उद्धव सरकार पर पूर्व सीएम फड़नवीस का बड़ा बयान, कहा- महा विकास अघाड़ी के सहयोगी ‘‘लिव इन रिलेशनशिप’’ में हैं
By भाषा | Published: July 31, 2020 07:35 PM2020-07-31T19:35:58+5:302020-07-31T19:43:47+5:30
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट ने कहा था कि महाविकास अघाड़ी एक परिवार की तरह है और हम सभी इसके घटक भाइयों की तरह हैं।
मुंबई: भाजपा नेता देवेन्द्र फड़नवीस ने शुक्रवार को कहा कि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के गठबंधन वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार एक परिवार नहीं है, बल्कि तीनों पार्टियों का ‘‘लिव-इन रिलेशनशिप’’ है। उन्होंने कहा कि वह यह समझने में असफल रहे हैं कि एमवीए सरकार का संचालन किसके हाथों में है क्योंकि सत्तारूढ़ दलों के बीच ‘‘अत्यधिक मनमुटाव’’ है।
सरकार में कलह के बारे में खबरों को खारिज करते हुए महाराष्ट्र के मंत्री और राज्य कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट ने कहा था कि एमवीए एक परिवार की तरह है और इसके घटक भाइयों की तरह हैं। फड़नवीस ने एक मराठी समाचार चैनल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘हम इस सरकार को गिराने वाले नहीं हैं। हमें इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है।’’
फड़नवीस ने कहा कि वैचारिक रूप से भिन्न दलों की सरकार देश में कभी नहीं चल पाई है। उन्होंने कांग्रेस पर एमवीए जैसी सरकार को नहीं चलने देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘उनके बीच अत्यधिक मनमुटाव है। थोराट को कुछ भी कहने दो, उनका एक विभाजित परिवार है। बल्कि यह एक परिवार ही नहीं है। गलत शब्द का इस्तेमाल करने के लिए मुझे माफ कर दो, लेकिन यह एक लिव-इन रिलेशनशिप है।’’
फड़नवीस ने कहा, ‘‘यह सरकार लंबी नहीं चल पायेगी। यह अपने मतभेदों के कारण ही गिर जायेगी। जिस दिन यह गिर जाएगी, हमारे पास जिम्मेदारी होगी और हम एक मजबूत सरकार देंगे।’’ उन्होंने सरकार को तीन इंजनों वाली एक ट्रेन के रूप में बताया। भाजपा नेता ने कहा कि तीसरा इंजन ट्रेन के बीच में है, जिसे उन्होंने जोड़ा, तीन अलग-अलग दिशाओं से खींचा जा रहा है।
उन्होंने कहा,‘‘यह मुख्यमंत्री हैं जो सरकार के प्रमुख हैं, लेकिन बहुत सारे सुपर मुख्यमंत्री, स्व-घोषित मुख्यमंत्री और नेता हैं। लेकिन यह शोध का विषय है, कि सरकार किनके हाथों में है।’’ फड़नवीस ने यह भी स्वीकार किया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजित पवार के साथ पिछले वर्ष सरकार बनाने का उनका प्रयास एक ‘‘असफल प्रयोग’’ था।
उन्होंने कहा कि यह ‘‘बेहतर होता’’ यदि उन्होंने यह कदम नहीं उठाया होता। फड़नवीसऔर पवार के क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद यह सरकार लगभग 80 घंटे चल सकी थी।