कृषि कानूनों के खिलाफ पटना में प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठीचार्ज, कई नेताओं को आईं चोटें, पप्पू यादव भी सड़क पर गिरे
By एस पी सिन्हा | Published: December 22, 2020 08:43 PM2020-12-22T20:43:36+5:302020-12-22T20:45:49+5:30
पंजाब के 32 किसान संगठनों की बैठक हुई और उसमें ये फैसला किया गया कि केंद्र सरकार की चिट्ठी पर कल की बैठक में फैसला लिया जाएगा.
पटनाः कृषि कानूनों के खिलाफ राज भवन मार्च कर रही जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव समेत अन्य समर्थकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया.
इस दौरान पार्टी के कई नेताओं को चोटें आई. दरअसल, किसानों के मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से जन अधिकार पार्टी की ओर से आन्दोलन किया जा रहा था. आज भी पप्पू यादव की जनतांत्रिक विकास पार्टी द्वारा पटना के राजभवन के लिए किसान न्याय मार्च निकाला जाना था. लेकिन पटना जिला प्रशासन ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया.
इतना ही नहीं जाप कार्यकर्ताओं के ऊपर प्रशासन ने लाठीचार्ज के साथ-साथ वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. प्राप्त जानकारी के अनुसार आज पटना के जीरो माइल के पास जाप की ओर से किसान न्याय मार्च का आयोजन किया गया था. जिसके तहत आज जाप की ओर से राजभवन मार्च किया जा रहा था. इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया गया.
अनिश्चितकालीन धरना स्थल बड़ी पहाड़ी, बाइपास से राज भवन कूच करने से पहले ही पुलिस ने धरना स्थल को घेर लिया और आगे बढ़ने से रोक दिया. लाठीचार्ज से पहले पुलिस ने पहले वाटर कैनन का उपयोग कर भीड़ को खत्म करने का प्रयास किया.
किसान न्याय मार्च पर पुलिसिया जुल्म
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) December 22, 2020
लेकिन झुकेंगे नहीं, लड़ेंगे, मरेंगे पर डटे रहेंगे
बेईमान सरकार कानून वापस लो
खाते हो किसान का, गाते हो अडानी-अंबानी का pic.twitter.com/yN34z0zSMI
कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया
जिसके बाद जाप के कार्यकर्त्ता उग्र हो गए. कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इसकी वजह से जीरो माइल के पास भगदड मच गया. कई कार्यकर्ताओं को पुलिस उठाकर ले गई. वहीं एसडीएम कार्यकर्ताओं को समझाते नजर आये. इस घटना में जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव बीच सड़क पर ही गिर गए.
पटना सिटी के एसडीएम ने कोरोना का हवाला देते हुए इस मार्च को अवैध बताया. उन्होंने कहा कि इस मार्च में कोरोना गाइडलाइन्स का उल्लंघन किया जा रहा था, जिस वजह से इस मार्च को रोकना पड़ा. उन्होंने कहा कि जाप कार्यकर्ताओं के पास इस मार्च का कोई अनुमति भी नहीं था और कार्यकर्ता लगातार सड़क पर प्रदर्शन करते नजर आ रहे थे. इसलिए प्रशासन ने यह कदम उठाया है. वहीं, मार्च का नेतृत्व कर रहे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि विरोध प्रदर्शन करना सभी नागरिकों का मूल अधिकार है.
प्रशासन हमें अपने मूल अधिकार से वंचित कर रहा है
आज प्रशासन हमें अपने मूल अधिकार से वंचित कर रहा है. आज देश का अन्नदाता खतरे में हैं. हम किसी तानाशाह के रोकने से नहीं रूकेंगे. हम यह लडाई आखिरी दम तक लडेंगे और लड कर जीतेंगे. लाठीचार्ज की निंदा करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है. मैं इस लाठीचार्ज की घोर निंदा करता हूं.
जनता इस पुलिसिया कार्रवाई का जवाब जरूर देगी. जाप अध्यक्ष ने कहा कि ये कृषि कानून नहीं काला कानून है. हम किसानों की आवाज को उठाते रहेंगे. नरेंद्र मोदी की सरकार 130 करोड़ लोगों का अधिकार छीन मुठ्ठी भर पूंजीपतियों के हाथों में देना चाहती है.
यहां बता दें कि इसके पहले किसान बिल को लेकर पप्पू यादव आन्दोलन कर रहे हैं. इस मामले को लेकर वे हवन और अनशन तक कर चुके हैं. इस मामले को लेकर वे केंद्र और राज्य सरकार पर निशान साधते रहे हैं. जाप किसानों के समर्थन में तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी हुई है. आज धरने का सातवां दिन था.