कांग्रेस-जदएस में मतभेद चरम पर, कर्नाटक में 15 विधानसभा उपचुनाव लड़ेंगे अलग-अलग
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 17, 2019 03:29 PM2019-10-17T15:29:04+5:302019-10-17T15:29:04+5:30
जद(एस) प्रमुख एच डी देवगौड़ा ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि जद(एस) के अयोग्य ठहराये गये तीन विधायकों को पार्टी में वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा ‘‘विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये गये विधायकों का मामला सुनवाई के लिये 22 अक्टूबर को उच्चतम न्यायालय के समक्ष आने की संभावना है। देखते हैं न्यायालय से क्या फैसला आता है।’’
जद(एस) प्रमुख एच डी देवगौड़ा ने कहा कि उनकी पार्टी पांच दिसंबर के उपचुनावों में सभी 15 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक विधानसभा के तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अयोग्य करार दिये गये विधायकों ने इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। वहीं, चुनाव आयोग ने शीर्ष न्यायालय में इन चुनौतियों पर फैसला लंबित रहने तक उपचुनाव टालने का फैसला किया था। यह उपचुनाव अब पांच दिसंबर को होने का कार्यक्रम है।
देवगौड़ा ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि जद(एस) के अयोग्य ठहराये गये तीन विधायकों को पार्टी में वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा ‘‘विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये गये विधायकों का मामला सुनवाई के लिये 22 अक्टूबर को उच्चतम न्यायालय के समक्ष आने की संभावना है। देखते हैं न्यायालय से क्या फैसला आता है।’’
देवगौड़ा ने कहा, ‘‘यदि न्यायालय तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष के फैसले(विधायकों को अयोग्य करार देने) को कायम रखता है तो उपचुनाव होंगे। यदि नहीं तो कार्यक्रम के मुताबिक उपचुनाव नहीं हो सकेंगे।’’ पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके बेटे एवं पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी सभी 15 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के फैसले के बारे में पहले ही बोल चुके हैं और इस विषय पर पार्टी के अंदर कोई मतभेद नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोगों का यह मानना है कि जद(एस) सिर्फ पुराने मैसूर क्षेत्र में अपने उम्मीदवार सकती है जहां पार्टी मजबूत है...जीत या हार अलग चीज है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उपचुनाव वाली सभी 15 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रहे हैं।’’
गौरतलब है कि कांग्रेस और जद(एस) ने लोकसभा चुनाव आपस में गठबंधन कर लड़ा था और राज्य में गठबंधन सरकार भी चलाई। लेकिन उन्होंने उपचुनाव अपने-अपने बूते लड़ने का फैसला किया है। उपचुनाव वाली 15 सीटों में 12 का प्रतिनिधित्व कांग्रेस जबकि तीन का प्रतिनिधित्व जद(एस) के विधायक कर रहे थे।