हिंदी राजभाषा है और इस पर कोई भी विवाद नहीं है, त्रिभाषा फार्मूले का सम्मान करें गृह मंत्री : कांग्रेस
By भाषा | Published: September 14, 2019 08:16 PM2019-09-14T20:16:54+5:302019-09-14T20:16:54+5:30
गृहमंत्री को, प्रधानमंत्री को, भाजपा सरकार को भी उसका सम्मान करना चाहिए। '' उन्होंने कहा, ''भारत की विविधता को भी स्मरण करते हुए जहाँ देश के संविधान ने 22 भाषाओं को स्वीकार किया है, वो सब देश की भाषाएं हैं, चाहे वो तमिल है, कन्नड़ है, तेलगू है, उड़िया है, बंगाली है, मराठी है, गुजराती है, पंजाबी है, उर्दू है, डोगरी है।
हिंदी के संदर्भ में गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि संविधान ने जिन संवेदनशील मुद्दों का समाधान कर दिया था उनको लेकर नए सिरे से विवाद नहीं पैदा करना चाहिए और त्रिभाषा फार्मूले का सम्मान करना चाहिए।
पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा, ''हिंदी राजभाषा है और इस पर कोई भी विवाद नहीं है, लेकिन तीन भाषाओं का फार्मूला देश ने आजादी के बाद तय किया और हर सरकार ने उसका सम्मान किया है।
गृहमंत्री को, प्रधानमंत्री को, भाजपा सरकार को भी उसका सम्मान करना चाहिए। '' उन्होंने कहा, ''भारत की विविधता को भी स्मरण करते हुए जहाँ देश के संविधान ने 22 भाषाओं को स्वीकार किया है, वो सब देश की भाषाएं हैं, चाहे वो तमिल है, कन्नड़ है, तेलगू है, उड़िया है, बंगाली है, मराठी है, गुजराती है, पंजाबी है, उर्दू है, डोगरी है।
इनको सबको स्वीकार करना चाहिए और अकारण कोई विवाद इस विषय पर नहीं खड़ा करना चाहिए।'' उन्होंने कहा, ''हमें उन भावनात्मक एवं संवेदनशील मुद्दों पर विवाद नहीं छेड़ना चाहिए जिनका समाधान हमारे संविधान निर्माताओं और प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आजादी के बाद परिपक्वता के साथ कर दिया था।"
दरअसल हिंदी दिवस पर अमित शाह ने कहा कि भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है लेकिन एक आम भाषा का होना आवश्यक है जो देश की पहचान बने। आज, अगर कोई भाषा देश को एकजुट रख सकती है, तो वो व्यापक रूप से बोली जाने वाली हिंदी भाषा है।