Gujarat ki khabar: गुजरात के कानून मंत्री भूपेन्द्र सिंह चूड़ास्मा को झटका, सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, जानिए क्या है मामला

By भाषा | Published: May 13, 2020 06:11 PM2020-05-13T18:11:09+5:302020-05-13T18:52:54+5:30

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी कैबिनेट में कानून मंत्री भूपेन्द्र सिंह चूड़ास्मा को उच्च न्यायालय से झटका लगा है। वह इस मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की है।

gujarat cabinet minister bhupendra singh chudasama appeal in supreme court | Gujarat ki khabar: गुजरात के कानून मंत्री भूपेन्द्र सिंह चूड़ास्मा को झटका, सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, जानिए क्या है मामला

राठौर ने विधानसभा की ढोलकिया सीट से चूड़ास्मा के निर्वाचन को चुनौती देते हुये उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। (file photo)

Highlightsचूड़ास्मा ने अपनी अपील में उच्च न्यायालय का मंगलवार का आदेश निरस्त करने का अनुरोध करते हुये दलील दी है कि यह त्रुटिपूर्ण है। इस चुनाव में पराजित कांग्रेस के प्रत्याशी अश्विन राठौड़ ने किसी भी मुद्दे पर कोई ठोस और भरोसेमंद साक्ष्य पेश नहीं किया।

नई दिल्ली/अहमदाबादः गुजरात के कानून मंत्री भूपेन्द्र सिंह चूड़ास्मा ने 2017 का निर्वाचन कदाचार और हेराफेरी के आधार पर रद्द करने के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ बुधवार को उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की।

चूड़ास्मा ने अपनी अपील में उच्च न्यायालय का मंगलवार का आदेश निरस्त करने का अनुरोध करते हुये दलील दी है कि यह त्रुटिपूर्ण है। अपील में तर्क दिया गया है कि उच्च न्यायालय इस तथ्य को समझने में विफल रहा कि इस चुनाव में पराजित कांग्रेस के प्रत्याशी अश्विन राठौड़ ने किसी भी मुद्दे पर कोई ठोस और भरोसेमंद साक्ष्य पेश नहीं किया।

भाजपा के इस नेता ने अपनी अपील में कहा है कि इसलिए गुजरात विधानसभा के लिये 14 दिसंबर, 2017 को हुये चुनाव में ढोलकिया सीट से वह विधिवत निर्वाचित घोषित किये जाने के हकदार नहीं थे। उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अपने फैसले में कहा कि निर्वाचन अधिकारी और भाजपा नेता की मिली भगत थी और डाक से आये मतपत्रों को गैरकानूनी तरीके से अस्वीकार किया गया था।

राठौर ने विधानसभा की ढोलकिया सीट से चूड़ास्मा के निर्वाचन को चुनौती देते हुये उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इस चुनाव में राठौर ने महज 327 मतों से चूड़ास्मा को विजयी घोषित करने के निर्णय को चुनौती दी थी।

राठौड़ ने अपनी चुनाव याचिका में आरोप लगाया था कि चूड़ास्मा ने ‘‘चुनाव की प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में, विशेष रूप से वोटों की गिनती के समय भ्रष्ट आचरण अपनाया और चुनाव आयोग के अनिवार्य निर्देशों का उल्लंघन किया।’’ राज्य की विजय रूपाणी सरकार में चूड़ास्मा के पास वर्तमान में शिक्षा, कानून एवं न्याय, विधायिका और संसदीय मामलों आदि विभागों का प्रभार है। राठौड़ के वकील शरविल मजूमदार के अनुसार अदालत ने अपने आदेश में कहा कि ढोलका विधानसभा सीट के तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी ने मतों की गिनती के समय चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का इस तरह से उल्लंघन किया कि उससे पूरा चुनाव प्रभावित हुआ।

उन्होंने कहा कि अदालत ने यह भी कहा कि चुनाव निर्वाचन अधिकारी के 429 डाक मतों को ऐसी स्थिति में अवैध रूप से खारिज करने के कदम से भी प्रभावित हुआ जब चूड़ास्मा की जीत 327 वोट के अंतर से हुई। राज्य के उप मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता नितिन पटेल ने आदेश को ‘‘चौंकाने वाला’’ करार दिया और कहा कि इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘भूपेंद्र सिंह जी का निर्वाचन रद्द करने का आदेश एक दुखद खबर है। स्वाभाविक रूप से भूपेंद्र सिंह जी आदेश के संबंध में और उसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने के संबंध में कदमों के बारे में विधिक परामर्श ले रहे हैं। हमें न्याय मिलने और इस आदेश पर स्थगन मिलने का विश्वास है।’’

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावडा ने आरोप लगाया कि चूड़ास्मा सत्ता के दुरुपयोग और सरकारी अधिकारियों के जरिये जीते लेकिन अदालत का आदेश दिखाता है कि चुनाव प्रक्रिया में ऐसा कोई भी हस्तक्षेप खारिज होगा। यह सच्चाई की जीत है और उसकी हार है, जिस तरीके से भाजपा ने सत्ता और सरकारी अधिकारियों का दुरुपयोग किया। चावडा ने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार ने इस निर्वाचन का तब यह कहते हुए विरोध किया था कि मतों को इसलिए खारिज किया गया क्योंकि वे पार्टी उम्मीदवार (राठौड़) के पक्ष में थे लेकिन चूड़ास्मा को किसी तरह से अवैध तरीके से विजयी घोषित कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि दो वर्ष से अधिक समय बाद उच्च न्यायालय ने अंतत: चूड़ास्ता का निर्वाचन खारिज कर दिया और यह स्पष्ट तौर पर दिखाता है कि भाजपा सरकार ने हमेशा ही सत्ता और सरकारी अधिकारियों का दुरुपयोग किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्तिसिंह गोहिल ने भी उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सत्यमेव जयते।’’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘‘गुजरात के कानून मंत्री को अवैध तरीके से निर्वाचित होना घोषित किया गया है। गुजरात उच्च न्यायालय ने भूपेंद्र सिंह चूड़ास्मा के निर्वाचन को अवैध, अमान्य घोषित कर दिया। उन्होंने 2017 में अपनी जीत अवैध रूप से गढ़ी। गुजरात मॉडल बेनकाब।’’ 

Web Title: gujarat cabinet minister bhupendra singh chudasama appeal in supreme court

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