उपसभापति चुनावः मनोज झा और हरिवंश सिंह में मुकाबला, विपक्ष  के पास नहीं है पर्याप्त संख्या बल, RJD सांसद हारेंगे!

By शीलेष शर्मा | Published: September 11, 2020 08:36 PM2020-09-11T20:36:53+5:302020-09-11T20:36:53+5:30

अभी तक कांग्रेस की कोशिशों के बाद जिन प्रमुख दलों का समर्थन मनोज झा के पक्ष में नज़र आ रहा है, उनमें कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी, सपा, नेशनल कांफ्रेंस, सीपीएम, सीपीआई, डीएमके, जेएमएम आरजेडी जैसे दल शामिल हैं। 

Deputy Speaker Election Manoj Jha and Harivansh Singh Opposition not have enough strength RJD MP will lose | उपसभापति चुनावः मनोज झा और हरिवंश सिंह में मुकाबला, विपक्ष  के पास नहीं है पर्याप्त संख्या बल, RJD सांसद हारेंगे!

हरिवंश अपने पिछले कार्यकाल तक उपसभापति थे। वह एक बार फिर बिहार से उच्च सदन के लिए चुने गए हैं। (file photo)

Highlightsमनोज झा का जीतना नामुमकिन दिख रहा है, क्योंकि कांग्रेस सहित तमाम दूसरे दल जो झा का समर्थन कर रहे हैं।टीआरएस, वाईएसआर  कांग्रेस, टीडीपी, बीजू जनता दल जैसे राजनीतिक क्षेत्रीय दल शामिल हैं। झा ने सभी सांसदों को पत्र लिख कर संघीय ढाँचे और क्षेत्रीय दलों के महत्व को रेखांकित करते हुए अपने पक्ष में मतदान करने को कहा है।

नई दिल्लीः राज्य सभा में उपसभापति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार मनोज झा का जीतना नामुमकिन दिख रहा है, क्योंकि कांग्रेस सहित तमाम दूसरे दल जो झा का समर्थन कर रहे हैं।

विपक्ष के क्षेत्रीय दलों का समर्थन अभी तक नहीं जुटा पाए हैं। इनमें टीआरएस, वाईएसआर  कांग्रेस, टीडीपी, बीजू जनता दल जैसे राजनीतिक क्षेत्रीय दल शामिल हैं। अभी तक कांग्रेस की कोशिशों के बाद जिन प्रमुख दलों का समर्थन मनोज झा के पक्ष में नज़र आ रहा है, उनमें कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी, सपा, नेशनल कांफ्रेंस, सीपीएम, सीपीआई, डीएमके, जेएमएम आरजेडी जैसे दल शामिल हैं। 

इनके अलावा कुछ छोटे दलों का भी समर्थन जुटा लिया गया है। संख्या बल के अभाव में मनोज झा ने सभी सांसदों को पत्र लिख कर संघीय ढाँचे और क्षेत्रीय दलों के महत्व को रेखांकित करते हुए अपने पक्ष में मतदान करने को कहा है। 

मनोज झा के पत्र से इस बात की साफ़ झलक मिलती है कि वह मान चुके हैं कि राजग उम्मीदवार हरवंश सिंह से उनका मुक़ाबला केवल प्रतीकात्मक है, क्योंकि यह चुनाव संख्या बल के आधार पर लड़ा जा रहा है और भाजपा सत्ता में होने के कारण संख्या बल जुटाने में कामयाब हो जायेगी। मनोज झा का कहना था कि हार जीत महत्व नहीं रखती, लोकतंत्र में विपक्ष का उम्मीदवार होना साबित करता है कि सत्तारूढ़ दल संख्या बल के आधार पर विपक्ष की आवाज़ को नहीं दबा सकता।  

हरिवंश अपने पिछले कार्यकाल तक उपसभापति थे। वह एक बार फिर बिहार से उच्च सदन के लिए चुने गए हैं। झा राजनीति में आने से पहले दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षक थे। वह राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं। राजद और जद (यू) बिहार की धुर विरोधी पार्टियां हैं। राज्य में जल्दी ही विधानसभा चुनाव होने हैं।

हरिवंश ने पिछली बार अगस्त 2018 में हुए चुनाव में कांग्रेस नेता बी के हरिप्रसाद को 105 मतों की तुलना में 125 मतों से पराजित किया था। उस समय से उच्च सदन में राजग की स्थिति और मजबूत हुयी है। हरिवंश ने बुधवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। सूत्रों ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बातचीत की और उनसे हरिवंश के लिए अपनी पार्टी का समर्थन मांगा। पटनायक की पार्टी बीजद ने पिछले चुनाव में हरिवंश का समर्थन किया था। 

Web Title: Deputy Speaker Election Manoj Jha and Harivansh Singh Opposition not have enough strength RJD MP will lose

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