कच्चे तेल के दामों में गिरावट, सरकार जनता को मिलने वाला सारा फायदा अपने सूटकेस में भर रही है, प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर केंद्र पर बोला हमला
By भाषा | Published: May 6, 2020 02:23 PM2020-05-06T14:23:40+5:302020-05-06T14:23:40+5:30
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मोदी सरकार पर हमला किया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि ये कौन सा राजधर्म है। जनता को फायदा नहीं मिल रहा है। सरकार अपना जेब भर रही है।
नई दिल्लीः कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाए जाने को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए बुधवार को सवाल किया कि जब किसानों और मजदूरों की मदद नहीं हो रही है तो फिर किसके लिए पैसा इकट्ठा किया जा रहा है?
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट का फायदा जनता को मिलना चाहिए। लेकिन भाजपा सरकार बार-बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर जनता को मिलने वाला सारा फायदा अपने सूटकेस में भर लेती है।’’ कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने दावा किया, ‘‘कच्चे तेल की कीमत में गिरावट का फायदा जनता को मिल नहीं रहा है और जो पैसा इकट्ठा हो रहा है उससे भी मजदूरों, मध्यम वर्ग, किसानों और उद्योगों की मदद हो नहीं रही है।’’ प्रियंका ने सवाल किया कि आख़िर सरकार पैसा इकट्ठा किसके लिए कर रही है?
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘कच्चे तेल के दाम लगातार गिर रहे हैं। तेल के कम दामों का फ़ायदा जो पेट्रोल-डीज़ल की कम क़ीमतों से किसान-दुकानदार-व्यापारी-नौकरीपेशा वर्ग को होना चाहिए, उसे कर लगा भाजपा सरकार अपनी जेब में डाल रही है। क्या जनता को लूट जेबें भरना “राजधर्म” है?’’
केंद्र सरकार ने मंगलवार रात को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 10 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते मांग नहीं होने के कारण पिछले माह ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल 18.10 डॉलर के निम्न स्तर पर पहुंच गई थी। यह 1999 के बाद से सबसे कम कीमत थी। हालांकि इसके बाद कीमतों में थोड़ी वृद्धि हुई और यह 28 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई।
.. किसानों की और उद्योगों की मदद हो नहीं रही है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 6, 2020
आख़िर सरकार पैसा इकट्ठा किसके लिए कर रही है? 2/2
कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने आर्थिक पैकेज की मांग उठाई
कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कोरोना महामारी के कारण राजस्व के भारी नुकसान का उल्लेख करते हुए बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार को प्रदेशों के लिए आर्थिक पैकेज देना चाहिए। पार्टी अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में मुख्यमंत्रियों ने यह आरोप भी लगाया कि कोरोना से संबंधित जोन का निर्धारण करने के लिए केंद्र की तरफ से राज्यों के साथ सलाह-मशविरा नहीं किया जा रहा है।
इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम भी शामिल हुए। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के अनुसार बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘‘जब तक व्यापक प्रोत्साहन पैकेज नहीं दिया जाता तब तक राज्य और देश कैसे चलेगा? हमें 10 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। राज्यों ने प्रधानमंत्री से पैकेज के लिए लगातार आग्रह किया है, लेकिन हमें अब तक भारत सरकार से कुछ नहीं पता चला।’’
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे राज्यों को तत्काल सहायता की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां 80 फीसदी छोटे उद्योग फिर से आरंभ हो गए हैं और 85,000 कामगार काम पर लौट चुके हैं।’’
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आरोप लगाया कि दिल्ली में बैठे लोग जमीनी हकीकत जाने बिना कोविड-19 के जोन का वर्गीकरण कर रहे हैं, जो चिंताजनक बात है। पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने भी कहा, ‘‘भारत सरकार राज्यों के साथ विचार-विमर्श किए बिना जोन का निर्धारण कर रही है और इससे अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो रही है। किसी मुख्यमंत्री के साथ विचार-विमर्श क्यों नहीं किया गया?’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों के लिए आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के बारे में एक शब्द नहीं बोले हैं।