Coronavirus lockdown: राहुल गांधी बोले- सैकड़ों किसानों की आजीविका ख़तरे में, अन्नदाता आज दोहरी मुसीबत में हैं
By भाषा | Published: April 8, 2020 03:38 PM2020-04-08T15:38:12+5:302020-04-08T15:38:12+5:30
लॉकडाउन अगर 14 अप्रैल के बाद भी जारी रहा तो ज्यादातर राज्यों में लगभग पूरी रबी फसल बर्बाद हो जाएगी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को कुछ ना कुछ करना होगा। किसानों को लॉकडाउन में ढील देने की जरूरत है।
नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि फसलों की कटाई के लिए लॉकडाउन के दौरान सुरक्षित तरीके से ढील देनी चाहिए।
उन्होंने ट्वीट किया, ''रबी की फसल खेतों में तैयार खड़ी है लेकिन लॉकडाउन के कारण कटाई का काम मुश्किल है। सैकड़ों किसानों की आजीविका ख़तरे में है। देश के अन्नदाता किसान आज इस संकट में दोहरी मुसीबत में हैं।'' गांधी ने कहा, ''कटाई के लिए लॉकडाउन के दौरान सुरक्षित तरीक़े से ढील देना एकमात्र रास्ता है।''
उन्होंने एक खबर भी शेयर की जिसमें लॉकडाउन के कारण किसानों को फसलों की कटाई में पेश आ रही मुश्किलों का उल्लेख है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए देश भर में लागू 21 दिवसीय लॉकडाउन 25 मार्च से शुरु हुआ है और 14 अप्रैल को खत्म होगा।
कांग्रेस ने मलेरिया की दवा के संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ''जवाबी कार्रवाई'' वाले कथित बयान को लेकर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि विदेश नीति में किसी डर की वजह से निर्णय करना देशवासियों का अपमान है।
राबी की फसल खेतों में तैयार खड़ी है लेकिन #Covid19 लॉक्डाउन में कटाई का काम मुश्किल है।सैकड़ों किसानों की जीविका ख़तरे में है।देश के अन्नदाता किसान आज इस संकट में दोहरी मुसीबत में हैं। कटाई के लिए सुरक्षित तरीक़े से लॉक्डाउन में ढील देना एकमात्र रास्ता है।https://t.co/fOc2cUA10D
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 8, 2020
पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि मौजूदा सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय की विदेश नीति और पहले की परंपराओं से सीखना चाहिए। उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, "हम विश्व समुदाय को परिवार मानते हैं। हम हमेशा लोगों की मदद करते आए हैं। लेकिन कोई धमकी दे, तो उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।'' खेड़ा ने कहा, ''भारत कभी भी किसी के सामने नहीं झुका। 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के समय ब्रिटेन और अमेरिका ने हस्तक्षेप कोशिश की तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने करारा जवाब दिया कि भारत अपने राष्ट्रीय हित में कोई दखल और दुस्साहस बर्दाश्त नहीं करेगा।" उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी इस परंपरा को याद रखना चाहिए और सीखना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा, ''विदेश नीति राजनीतिक विषय नहीं है और इस पर हम और सभी पार्टियां सरकार के साथ खड़ी होती हैं, लेकिन डर की वजह से कोई निर्णय लिया जाएगा तो उससे देश के 130 करोड़ लोगों का अपमान होता है।'' गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से ''हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन'' दवा की मांग दोहराते हुए मंगलवार को कथित तौर पर कहा था कि अगर भारत इस दवा की आपूर्ति करता है तो ठीक है, वरना हम जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं। इससे पहले गत रविवार को ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर आग्रह किया था कि भारत अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन उपलब्ध कराए। अमेरिका इन दिनों कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित है। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का इस्तेमाल मलेरिया के उपचार के लिए होता है। भारत इस दवा का प्रमुख निर्यातक है। भाषा हक मनीषा मनीषा