कश्मीर: भाजपा से निकाले गए गगन भगत एनसी में हुए शामिल, फारूक अब्दुल्ला ने कहा- हमारी सरकार बनी तो 30 दिन में देंगे जम्मू को स्वायत्तता
By भाषा | Published: December 20, 2018 07:56 PM2018-12-20T19:56:17+5:302018-12-20T19:56:17+5:30
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि क्षेत्रीय स्वायत्तता लोगों के जख्मों पर मरहम की तरह काम करेगी क्योंकि इससे हर इलाके को उसका सही प्रतिनिधित्व मिलेगा।
जम्मू, 20 दिसंबर: भाजपा से निष्कासित पूर्व विधायक गगन भगत यहां बृहस्पतिवार को पार्टी अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला की मौजूदगी में नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) में शामिल हो गये। इस दौरान अब्दुल्ला ने राज्य में सत्ता में आने पर जम्मू, लद्दाख और कश्मीर संभागों को क्षेत्रीय स्वायत्तता का वादा किया।
अब्दुल्ला ने यहां पार्टी मुख्यालय में भगत के नेकां में शामिल होने का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘मैं वादा करना चाहता हूं कि अगर ईश्वर की मर्जी हुई और अगली सरकार हमारी बनी तो हम तीन संभागों को स्वायत्तता देने के लिये (30 दिन के अंदर) प्रस्ताव लायेंगे।’’
अपने संक्षिप्त संबोधन में भगत ने नेकां का शुक्रिया अदा किया और कहा कि वह मानवता की सेवा करेंगे और सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों, गरीबों और समाज के वंचित तबके के उत्थान के लिये काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि वह जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूती देने के इरादे से काम करेंगे।
अब्दुल्ला ने कहा कि क्षेत्रीय स्वायत्तता लोगों के जख्मों पर मरहम की तरह काम करेगी क्योंकि इससे हर इलाके को उसका सही प्रतिनिधित्व मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘वहां क्षेत्रीय स्वायत्तता नहीं है, इसलिए यह हमारी पहली प्राथमिकता होने जा रही है। क्षेत्रीय स्वायत्तता दस्तावेज तैयार हैं और इनमें कुछ सुधार की जरूरत है।’’
जम्मू, कश्मीर और लद्दाख पर फारूक अब्दुल्ला
अब्दुल्ला ने कहा कि भगत राज्य के इन तीनों संभागों में सांप्रदायिक सौहार्द, भाईचारा और एकता को मजबूती देंगे।
भगत पेशे से एक डॉक्टर हैं और वह जम्मू जिले में आर एस पुरा विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक हैं। 10 दिसंबर को भाजपा ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया था। उसी दिन उच्चतम न्यायालय ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा राज्य विधानसभा को भंग किये जाने को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
इसके दो दिन बाद ही भगत राज्य पार्टी नेतृत्व के खिलाफ खुलकर सामने आ गये। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी नेतृत्व दलित विरोधी है, इसीलिए भाजपा ने राज्य पार्टी अध्यक्ष और राज्य के महासचिव के खिलाफ ‘‘बेबुनियाद एवं अपमानजनक’’ आरोप लगाने के लिये उन्हें अवमानना का नोटिस दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक दलित हूं और मैंने पार्टी में जुल्म सहा है। यह पार्टी 100 फीसदी दलित विरोधी है... मुझे हमेशा मेरी जाति के हिसाब से फिट बैठने वाला दर्जा दिया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने अपना जनादेश दिया लेकिन उन्हें राष्ट्रपति शासन मिला।’’