कोविड-19 पर भाजपा और शिवसेना में ठनीः उद्धव ठाकरे सरकार विरोधी प्रदर्शन पर जंग तेज, ट्वीट वार जारी
By भाषा | Published: May 22, 2020 02:07 PM2020-05-22T14:07:24+5:302020-05-22T14:07:24+5:30
कोरोना वायरस को लेकर भाजपा और शिवसेना में ठन गई है। भाजपा ने उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ प्रदर्शन तेज कर दिया है। भाजपा ने कहा कि सरकार विफल हो गई है। वहीं शिवसेना ने कहा कि भाजपा राजनीति कर रही है।
मुंबईः महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ भाजपा का विरोध प्रदर्शन पार्टी पर ही उल्टा पड़ेगा।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार के महामारी से निपटने के तरीके की तुलना केरल के मॉडल से करने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल की आलोचना की। संपादकीय में कहा गया है, ‘‘ऐसा लगता है कि पाटिल ने केरल मॉडल का अध्ययन नहीं किया है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन केंद्र के दिशा निर्देशों का पालन नहीं करते और उन्हें लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंस में भाग लेना समय की बर्बादी है।’’ मराठी दैनिक अखबार ने भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र में प्रदर्शन करने के बजाय पाटिल और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को केरल में प्रदर्शन करना चाहिए।
उसने सवाल किया, ‘‘अगर विपक्ष को राज्य की चिंता है और उसके पास महामारी से लड़ने के लिए कोई सुझाव है तो उन्हें मुख्यमंत्री के साथ इस पर चर्चा करनी चाहिए। क्या विपक्षी दल को ऐसा करने में शर्म है या वह अपना आत्म विश्वास खो चुका है।’’ संपादकीय में इस बात पर जोर दिया गया है कि राज्य में हर दिन भले ही कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन ज्यादातर मरीज संक्रमण से स्वस्थ भी हो रहे हैं।
शिवसेना ने भाजपा पर विरोध प्रदर्शन को लेकर साधा निशाना, कहा: भाजपा महामारी को राजनीतिक रंग दे रही
महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के विरोध प्रदर्शन की योजना की आलोचना करते हुये सत्तारूढ़ शिवसेना ने कहा कि पार्टी कोरोना वायरस महामारी को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है। भाजपा ने शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार के खिलाफ शुक्रवार को राज्यव्यापी प्रदर्शन की अपील की है।
भाजपा का आरोप है कि यह सरकार माहाराष्ट्र में महामारी को नियंत्रण में करने में विफल रही। शिवसेना ने एक ट्वीट में कहा कि विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस को सलाह देनी चाहिए कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई कैसे लड़ी जाए। विरोध प्रदर्शन से तो लोग जमा होंगे और इसका उल्टा प्रभाव पड़ेगा। शिवसेना ने कहा, ‘‘गुजरात में जो हुआ, उसे हमें दोहराना नहीं चाहिए और राज्य की पुलिस पर भार नहीं डालना चाहिए।’’ महाराष्ट्र के भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल के बयान का हवाला देते हुए शिवसेना ने कहा कि वह इस बयान की निंदा करते हैं।
पाटिल ने पार्टी कार्यकर्ताओं को विरोध करने के तरीके बताए थे। शिवसेना ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों से अपील करते हैं कि वे एकजुट होकर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ें और भाजपा की राज्य इकाई संकट को राजनीतिक रंग दे रही है।’’
शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्य के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि भाजपा को पहले गुजरात में अपने मुख्यमंत्री को सलाह देनी चाहिए कि वह सूरत और अन्य स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों के विरोध प्रदर्शन को कैसे रोकें और शांत कराएं। महाराष्ट्र में बृहस्पतिवार शाम तक कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 41,000 के पार जा चुके हैं और अब तक 1,400 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।