India Lockdown: गृह मंत्रालय ने कहा- पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन का असर कम, पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान धार्मिक जमावड़े की अनुमति दी

By भाषा | Published: April 11, 2020 04:57 PM2020-04-11T16:57:24+5:302020-04-11T16:57:24+5:30

गृह मंत्रालय ने कहा था कि 24,25,27 मार्च और दो, तीन अप्रैल को उसके द्वारा लॉकडाउन को लेकर जारी समेकित दिशानिर्देशों का अनुपालन भारत सरकार के मंत्रालयों, विभागों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किया जाना चाहिए।

Corona virus India Home Ministry impact lockdown West Bengal less police allowed religious gathering | India Lockdown: गृह मंत्रालय ने कहा- पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन का असर कम, पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान धार्मिक जमावड़े की अनुमति दी

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसकी अवधि 14 अप्रैल तक है। (file photo)

Highlightsप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस संकट के कारण उत्पन्न स्थिति पर शनिवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से चर्चा की।अधिकांश राज्यों ने लॉकडाउन दो सप्ताह बढ़ाने का आग्रह किया था और सरकार इस अनुरोध पर विचार कर रही है।

नई दिल्लीः देश में 21 दिन का लॉकडाउन है। सभी राज्य के मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की। सभी सीएम सहमत है कि 2 सप्ताह के लिए लॉकडाउन को बढ़ा दिया जाए। 

केंद्र सरकार कोविड-19 के कारण लागू किये गये राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को 14 अप्रैल के बाद दो सप्ताह के लिये बढ़ाने के ज्यादातर राज्यों के अनुरोध पर विचार कर रही है। सरकारी सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस संकट के कारण उत्पन्न स्थिति पर शनिवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से चर्चा की, जिसमें ज्यादातर राज्यों ने लॉकडाउन दो सप्ताह तक बढ़ाने का आग्रह किया। 

इस बीच गृह मंत्रालय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन का असर धीरे- धीरे घटता जा रहा है। वहां की ममता सरकार और पश्चिम बंगाल पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान धार्मिक जमावड़े की अनुमति दी। पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन के दौरान गैरजरूरी सामग्री से जुड़ी दुकानों को खोलने की अनुमति दी गयी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में ‘क्रमिक छूट’ दिये जाने पर आपत्ति जताई है और कहा कि राज्य में गैर-जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुलने दी गयी तथा पुलिस ने धार्मिक कार्यक्रमों की भी इजाजत दी। पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भेजे पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि सब्जी, मछली और मांस बाजारों में कोई नियंत्रण नहीं है। इस पत्र में कहा गया है, ‘‘ सुरक्षा एजेंसियों को मिली रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में क्रमिक छूट दर्ज की गई है।

राज्य सरकार द्वारा जिन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को छूट दी गयी है, उनकी संख्या बढ़ी है।’’ इस पत्र के अनुसार गैर-जरूरी चीजों की दुकानें खुलने दी जा रही हैं। मंत्रालय ने कहा कि कोलकाता में राजबाजार, नारकेल डांगा, टोपसिया, मेतियाबुर्ज,गार्डेनरीच, इकबालपुर और मुनिकटला जैसे स्थानों पर सब्जी, मछली और मांस बाजारों में कोई नियंत्रण नहीं है और वहां लोग आपस में दूरी बना कर रखने के नियमों को धत्ता बताते हुए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि नारकेल डांगा जैसे स्थानों पर कोविड-19 जैसे मामले कथित तौर पर अधिक नजर आये हैं।

पत्र में कहा गया है, ‘‘ यह भी सामने आया है कि पुलिस धार्मिक कार्यक्रमों की इजाजत देती रही है। मुफ्त राशन संस्थागत आपूर्ति प्रणाली के माध्यम से नहीं बांटे जा रहे, बल्कि नेताओं द्वारा बांटे जा रहे। हो सकता है कि इसकी वजह से कोविड-19 संक्रमण बढ़ा हो।’’

मंत्रालय ने कहा कि ऐसी गतिविधियां केंद्र सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत समय-समय पर जारी किये गये आदेशों के विरूद्ध हैं और ये इस कानून के तहत कार्रवाई किये जाने लायक हैं। पत्र में कहा गया है, ‘‘ ऐसे में यह अनुरोध किया जाता है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए और मंत्रालय को इस बारे में शीघ्र ही रिपोर्ट दी जाए। यह अनुरोध भी किया जाता है कि भविष्य में ऐसे उल्लंघनों की पुनरावृति रोकने के लिए जरूरी कदम उठाये जाएं।’’

सरकारी सूत्रों ने बताया, ‘‘ अधिकांश राज्यों ने लॉकडाउन दो सप्ताह बढ़ाने का आग्रह किया था और सरकार इस अनुरोध पर विचार कर रही है।’’ प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग पर संवाद के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल ने लॉकडाउन को कम से कम एक पखवाड़े के लिये बढ़ाने का सुझाव दिया।

कोविड-19 संकट से निपटने के लिये प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसकी अवधि 14 अप्रैल तक है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ शनिवार को विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में लॉकडाउन को कम से कम दो सप्ताह तक बढ़ाने का सुझाव दिया। उन्होंने बैठक में बताया कि पंजाब सरकार ने एक मई तक कर्फ्यू लगाए रखने या पूरी तरह बंद लागू करने का पहले ही निर्णय ले लिया है। सभी शिक्षण संस्थान 30 जून तक बंद रहेंगे।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत में शनिवार को सुझाव दिया कि देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन की अवधि 30 अप्रैल तक बढ़ाई जानी चाहिए। संवाद में मुख्यमंत्रियों में पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मनोहर लाल, तेलंगाना के के. चंद्रशेखर राव, बिहार के नीतीश कुमार आदि ने हिस्सा लिया। 

केंद्र सरकार ने आगामी उत्सवों के मद्देनजर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि वे 21 दिनों के लॉकडाउन का कड़ाई से अनुपालन करवाएं और किसी भी सामाजिक या धार्मिक जलसे एवं जुलूस की अनुमति नहीं दें।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को दिए संदेश में यह भी कहा कि किसी आपत्तिजनक सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर उचित निगरानी रखी जानी चाहिए। आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक अप्रैल महीने में आने वाले उत्सवों के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन (बंद)का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें और किसी भी सामाजिक, धार्मिक जलसे या जुलूस की अनुमति नहीं दे। विज्ञप्ति के मुताबिक बृहस्पतिवार को शब-ए-बारात थी, आज गुड फ्राइडे है। बैसाखी, रंगोली बिहू, विशु, पोइला बैसाख, पुथांडू, महा विशुभा, संक्राति आदि भी अप्रैल में हैं।

गृह मंत्रालय ने अपने संदेश में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया कि वे सरकारी एजेंसियों, सामाजिक और धार्मिक संगठनों और नागरिकों के संज्ञान में संबंधित दिशानिर्देशों को लाने के लिए इसका व्यापक प्रचार प्रसार करें। केंद्र ने इसके साथ ही कहा कि लॉकडाउन का किसी भी तरह से उल्लंघन होने पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों को आपदा प्रबंधन कानून-2005 और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत दंडात्मक कार्रवाई करनी चाहिए।

मंत्रालय ने कहा, समेकित दिशानिर्देश की उपधारा नौ और 10 में कहा गया है कि बिना किसी अपवाद के धार्मिक जलसे की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और सभी धार्मिक, सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम और समागमों को रोका जाए।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा कि वे जिला प्रशासन और क्षेत्र में कार्यरत एजेंसियों को लॉकडाउन के संबंध में जारी समेकित दिशानिर्देश में उल्लेखित विशेष प्रतिबंधों के बारे में बताएं। मंत्रालय ने कहा कि जिला प्रशासन कानून व्यवस्था, शांति और सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए सभी एहतियाती और निषेधात्मक उपाय करें। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। 

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