नई दिल्लीः कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के वक्तव्य के बाद वह जवानों के सम्मान में अपनी बात रखना चाहती थी, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया।
सदन में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सरकार पर चर्चा से डरने का भी आरोप लगाया और सवाल किया कि जब रक्षा मंत्री ने यह वक्तव्य दिया और जवानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए प्रस्ताव की बात की तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में मौजूद क्यों नहीं थे? कांग्रेस के सांसदों ने रक्षा मंत्री के बयान के बाद आसन से बोलने की अनुमति नहीं मिलने पर सदन से वाकआउट किया और संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
चीन के साथ गतिरोध पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के वक्तव्य के बाद कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि लोकसभा में उसके नेता सीमा पर तैनात जवानों के सम्मान में अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया।
पार्टी ने सरकार पर चर्चा से डरने का भी आरोप लगाया और सवाल खड़ा किया कि जब रक्षा मंत्री ने यह वक्तव्य दिया और जवानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए प्रस्ताव की बात की तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में मौजूद क्यों नहीं थे?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर दावा किया, ‘‘ रक्षामंत्री के बयान से साफ़ है कि मोदी जी ने देश को चीनी अतिक्रमण पर गुमराह किया।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘हमारा देश हमेशा से भारतीय सेना के साथ खड़ा था, है और रहेगा। लेकिन मोदी जी, आप कब चीन के ख़िलाफ़ खड़े होंगे? चीन से हमारे देश की ज़मीन कब वापस लेंगे? चीन का नाम लेने से डरो मत।’’
आसन से बोलने की अनुमति नहीं मिलने पर सदन से वाकआउट किया
लोकसभा में कांग्रेस के सांसदों ने रक्षा मंत्री के बयान के बाद आसन से बोलने की अनुमति नहीं मिलने पर सदन से वाकआउट किया और संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कुछ सांसदों ने हाथों में तख्तियां ले रखीं थी जिन पर ‘मन की बात बहुत सुनी, अब चीन की बात हो’ लिखा हुआ था।
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस के लिए देश सर्वोच्च है। हमारी सेना का हौसला और बहादुरी हमारे लिए गर्व का विषय होता है। जब सदन में लद्दाख का जिक्र करते हुए सरकार की तरफ से बात रखी गई तो हमने अपने जवानों के प्रति सम्मान जताने के लिए एक मिनट का समय मांगा।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘सवाल बहुत हैं, लेकिन हम जानते हैं कि सरकार इन सवालों का जवाब नहीं देना चाहती है।
कांग्रेस नेता के मुताबिक, 1962 के युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी के आग्रह पर तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने चर्चा पर सहमति दी थी और संसद में चर्चा हुई। ‘‘लेकिन इस सरकार ने हमारा कोई निवेदन नहीं माना।’’
चौधरी ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि सरकार हमारे सवालों से डरती है।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘राजनाथ सिंह ने सदन में जवानों के सम्मान में प्रस्ताव रखा तो प्रधानमंत्री को सदन में होना चाहिए था। वह सदन में मौजूद क्यों नहीं थे?’’ चौधरी ने आरोप लगाया कि सरकार चर्चा से डरती है क्योंकि उसके पास कोई जवाब नहीं है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रक्षा मंत्री से सवाल किया, ‘‘चीन ने हमारी सरज़मीं पर क़ब्ज़े का दुस्साहस कैसे किया? मोदी जी ने चीन द्वारा हमारे क्षेत्र में घुसपैठ न करने बारे गुमराह क्यों किया? चीन को हमारी सरज़मीं से वापस कब ख़देड़ेंगे? चीन को लाल आंख कब दिखाएंगे?’’
चीन के साथ गतिरोध पर संसद में चर्चा की विपक्ष की मांग सरकार ने की खारिज
सरकार ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच गतिरोध के विषय पर संसद में चर्चा कराने की विपक्ष की मांग को मंगलवार को खारिज कर दिया। सूत्रों ने बताया कि लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) में कांग्रेस नेताओं ने पूर्वी लद्दाख में चीन के सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों के गतिरोध पर चर्चा कराने की मांग उठाई थी। सूत्रों के अनुसार, सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मुद्दा संवेदनशील है और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है इसलिए इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।