चीन के नाजायज़ इरादों की वजह से लद्दाख संकट, पूर्व एमपी ने कहा-बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने को तैयार, हम आपके साथ हैं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 15, 2020 04:01 PM2020-08-15T16:01:52+5:302020-08-15T16:01:52+5:30
लद्दाख के पूर्व एमपी थुप्सतान छेवांग ने कहा कि चीन के नाजायज़ इरादों की वजह से लद्दाख संकट में है। मैं आपको आश्वासन देना चाहता हूं कि लद्दाख के लोग देश की सुरक्षा के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। सरकार चीन का मुकाबला करने का हमें निर्देश दे अगुवाई करे हम आपके साथ हैं।
लेह/लद्दाखः चीन के लेकर लेह और लद्दाख के लोगों नें आक्रोश दिखा। आज पहली बार केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख में झंडा फहराया गया। लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर राधा कृष्ण माथुर ने 74 वें स्वतंत्रतादिवस के अवसर पर पोलो ग्राउंड में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
लद्दाख के पूर्व एमपी थुप्सतान छेवांग ने कहा कि चीन के नाजायज़ इरादों की वजह से लद्दाख संकट में है। मैं आपको आश्वासन देना चाहता हूं कि लद्दाख के लोग देश की सुरक्षा के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। सरकार चीन का मुकाबला करने का हमें निर्देश दे अगुवाई करे हम आपके साथ हैं।
चीन के नाजायज़ इरादों की वजह से लद्दाख संकट में है। मैं आपको आश्वासन देना चाहता हूं कि लद्दाख के लोग देश की सुरक्षा के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। सरकार चीन का मुकाबला करने का हमें निर्देश दे अगुवाई करे हम आपके साथ हैं : पूर्व MP थुप्सतान छेवांग, लद्दाख https://t.co/NNEXVzVsAopic.twitter.com/R1xoSw8dCM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 15, 2020
लद्दाख को ‘कार्बन न्यूट्रल’ बनाने की दिशा में तेजी से प्रयास हो रहे हैं : प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को ‘कार्बन न्यूट्रल’ क्षेत्र बनाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। कार्बन न्यूट्रल का तात्पर्य वातावरण में कार्बन उत्सर्जन और उसके अवशोषित होने के बीच संतुलन स्थापित करने से है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि ग्रीन हाऊस गैस या कार्बन उत्सर्जन जलवायु पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ जिस प्रकार से सिक्किम ने ऑर्गेनिक (जैविक) राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाई है, वैसे ही आने वाले दिनों में लद्दाख, अपनी पहचान एक कार्बन न्यूट्रल क्षेत्र के तौर पर बनाए..... इस दिशा में भी तेजी से काम हो रहा है ।’’ उन्होंने यह भी कहा कि हिमालय की ऊंचाइयों में बसा लद्दाख आज विकास की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए आगे बढ़ रहा है।
गौरतलब है कि साल 2003 में सिक्किम जैविक कृषि अपनाने की घोषणा करने वाला पहला राज्य बना जिससे कार्बन के असर को कम करने में मदद मिली। पर्यावरण मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सिक्किम ने रासायनिक खाद मंगाना बंद कर दिया और उसके बाद से खेती वाली जमीन वास्तव में जैविक है जहां किसान जैविक खाद का उपयोग करते हैं। साल 2018 में पूर्वोत्तर के इस राज्य ने खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) का ‘फ्यूचर पॉलिसी एवार्ड’ जीता था।
वहीं, लद्दाख में वायु और सौर ऊर्जा से जुड़ी कई परियोजनाओं आगे बढ़ायी जा रही हैं । इनमें 7500 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र आने वाला है जिससे केंद्र शासित प्रदेश में कार्बन के प्रभाव में काफी कमी आने की उम्मीद है और यह ‘कार्बन न्यूट्रल’ बनने में योगदान करेगा। पर्यावरण मंत्रालय में संयुक्त सचिव जिग्मेट ताकपा ने कहा, ‘‘ लद्दाख में सौर ऊर्जा की काफी संभावनाएं हैं । अब से पांच वर्ष के भीतर वहां 7500 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित हो जायेगा जिससे कार्बन के प्रभाव में काफी कमी आयेगी।’’
मंत्रालय के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत के कुल कार्बन उत्सर्जन में लद्दाख का केवल 0.1 प्रतिशत योगदान है । उन्होंने कहा, “लद्दाख को ‘कार्बन न्यूट्रल’ बनाना विकास की सोच है। यह केंद्र शासित प्रदेश में विकास गतिविधियों तथा कार्बन उत्सर्जन को कम करने को लक्षित है।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘सरकार सौर और पवन ऊर्जा के लिये निवेश की योजना बना रही है और इसकी घोषणा जल्द की जायेगी।’’