क्या पीएम नरेन्द्र मोदी की वजह से मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हारी है बीजेपी?
By पल्लवी कुमारी | Published: December 18, 2018 09:19 PM2018-12-18T21:19:17+5:302018-12-18T21:19:17+5:30
कांग्रेस के तीन मुख्यमंत्रियों ने सोमवार को हिंदी भाषी राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पद की शपथ ली जहां पहले भाजपा का शासन था। इन शपथग्रहण समारोहों में अधिकतर विपक्षी दल के नेता मौजूद थे जो कि भाजपा के खिलाफ एकता का प्रदर्शन भी साबित हुआ।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 70 प्रतिशत से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों में जहां हारी है, वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी कैम्पेन किए थे। जी हां, इंडिया स्पेंड के आकड़ों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल के पांच राज्य विधानसभा चुनावों - मध्य प्रदेश (एमपी), राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के दौरान प्रचार किया किया था, वहां 70 प्रतिशत बीजेपी हार चुकी है।
द क्विंट में छपी खबर के मुताबिक, पीएम मोदी ने 80 निर्वाचन क्षेत्रों में से 30 जगहो पर चुनाव प्रचार किया, जिनमें से बीजेपी 23 सीट जीती और 57 सीटे हार गईं।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में, जहां प्रधान मंत्री ने अपनी रैलियों की 70% से अधिक (22 रैलियों) आयोजित की थी, भाजपा 54 सीटों में से 22 (41%) जीतने में कामयाब रही।
छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में, बीजेपी ने 26 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक जीता, जिसमें मोदी ने आठ रैलियां की थी।
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सीएम योगी का कैम्पेन रहा बेहतर
इस विधान सभा चुनाव में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बीजेपी के स्टार प्रचारक साबित हुए। जिन 74 सीटों पर उन्होंने प्रचार किया था उनमें से 51 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। योगी आदित्यनाथ ने एमपी में 17 सीटों पर पार्टी के पक्ष में प्रचार किया था और सभी 17 सीटों पर जीत मिली।
आकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में योगी ने 23 सीटों पर प्रचार किया था जिनमें से पार्टी ने 8 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, राजस्थान में उन्होंने 26 सीटों पर प्रचार किया था जिनमें से 25 सीटों पर जीत मिली।
कांग्रेस ने तीन हिंदी भाषी राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में सत्ता संभाली
कांग्रेस के तीन मुख्यमंत्रियों ने सोमवार को हिंदी भाषी राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पद की शपथ ली जहां पहले भाजपा का शासन था। इन शपथग्रहण समारोहों में अधिकतर विपक्षी दल के नेता मौजूद थे जो कि भाजपा के खिलाफ एकता का प्रदर्शन भी साबित हुआ।
गुलाबी नगरी जयपुर के अल्बर्ट हॉल में सजे भव्य मंच पर अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने क्रमश: राजस्थान के मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
72 वर्षीय कमलनाथ ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। हालांकि 1984 के सिख विरोधी दंगे में उनकी कथित भूमिका को लेकर विरोध प्रदर्शन भी इस दौरान सामने आया। दंगों के मामले को लेकर उनकी पार्टी के एक अन्य नेता सज्जन कुमार को दोषी ठहराते हुए सोमवार को ही आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रायपुर के बलबीर जुनेजा इंडोर स्टेडियम में भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। बघेल ने हिंदी में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। बघेल के साथ उनके सहयोगी ताम्रध्वज साहू और टी एस सिंहदेव ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
हाल में सम्पन्न विधानसभा चुनावों में कांग्रेस मध्यप्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से 114 जीतकर 15 साल बाद राज्य में सत्ता में आई है। लेकिन कांग्रेस को बसपा के दो, सपा के एक और चार निर्दलीय विधायकों सहित कुल 121 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। राजस्थान में कुल 199 सीटों के लिए चुनाव हुआ था जिसमें से कांग्रेस ने अपनी सहयोगी दल के साथ 99 सीटें हासिल की। 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस ने 68 सीटें प्राप्त की।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)