CWC की बैठक में सोनिया गांधी का पीएम मोदी पर निशाना, कोरोना संकट में सरकार के आर्थिक पैकेज को बताया खोखला
By विनीत कुमार | Published: June 23, 2020 12:07 PM2020-06-23T12:07:55+5:302020-06-23T12:07:55+5:30
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही है। इस बैठक में मनमोहन सिंह सहित राहुल गांधी और कई दूसरे कांग्रेस के नेता हिस्सा ले रहे हैं।
कोरोना संकट और चीन से लद्दाख सीमा पर तनातनी के बीच सोनिया गांधी ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। सोनिया गांधी ने मंगलवार को कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) की बैठक में कहा है कि कोरोना के मद्देनजर केंद्र सरकार की ओर से घोषित आर्थिक पैकेज पूरी तरह खोखला है।
CWC की इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राहुल गांधी समेत अन्य कांग्रेस नेता हिस्सा ले रह हैं। सोनिया ने कहा, 'भारत को कोरोना महामारी और चीन से बॉर्डर पर गतिरोध के बीच बड़े आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा रहा है। इसका एक बड़ा कारण बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का कुप्रबंधन और गलत नीतियां भी हैं। ये समय था कि सीधे गरीबों के हाथों में पैसे दिए जाते और MSME सहित बाजार में मांग को बरकरार रखा जाता। इसकी बजाय सरकार ने एक खोखले पैकेज की घोषणा की है।'
सोनिया गांधी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कुप्रबंधन को मोदी सरकार की ‘सबसे विनाशकारी विफलताओं’ के तौर पर दर्ज किया जाएगा।
Sonia Ji says-
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 23, 2020
“The need of hour is a massive fiscal stimulus, putting money directly in the hands of the poor, protecting and nurturing the MSMEs & stimulating demand.
Instead,Govt announced a hollow financial package that had a fiscal component of less than 1 per cent of GDP.”
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम पर सरकार को घेरा
सोनिया गांधी ने देश में लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दाम पर भी मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार ने लगातार 17 दिनों तक पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाते हुए लोगो की मुसीबत और बढ़ाई है। सोनिया ने कहा कि ये उस समय हो रहा है जब कच्चे तेल के दाम गिरे हैं।
वहीं, मनमोहन सिंह ने इस बैठक में कहा कि कोरोना वायरस महामारी से उस साहस और प्रयास से नहीं निपटा गया, जिससे इस संकट से निपटा जाना चाहिए था। साथ ही चीन से जारी गतिरोध को लेकर पूर्व पीएम ने कहा कि कि सीमा पर संकट से अगर दृढ़ता से नहीं निपटा गया, तो यह एक गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकता है।