फेसबुक विवादः निशिकांत दुबे के बाद राज्यवर्द्धन सिंह राठौर ने थरूर के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 20, 2020 06:35 PM2020-08-20T18:35:02+5:302020-08-20T19:14:36+5:30
थरूर सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय समिति के प्रमुख हैं। फेसबुक को लेकर जारी ताजा विवाद के मद्देनजर उन्होंने रविवार को कहा था कि सूचना प्रौद्योगिकी मामले की स्थायी समित इस सोशल मीडिया कंपनी से इस विषय पर जवाब मांगेगी।
नई दिल्लीः भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बाद अब पार्टी के ही एक अन्य सांसद राज्यवर्द्धन सिंह राठौर ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर के खिलाफ बृहस्पतिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा और आपत्ति जताई कि संसदीय समिति के सदस्यों से चर्चा किए बिना उन्होंने फेसबुक के अधिकारियों को इसकी बैठक में बुलाए जाने की अपनी मंशा सार्वजनिक की।
थरूर सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय समिति के प्रमुख हैं। फेसबुक को लेकर जारी ताजा विवाद के मद्देनजर उन्होंने रविवार को कहा था कि सूचना प्रौद्योगिकी मामले की स्थायी समित इस सोशल मीडिया कंपनी से इस विषय पर जवाब मांगेगी।
राठौर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘किसे बुलाया जाना है और बैठक की विषय-वस्तु क्या होगी, इस बारे में बयान देना दुर्भाग्यपूर्ण है और लोकसभा की प्रक्रियाओं का उल्लंघन है। सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय समिति के अध्यक्ष का मीडिया में पहले बोलने की तत्परता समिति के सदस्यों के अलावा समिति की कार्यप्रणाली को भी कमजोर करती है।’’
Wrote to Om Birla against Parliamentary IT Committee's Chairman (Shashi Tharoor) as he flouted rules. We're not against representative of any org being called but he (Tharoor) instead of discussing with us, discusses with media: R Rathore, BJP & Committee member over Facebook row pic.twitter.com/Njx8Z4dC11
— ANI (@ANI) August 20, 2020
राठौर भी इस समिति के सदस्य हैं। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र भी लिखा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री राठौर का कहना है कि समिति के सदस्यों के लिए यह मुद्दा नहीं है कि समिति किसे बुलाती है। देश के नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए समिति चाहे जिसे बुलाए लेकिन इससे पहले इस बारे में समिति में चर्चा होनी चाहिए।
गौरतलब है कि फेसबुक से जुड़ा पूरा विवाद अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ की ओर से प्रकाशित खबर के बाद आरंभ हुआ। इस खबर में फेसबुक के अनाम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में हस्तक्षेप किया था।
इसके बाद थरूर ने फेसबुक से जुड़े विवाद को लेकर कहा था कि सूचना प्रौद्योगिकी मामले की स्थायी समिति इस सोशल मीडिया कंपनी से इस विषय पर जवाब मांगेगी। दुबे ने उनके इस बयान पर आपत्ति जताई थी। इस मामले में थरूर और निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को एक दूसरे के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। दुबे भी कांग्रेस नेता की अध्यक्षता वाली इस स्थायी समिति के सदस्य हैं।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने थरूर को संसदीय समिति के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की
सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय समिति के प्रमुख शशि थरूर के खिलाफ हमले तेज करते हुए अब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर उन्हें समिति के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की है। बिरला को लिखे पत्र में नियमों का हवाला देते हुए दुबे ने उनसे आग्रह किया है कि वह थरूर के स्थान पर किसी दूसरे सदस्य को समिति का अध्यक्ष नियुक्त करें। थरूर को आड़े हाथों लेते हुए दुबे ने आरोप लगाया, ‘‘विदेशी लहजे के साथ ‘स्पेंसेरियन’ अंग्रेजी बोलना किसी व्यक्ति को इस बात की छूट नहीं देता कि वह न सिर्फ हमारे महान संवैधानिक संस्थाओं का अपमान कर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षओं की पूर्ति करे बल्कि हमारे संविधान का भी दुरुपयोग करे।’’
भाजपा सांसद ने कहा कि जब से थरूर इस समिति के अध्यक्ष बने हैं तब से वह इसके कामकाज को गैरपेशेवर तरीके से चला रहे हैं तथा अफवाह फैलाने का अपना राजनीतिक कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं और ‘‘मेरी पार्टी को बदनाम’’कर रहे हैं। दुबे ने अपने पत्र में लिखा, ‘‘शशि थरूर का अपने पद पर बने रहना और समिति की कार्यवाही को नियंत्रित करना बहुत बेहद अनुचित होगा। इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप डाक्टर थरूर को (पद से) हटने के लिए मनाएं और उसके बाद किसी दूसरे सदस्य को समिति के अध्यक्ष का काम सौंपे।’’
गौरतलब है कि फेसबुक से जुड़ा पूरा विवाद अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ की ओर से प्रकाशित खबर के बाद आरंभ हुआ। इस खबर में फेसबुक के अनाम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में हस्तक्षेप किया था। इसके बाद थरूर और दुबे के बीच ट्वीटर पर जबदरदस्त वाकयुद्ध चला।
बाद में थरूर ने फेसबुक से जुड़े विवाद को लेकर कहा था कि सूचना प्रौद्योगिकी मामले की स्थायी समिति इस सोशल मीडिया कंपनी से इस विषय पर जवाब मांगेगी। दुबे ने उनके इस बयान पर आपत्ति जताई थी। इस मामले में थरूर और निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को एक दूसरे के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी दिया है।
We are not favouring any social media. I had said in the Parliament that social media platforms be regulated just like Print and Electronic media, as it propagates a lot of fake and biased news and it infringes on the privacy of people: BJP MP Nishikant Dubey https://t.co/sSJuIarhLz
— ANI (@ANI) August 20, 2020