महाराष्ट्र: माकपा और एआईकेएस ने आदिवासी संग्राम के 75 वर्षों का मनाया जश्न

By भाषा | Published: May 23, 2020 03:29 PM2020-05-23T15:29:26+5:302020-05-23T15:29:26+5:30

वर्ली आदिवासी संग्राम के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) ने मनाया।

CPI-M and AIKS celebrate 75 years of tribal struggle in Maharashtra | महाराष्ट्र: माकपा और एआईकेएस ने आदिवासी संग्राम के 75 वर्षों का मनाया जश्न

एकजुटता के बूते आदिवासियों ने जरी सम्मेलन के कुछ महीनों के भीतर खुद बंधुआ मजदूरी और विवाह गुलामी की कुप्रथा को समाप्त कर दिया। (फाइल फोटो)

Highlightsबयान में बताया गया कि एआईकेस नीत संघर्ष और अपनी एकजुटता के बूते आदिवासियों ने जरी सम्मेलन के कुछ महीनों के भीतर खुद बंधुआ मजदूरी और विवाह गुलामी की कुप्रथा को समाप्त कर दिया।बयान में कहा गया कि इस संग्राम का असर नासिक, नंदूरबार, अहमदनगर, पुणे, नांदेड़, यवतमाल और अन्य कई जिलों में देखने को मिला।

मुंबई: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) ने वर्ली आदिवासी संग्राम के 75 वर्ष पूरे होने का शनिवार को जश्न मनाया। संगठनों ने बताया कि उन्होंने महाराष्ट्र के ठाणे जिले और अन्य हिस्सों में गांवों में घरों के ऊपर लाल झंडा फहराकर यह दिन मनाया। 

बयान के मुताबिक, इस दिन 1945 में जिल के उस वक्त के अम्बरगांव तहसील (अब तलासरी) के जरी गांव में एक सम्मेलन का आयोजन हुआ था जहां एआईकेएस नेताओं शामराव परुलेकर और गोदावरी परुलेकर ने “बंधुआ मजदूर और शादी की गुलामी की घृणित सामंती व्यवस्था को समाप्त करने का आह्वान किया था जिसे उस वक्त पैर पसारे हुए 100 वर्ष से अधिक समय हो गया था।” 

बयान में बताया गया कि एआईकेस नीत संघर्ष और अपनी एकजुटता के बूते आदिवासियों ने जरी सम्मेलन के कुछ महीनों के भीतर खुद बंधुआ मजदूरी और विवाह गुलामी की कुप्रथा को समाप्त कर दिया। इसने कहा कि इस संघर्ष ने वेतन, जंगल और जमीन के अधिकार, और बाद में जल, भोजन, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों को भी उठाया। बयान में कहा गया कि इस संग्राम का असर नासिक, नंदूरबार, अहमदनगर, पुणे, नांदेड़, यवतमाल और अन्य कई जिलों में देखने को मिला। 

एआईकेएस नेता अशोक धावले ने फोन पर पीटीआई-भाषा को बताया, “आज, सैकड़ों नेताओं, हजारों कार्यकर्ताओं और 64 आदिवासी शहीदों के पिछले 75 वर्ष के उत्कृष्ट योगदान की पूरे राज्य में झंडा फहरा कर प्रशंसा की जा रही है और ऐसा करते वक्त कोरोना वायरस के मद्दमनजर सामाजिक दूरी का पालन किया गया है।” एआईकेएस ने कहा कि वह कोविड-19 संकट के बीच गरीबों तक मदद पहुंचाने में मोदी सरकार की ‘‘विफलता” के खिलाफ 27 मई को प्रदर्शनों का आयोजन करेगी।

Web Title: CPI-M and AIKS celebrate 75 years of tribal struggle in Maharashtra

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