जली को आग और बुझी को राख कहते हैं, जो महामारी को महोत्सव बना दे, उसे नरेंद्र दामोदरदास कहते हैं: छत्तीसगढ़ कांग्रेस 

By अनुराग आनंद | Published: April 3, 2020 06:01 PM2020-04-03T18:01:20+5:302020-04-03T18:01:20+5:30

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों से रविवार को नौ मिनट मांगे हैं, जिसमें उन्होंने लोगों से प्रकाश फैलाने की बात की है। साथ ही साथ सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखने पर जोर दिया।

Jali is called fire and extinguished as ash, which makes the epidemic a festival, it is called Narendra Damodardas: Chhattisgarh Congress | जली को आग और बुझी को राख कहते हैं, जो महामारी को महोत्सव बना दे, उसे नरेंद्र दामोदरदास कहते हैं: छत्तीसगढ़ कांग्रेस 

नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

Highlightsकोरोना वायरस के मद्देनजर देशव्यापी लॉककडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को सुबह नौ बजे देश के लोगों के साथ वीडियो संदेश साझा किया है। प्रधानमंत्री ने देश के लोगों से रविवार को नौ मिनट मांगे हैं, जिसमें उन्होंने लोगों से प्रकाश फैलाने की बात की है।

नई दिल्ली:कोरोना वायरस के मद्देनजर देशव्यापी लॉककडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को सुबह नौ बजे देश के लोगों के साथ वीडियो संदेश साझा किया है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने देश के लोगों से रविवार को नौ मिनट मांगे हैं, जिसमें उन्होंने लोगों से प्रकाश फैलाने की बात की है। साथ ही साथ सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखने पर जोर दिया।

इसके बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने ट्वीट करके पीएम नरेंद्र मोदी पर व्यांगत्मक लहजे में हमला बोला है। कांग्रेस की ओर से लिखा गया, ‘जली को आग कहते हैं, बुझी को राख कहते हैं, जो महामारी को भी महोत्सव बना दे…उसे नरेंद्र दामोदर दास कहते हैं।’ 

आइए आपको पीएम मोदी के संदेश की 10 बड़ी बातें बताते हैं...

1- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ देशव्यापी लॉकडाउन को आज 9 दिन हो रहे हैं। इस दौरान आप सभी ने जिस प्रकार अनुशासन और सेवा भाव, दोनों का परिचय दिया है, वो अभूतपूर्व है। आपने जिस प्रकार, 22 मार्च रविवार के दिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले हर किसी का धन्यवाद किया, वो भी आज सभी देशों के लिए एक मिसाल बन गया है। आज कई देश इसको दोहरा रहे हैं। 

2- उन्होंने कहा कि आज जब देश के करोड़ों लोग घरों में हैं, तब किसी को भी लग सकता है कि वो अकेला क्या करेगा। कुछ लोग ये भी सोच रहे होंगे कि इतनी बड़ी लड़ाई को, वो अकेले कैसे लड़ पाएंगे, ये लॉकडाउन का समय जरूर है, हम अपने अपने घरों  में जरूर हैं, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं है। 

3- पीएम मोदी ने कहा कि 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है, हर व्यक्ति का संबल है। इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो, तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए। हमें मनोबल देता है, लक्ष्य देता है, उसकी प्राप्ति के लिए ऊर्जा देता है, हमारा मार्ग और स्पष्ट करता है।

4- पीएम ने कहा कि कोरोना महामारी से फैले अंधकार के बीच, हमें निरंतर प्रकाश की ओर जाना है। इस कोरोना संकट से जो अंधकार और अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे समाप्त करके हमें उजाले और निश्चितता की तरफ बढ़ना है। इस अंधकारमय कोरोना संकट को पराजित करने के लिए, हमें प्रकाश के तेज को चारो दिशाओं में फैलाना है। 

5- उन्होंने कहा कि इस रविवार 5 अप्रैल को, हम सबको मिलकर, कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है। उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। इस 5 अप्रैल को हमें, 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। 130 करोड़ देशवासियों के महासंकल्प को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।

6- उन्होंने कहा कि 5 अप्रैल, रविवार को रात 9 बजे मैं आप सबके 9 मिनट चाहता हूं। घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में, खड़े रहकर, 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं।

7- पीएम मोदी ने कहा कि घर की सभी लाइटें बंद करेंगे, चारों तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दीया जलाएगा, तब प्रकाश की उस महाशक्ति का ऐहसास होगा, जिसमें एक ही मकसद से हम सब लड़ रहे हैं, ये उजागर होगा। उस प्रकाश में हम अपने मन में ये संकल्प करें कि हम अकेले नहीं हैं, कोई भी अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासी, एक ही संकल्प के साथ कृतसंकल्प हैं।

8- पीएम ने कहा कि मेरी एक और प्रार्थना है, कि इस आयोजन के समय किसी को भी, कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है। रास्तों में, गलियों या मोहल्लों में नहीं जाना है, अपने घर के दरवाज़े, बालकनी से ही इसे करना है। 

9- उन्होंने कहा कि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा को कभी भी लांघना नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग को किसी भी हालत में तोड़ना नहीं है। कोरोना की चेन तोड़ने का यही रामबाण इलाज है।    

10- उन्होंने बताया कि हमारे यहां कहा गया है... उत्साहो बलवान् आर्य, न अस्ति उत्साह परम् बलम्। स उत्साहस्य लोकेषु, न किंचित् अपि दुर्लभम्॥ यानि, हमारे उत्साह, हमारी लगन से बड़ा बल दुनिया में कोई दूसरा नहीं है।

Web Title: Jali is called fire and extinguished as ash, which makes the epidemic a festival, it is called Narendra Damodardas: Chhattisgarh Congress

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