राहुल गांधी पर बीजेपी का पलटवार, कहा- वे बिना तथ्यों को जाने और समझे मीडिया के सामने आ जाते हैं
By रामदीप मिश्रा | Published: May 8, 2020 03:06 PM2020-05-08T15:06:14+5:302020-05-08T15:06:14+5:30
राहुल गांधी ने सुझाव दिया कि इस संकट के खिलाफ सिर्फ प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती और ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्रियों पर विश्वास करना एवं राज्यों को साझेदार बनाना होगा।
नई दिल्लीः कोरोना वायरस के फैले प्रकोप के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार (08 मई) को प्रेस कॉन्फ्रेस कर देश की नरेंद्र मोदी सरकार को सुझाव दिए। उन्होंने कोरोना वायरस से जुड़ा डर का माहौल खत्म करने की जरूरत पर जोर दिया। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राहुल गांधी पर पलटवार किया।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, बीजेपी के नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 'हमारी सरकार विपक्ष के सभी प्रकार के सुझावों का स्वागत करती है, लेकिन यह रचनात्मक और पर्याप्त होना चाहिए। राहुल गांधी को ऐसे तथ्य नहीं पता होंगे जो उनकी सामान्य प्रवृत्ति है, बिना तथ्यों को जाने और समझे वे मीडिया के सामने आते हैं।'
राहुल गांधी ने सुझाव दिया कि इस संकट के खिलाफ सिर्फ प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती और ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्रियों पर विश्वास करना एवं राज्यों को साझेदार बनाना होगा। इस पर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा उन्हें (राहुल) इस बात की जानकारी नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन बार राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा कर चुके हैं।
Our government welcomes all sorts of suggestions from opposition but it should be constructive&substantial. Rahul Gandhi might not have known facts which is his usual tendency,without knowing&understanding facts he comes in front of media: BJP leader Dr Sudhanshu Trivedi #COVID19pic.twitter.com/FGpsRm6rIO
— ANI (@ANI) May 8, 2020
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पैसे को सीधा ट्रांसफर करने की बात कर रहे हैं, जोकि पहले से ही किया जा रहा है। साथ ही साथ तमाम राज्य सरकारें भी सीधा पैसा ट्रांसफर कर रही हैं। उन्हें कुछ ज्ञान प्राप्त चाहिए। इसके अलावा कुछ तथ्यों को सीखने की जरूरत है।
राहुल गांधी ने संवाददताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार के कदमों में पारदर्शिता होनी चाहिए तथा सरकार छोटे कारोबारों की तत्काल मदद करे और गरीबों एवं मजदूरों के खातों में 7500 रुपये डाले। अगर हमें लॉकडाउन से बाहर निकलना है तो हमें डर खत्म करना होगा। यह बताना होगा कि कोरोना वायरस 99 प्रतिशत लोगों के लिए खतरनाक नहीं हैं। जिन एक फीसदी लोगों के लिए यह खतरनाक है उनकी हमें सुरक्षा करनी होगी।
गांधी ने कहा कि आज हमें यह भूलना होगा कि मैं मीडिया से हूं, कांग्रेस से हूं, आरएसएस से हूं या भाजपा से हूं। हम सबसे पहले हिन्दुस्तानी है। हमें हिन्दुस्तान के अंदर से डर निकालना होगा। आज स्थिति सामान्य नहीं है। इसमें सामान्य समाधान नहीं निकलने वाला है। अगर हम विकेंद्रीकरण करके इस लड़ाई को जिला स्तर तक ले जाएं, तो समाधान निकल सकता है। अगर हम इस लड़ाई को पीएमओ तक रखेंगे, तो हार हो सकती है।
कांग्रेस नेता के मुताबिक एक मज़बूत प्रधानमंत्री के साथ हमें मज़बूत मुख्यमंत्री , मज़बूत डीएम और भी बहुत सारे मज़बूत लोग चाहिएं जो समस्या को ज़मीन पर ही ख़त्म कर सकें।
एक सवाल के जवाब में गांधी ने यह भी कहा कि 'पीएम केयर्स' कोष का ऑडिट होना चाहिए। कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से राज्यों में स्थिति को लेकर मनमोहन सिंह जी, सोनिया गांधी जी और मेरी बात हुई है। उन्होंने विकेंद्रीकरण पर जोर दिया है।