कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार का आरोप, पीएम केयर्स फंड में कई चीनी कंपनियों ने दान किए करोड़ों, क्या मोदी अब भी लेंगे पैसा?
By पल्लवी कुमारी | Published: June 29, 2020 08:20 AM2020-06-29T08:20:56+5:302020-06-29T08:20:56+5:30
जब से पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी की घटना हुई है, कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर है। कांग्रेस की मांग है कि पीएम नरेंद्र मोदी को सीमा पर बनी स्थिति के बारे में देश को विश्वास में लेना चाहिए। बीजेपी भी पलटवार का कोई मौका नहीं छोड़ रही है।
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर सिसायत जारी है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी दूतावास से मिले दान पर सवाल उठाने के बाद कांग्रेस ने भी पीएम केयर्स फंड को लेकर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पीएम केयर्स फंड में चीनी कंपनियों की ओर से किए गए दान को लेकर निशाना साधा है।
कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने ट्वीट किया, विवादास्पद और अपारदर्शी पीएम केयर्स फंड में हुआवे (HUAWEI), टिक टॉक (TikTok), ओप्पो (OPPO), शाओमी (XIAOMI) जैसी चीनी कंपनियों से करोड़ों का डोनेशन स्वीकार किया गया है। जब चीनी भारत पर हमला कर रहे हैं, तो क्या पीएम ऐसे दानों को स्वीकार कर अपनी स्थिति से समझौता नहीं कर रहे? प्रधानमंत्री इसपर क्या जवाब देंगे?
Hundreds of Crores of donations from Chinese companies like HUAWEI, TikTok, OPPO & XIAOMI have been accepted in the controversial & opaque fund PM CARES
— DK Shivakumar (@DKShivakumar) June 28, 2020
Isn't the PM compromising his position by accepting such donations when the Chinese are attacking India? Will the PM answer? pic.twitter.com/YldvuGeNQb
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कांग्रेस पर राजीव गांधी फाउंडेशन को लेकर लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस के खिलाफ हमले तेज करते हुए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार (27 जून) को चीन और राजीव गांधी फाउंडेशन के कथित संबंधों को लेकर कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी से 10 सवाल पूछे और कहा कि पार्टी दोहरे चरित्र वाले नेताओं का चेहरा उजागर करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। जेपी नड्डा ने कहा, मैं सोनिया गांधी से कहना चाहता हूं कि चीन और कोरोना वायरस संकट की आड़ में उन्हें उन सवालों से नहीं बचना चाहिए जिनका जवाब देश जानना चाहता है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत हित में विदेशी शक्तियों से धन स्वीकार करना राष्ट्रीय हित का बलिदान है।
जेपी नड्डा ने सवाल किया, क्या व्यक्तिगत ट्रस्टों के लिए विदेशी शक्तियों से धन स्वीकार करके राष्ट्रीय हित के साथ खिलवाड़ करना शर्म की बात नहीं है?
जेपी नड्डा ने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005 से 2006 के बीच प्रत्येक साल अनुदान राशि मिली। उन्होंने कहा कि इसके अलावा ‘टैक्स हैवेन’ कहे जाने वाले देश लक्जेमबर्ग से 2006 से 2009 के बीच अनुदान राशि मिली।
नड्डा के अनुसार, हवाला कारोबार के लिए लक्जेमबर्ग की एक विशेष पहचान है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि गैर सरकारी संगठनों और कंपनियों ने व्यावसायिक हितों के साथ राजीव गांधी फाउंडेशन को अनुदान राशि देने का काम किया।
जेपी नड्डा ने कहा, पी. चिदंबरम, जो खुद आज-कल जमानत पर हैं, बता रहे हैं कि राजीव गांधी फाउंडेशन चीनी दूतावास से ली गई अनुदान राशि लौटा देगा। यदि सोनिया-मनमोहन की पूर्ववर्ती सरकार के वित्त मंत्री स्वयं यह कबूल कर रहे हैं तो यह एक तरह से स्वीकारोक्ति है कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने देश के अहित में अनैतिक तरीके से अनुदान लिया।
जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस को चीन के साथ अपने कथित संबंधों और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ किए गए समझौता ज्ञापन पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 2004 में 1.1 अरब डॉलर का था जो बढ़कर 2013-14 में 36.2 अरब डॉलर हो गया। उन्होंने सवाल किया कि क्या इसके एवज में कांग्रेस को लाभ मिला था। साल 2004 से 2014 के बीच केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार थी।