गाय के लिए सरकार का प्रेम बस कागज पर ही, देश में ‘‘तीव्र’’ रोजगार संकट: चिदंबरम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 19, 2019 05:10 PM2019-10-19T17:10:10+5:302019-10-19T17:10:10+5:30
पूर्व वित्त मंत्री ने रोजगार की कमी के लिए भी सरकार पर हमला बोला और कहा कि देश में ‘‘तीव्र’’ रोजगार संकट है। चिदंबरम अभी धनशोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं और उनकी ओर से उनके परिवार द्वारा किए गए ट्वीट में पूर्व वित्तमंत्री ने दो आर्थिक सूचक पेश किए और लोगों से कहा कि वे अपना निष्कर्ष निकालें।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने देशी नस्लों की पशुओं की संख्या में कथित गिरावट पर शनिवार को केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि गाय के लिए सरकार का प्रेम केवल कागज पर है।
पूर्व वित्त मंत्री ने रोजगार की कमी के लिए भी सरकार पर हमला बोला और कहा कि देश में ‘‘तीव्र’’ रोजगार संकट है। चिदंबरम अभी धनशोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं और उनकी ओर से उनके परिवार द्वारा किए गए ट्वीट में पूर्व वित्तमंत्री ने दो आर्थिक सूचक पेश किए और लोगों से कहा कि वे अपना निष्कर्ष निकालें।
2. Population of indigenous cattle declined by 6% between 2012 and 2019. Meaning, the Government's love for the cow is only on paper. It does not translate into increased productivity or fertility.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 19, 2019
उन्होंने पहला आर्थिक सूचक पोस्ट करते हुए कहा, ‘‘जिन लोगों से पूछा गया उनमें से 50 प्रतिशत से अधिक लोगों ने कहा कि अभी रोजगार की स्थिति बहुत खराब है। तीस प्रतिशत से अधिक लोगों ने कहा कि स्थिति अभी और भी खराब होगी। इसका अर्थ यह है कि बेरोजगारी संकट विकट हो गयी है।’’
ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘देशी नस्ल के पशुओं की संख्या 2012 से 2019 के बीच 6 प्रतिशत घट गई। इसका अर्थ है कि गाय के लिए सरकार का प्रेम बस कागज पर ही है। सरकार के प्रयास से उनकी संख्या में वृद्धि नहीं हो रही।’’ चिदंबरम ने बुधवार को कहा था कि वह दो आर्थिक सूचक प्रतिदिन ट्वीट करेंगे जिससे लोग निष्कर्ष निकाल सकें।