दिल्ली विधानसभा चुनावः अकाली दल नहीं लड़ेगा चुनाव, कई सीटों पर प्रभावित हो सकता है बीजेपी का गणित
By भाषा | Published: January 20, 2020 11:15 PM2020-01-20T23:15:41+5:302020-01-20T23:15:41+5:30
अकाली दल नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा के साथ चुनाव से संबंधित तीन बैठकों में उनकी पार्टी से सीएए पर उसके रुख पर विचार करने को कहा गया।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख से एक दिन पहले शिरोमणि अकाली दल ने सोमवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर सहयोगी भाजपा द्वारा उसका रुख बदलने के लिए कहे जाने की वजह से वह अगले महीने होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में नहीं उतरेगी।
दिल्ली में कालकाजी, तिलक नगर, हरि नगर और राजौरी गार्डन जैसी कई सिख बहुल सीटें हैं जहां अकाली दल का प्रभाव है। अकाली दल नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा के साथ चुनाव से संबंधित तीन बैठकों में उनकी पार्टी से सीएए पर उसके रुख पर विचार करने को कहा गया।
सिरसा ने कहा, ‘‘भाजपा के साथ हमारी बैठक में हमसे सीएए पर रुख पर फिर से विचार करने को कहा गया लेकिन हमने ऐसा करने से मना कर दिया। शिरोमणि अकाली दल की पुरजोर राय है कि मुसलमानों को सीएए से अलग नहीं रखा जा सकता।’’ अकाली नेता सिरसा ने राजौरी गार्डन विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर 2017 का उपचुनाव लड़ा था और वह जीते थे। उन्होंने कहा, ‘‘हम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के भी पुरजोर खिलाफ हैं।’’
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि चुनाव नहीं लड़ने का रुख अकाली दल का है। तिवारी ने कहा, ‘‘अकाली दल हमारे सबसे पुराने सहयोगी दलों में से है। उसने नागरिकता कानून पर संसद में हमें समर्थन दिया है। अगर वे चुनाव नहीं लड़ना चाहते तो यह उनका रुख है।’’ सिरसा ने इस अटकल को खारिज कर दिया कि उनकी पार्टी ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि भाजपा ने उनके सीट बंटवारे के फॉर्मूले को स्वीकार नहीं किया।