तीसरी बार पीएम ने चीन का नाम आक्रमणकारी के तौर पर नहीं लिया, ऐसा क्यों, पी चिदंबरम ने ट्वीट कर पूछा-वह इतने ‘कमजोर’

By भाषा | Published: July 3, 2020 10:01 PM2020-07-03T22:01:29+5:302020-07-03T22:01:29+5:30

प्रधानमंत्री देशवासियों और विपक्ष के सवालों से बच नहीं सकते। प्रधानमंत्री को जल्द से जल्द क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा के मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए।

Jammu and Kashmir Galwan Valley Clash Leh PM Narendra Modi Ladakh border third time China P Chidambaram tweeted and asked | तीसरी बार पीएम ने चीन का नाम आक्रमणकारी के तौर पर नहीं लिया, ऐसा क्यों, पी चिदंबरम ने ट्वीट कर पूछा-वह इतने ‘कमजोर’

जब पीएम ने श्री ट्रम्प और श्री पुतिन से बात की, तो क्या उन्होंने चीन का नाम घुसपैठिये के रूप में रखा था या नहीं? मैं बस सोच रहा हूं। (file photo)

Highlightsएक हफ्ते में तीसरी बार प्रधानमंत्री ने चीन का नाम एक आक्रमणकारी के तौर पर नहीं लिया। ऐसा क्यों है ? देश के लोगों और हमारे जवानों से अनाम ‘शत्रु’ के बारे में बात करने का क्या मतलब है ?चीन की सेना ने घुसपैठ नहीं की तो फिर 15-16 जून की रात भारतीय जवानों और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प कहां हुई थी?

नई दिल्लीः कांग्रेस ने लद्दाख में सैनिकों को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चीन का नाम नहीं लिए जाने को लेकर शुक्रवार को सवाल किया कि आखिर प्रधानमंत्री को हमारे देश में घुसपैठ करने वाले देश का नाम लेने से गुरेज क्यों हैं और वह इतने ‘कमजोर’ क्यों हैं।

पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘ एक हफ्ते में तीसरी बार प्रधानमंत्री ने चीन का नाम एक आक्रमणकारी के तौर पर नहीं लिया। ऐसा क्यों है ? देश के लोगों और हमारे जवानों से अनाम ‘शत्रु’ के बारे में बात करने का क्या मतलब है ?’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को अभी यह जवाब देना है कि अगर चीन की सेना ने घुसपैठ नहीं की तो फिर 15-16 जून की रात भारतीय जवानों और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प कहां हुई थी? कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री ने 28 जून, 2020 को “मन की बात” में चीन का नाम नहीं लिया। 30 जून, 2020 को “राष्ट्र के नाम” संदेश में उन्होंने चीन का नाम नहीं लिया। 3 जुलाई, 2020 को “सैनिकों से बात” में भी उन्होंने चीन का नाम नहीं लिया।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘मज़बूत भारत के प्रधानमंत्री इतने कमजोर क्यों हैं ? चीन का नाम तक लेने से गुरेज़ क्यों है? चीन से, आंख में आंख डाल कब बात होगी ?’’ कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लद्दाख दौरे की एक पुरानी तस्वीर शेयर करते हुए कहा, ‘‘उन्होंने (इंदिरा) लेह का दौरा किया तो उसके बाद पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गया। अब तक देखते हैं वह (मोदी) क्या करते हैं।’’

गौरतलब है कि चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ‘‘विस्तारवाद’’ का युग समाप्त हो चुका है तथा पूरे विश्व ने इसके खिलाफ मन बना लिया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सेना ने शत्रुओं को जो पराक्रम और ‘‘प्रचंडता’’ दिखायी, उससे दुनिया को देश की ताकत का संदेश मिल गया।

भारत, चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में चल रहे तनाव के बीच प्रधानमंत्री ने आज लेह का दौरा किया और पड़ोसी मुल्क के साथ सीमा गतिरोध के मामले को लेकर भारत की दृढ़ता के संकेत दिए। 

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