कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीएम नरेंद्र मोदी के 'ईमानदार प्रयासों' की प्रशंसा की, जानिए क्या है पूरा मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 13, 2020 09:47 PM2020-05-13T21:47:41+5:302020-05-13T21:47:41+5:30
आम तौर पर जून के अंतिम या जुलाई के पहले हफ्ते में शुरू होने वाले मॉनसून सत्र में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से देरी की आशंका के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को कहा था कि संसद का मानसून सत्र अब भी समय पर हो सकता है।
कोलकाताः लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ''ईमानदार प्रयासों'' की प्रशंसा की है।
पश्चिम बंगाल की बरहामपुर लोकसभा सीट का पांचवी बार प्रतिनिधित्व कर रहे सांसद चौधरी ने बीती रात मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहे बेरोजगार प्रवासियों को अगर मुफ्त में टिकट नहीं दिया जा सकता तो टिकट के दाम कम कर दिए जाएं।
चौधरी ने पत्र में लिखा, ''मैं प्रवासी कामगारों, रोगियों और उनके परिवारों, छात्रों, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को 300 विशेष ट्रेनों के जरिये उनके घर भेजने के आपके ईमानदार प्रयासों की प्रशंसा करता हूं।'' उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिक और अपने घरों से दूर रहने वाले लोग अब एक गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। वे किराया वहन नहीं कर सकते हैं, जो काफी अधिक है और उनकी पहुंच से परे है।
पूर्व रेल राज्य मंत्री चौधरी ने लिखा, ''अगर मुफ्त में यात्रा का प्रबंध नहीं किया जा सकता तो कृपया टिकट के दाम घटाने पर विचार करें।'' गौरतलब है कि प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं को कथित तौर पर सही तरीके से हल न कर पाने को लेकर मोदी सरकार की लगातार आलोचना कर रही कांग्रेस यह ऐलान भी कर चुकी है कि जरूरतमंद प्रवासी श्रमिकों की रेल यात्रा का खर्च पार्टी की राज्य इकाइयां वहन करेंगी।
प्रवासी कामगारों की सुरक्षित वापसी केंद्र की प्राथमिक चिंता होनी चाहिए : अधीर रंजन चौधरी
केंद्र द्वारा अपनी प्राथमिकताएं सही तरीके से तय करने पर जोर देते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि फंसे हुए प्रवासी कामगारों और तीर्थ यात्रियों को घर भेजना अब भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की प्राथमिक चिंता होनी चाहिए। संसद के मानसून सत्र को लेकर अनिश्चितता पर चौधरी ने कहा कि यह सरकार को तय करना है कि कार्यवाही कब और कैसे शुरू हो। उन्होंने सुझाव दिया कि सदस्य आभासी तरीके से भी कार्यवाही से जुड़ सकते हैं।
पूर्व रेल राज्य मंत्री ने कहा, “केंद्र 12 मई से यात्री रेल सेवा शुरू करने की योजना बना रहा है। इस फैसले से हमें कोई परेशानी नहीं है। हालांकि, हमें लगता है कि सरकार को फंसे हुए श्रमिकों और तीर्थयात्रियों की सुरक्षित वापसी को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अपनी प्राथमिकताएं सही तय करना सीखना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, “महामारी की शुरुआत से ही केंद्र ठोस नीतियां लाने में विफल रहा है…उसे निर्णायक रूप से काम करना चाहिए न कि आनन-फानन में प्रतिक्रिया के भरोसे रहना चाहिए।”
भारतीय रेल ने रविवार को घोषणा की थी कि वह 12 मई धीरे-धीरे यात्री रेलों का संचालन शुरू कर रही है और पहले 15 जोड़ी ट्रेनों का संचालन होगा। कोविड-19 के मद्देनजर 25 मार्च को लागू देशव्यापी बंद से पहले ही यात्री रेल सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं।
चौधरी ने कहा, “मार्च के पहले और दूसरे हफ्ते में जब कोविड-19 महामारी तेजी से फैल रही थी तो हमने सरकार से संसद की कार्यबाही बंद करने का सरकार से अनुरोध किया था लेकिन उसने नहीं सुनी। वह सत्ता हासिल करने के लिये मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को हटाने में व्यस्त थी। जब वह हो गया, तब लॉकडाउन लागू किया गया।”