तनातनी का बिहार की सियासत पर क्या असर पडता है? अगर लोजपा ने अलग होने का फैसला लिया तो वीआइपी पार्टी के मुकेश सहनी फिर से एनडीए के साथ हो सकते हैं. उन्हें महागठबंधन से ज्यादा सीटें एनडीए में मिल सकती हैं.
कुछ दिन पहले ही चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के पत्र लिखा था. जिसमें दलित और महादलितों के वादे को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया था. परिवार में हत्या के बाद दलितों को नौकरी देने को सिर्फ चुनावी मुद्दा बताया था. जिसके बाद जदयू के नेता भडके हुए हैं.