22 विपक्षी दलों की बैठक, केंद्र सरकार के समक्ष 11 सूत्री मांग-पत्र पेश, सोनिया गांधी बोलीं- आर्थिक पैकेज और श्रम कानून क्रूर मजाक
By भाषा | Published: May 22, 2020 09:58 PM2020-05-22T21:58:06+5:302020-05-22T21:58:06+5:30
हर अर्थशास्त्री ने बड़े स्तर पर वित्तीय प्रोत्साहन की तत्काल आवश्यकता की सलाह दी थी। PM द्वारा 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा और अगले 5 दिनों तक वित्त मंत्री द्वारा उसकी जानकारी देना एक क्रूर मजाक बन गया है: 22 विपक्षी दलों की वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक में सोनिया गांधी
नई दिल्लीः कांग्रेस समेत 22 विपक्षी दलों ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर कोरोना संकट के समय अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने में विफल रहने का आरोप लगाया और नया एवं समग्र वित्तीय पैकेज घोषित करने, संसदीय कामकाज बहाल करने और राज्य सरकारों को पूरी मदद मुहैया कराने समेत अपनी 11 सूत्री मांगें मानने का आग्रह किया।
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से चार घंटे से अधिक समय तक तक चली बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में इन दलों ने केंद्र से यह भी मांग की कि आयकर के दायरे से बाहर के सभी परिवारों को 7500 रुपये प्रति माह के हिसाब छह महीने तक मदद दी जाए। उन्होंने किसानों, एमएसएमई क्षेत्र के उपक्रमों और अन्य कामगारों की मदद और लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति को लेकर स्पष्टता की भी मांग की।
बैठक के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि देश की 70 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले इन राजनीतिक दलों ने संकट के इस समय स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिसकर्मियों एवं सुरक्षा बलों, सफाई कर्मचारियों और जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों की सराहना की। इन दलों ने दावा किया, ‘‘संकट के इस समय समान विचारधारा वाले दलों ने केंद्र सरकार का पूरा सहयोग किया है। पंरतु दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि सरकार समय से, प्रभावी रूप से और संवेदनशील तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रही है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि बड़ी घोषणाएं की गईं, लेकिन इनमें किसानों, प्रवासी मजदूरों, अन्य कामगारों, एमएसएमई इकाइयों की पीड़ा को खत्म करने में कुछ सार्थक नहीं है। इन पार्टियों ने कहा कि इस वक्त ‘शोमैनशिप’ नहीं बल्कि सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। कांग्रेस के नेतृत्व में इन दलों ने सरकार के समक्ष 11 सूत्री मांग रखते हुए कहा, ‘‘ आयकर दायरे से बाहर के सभी परिवारों को छह महीने के लिए 7500 रुपये प्रति माह दिया जाए। 10 हजार रुपये तत्काल दिए जाएं और शेष पांच महीने में दिया जाए।’’
The defining image of the pandemic has been the lakhs of migrant workers, many with children, walking hundreds of kilometers, without money, food or medicines, desperate to reach their home states: Congress interim president Sonia Gandhi https://t.co/2RQZLYQ6ec
— ANI (@ANI) May 22, 2020
उन्होंने कहा कि सभी जरूरतमंद लोगों को अगले छह महीने के लिए 10 किलोग्राम प्रति माह अनाज दिया जाए। इसके साथ ही मनरेगा के तहत कामकाज के दिनों को 150 से बढ़ाकर 200 दिन किया जाए। इन दलों ने आग्रह किया, ‘‘प्रवासी कामगारों को उनके घर भेजने के लिए मुफ्त परिवहन सेवा मुहैया कराई जाए तथा विदेश में फंसे भारतीय छात्रों और नागरिकों को वापस लाने का इंतजाम किया जाए। कोविड-19 की जांच, संक्रमण, स्वास्थ्य ढांचे और संक्रमण रोकने के उपायों को लेकर सटीक जानकारी मुहैया कराई जाए।
श्रम कानूनों में बदलाव सहित सभी एकतरफा नीतिगत निर्णयों को बदला जाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ किसानों से रबी की उपज को एमएसपी के मुताबिक खरीदा जाए तथा खरीफ की फसल के लिए किसानों को बीज, उर्वरक और दूसरी सुविधाएं दी जाएं। कोरोना महामारी से अग्रिम मोर्चे पर लड़ रही राज्य सरकारों को उचित धन मुहैया कराया जाए। अगर लॉकडाउन से बाहर निकलने की कोई रणनीति है तो उसके बारे में स्पष्ट रूप से बताया जाए।’’ इन दलों ने कहा कि संसदीय कामकाज और समितियों की बैठक बहाल कराई जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज देश के लोगों को गुमराह करने वाला है। हमारी मांग है कि एक संशोधित और समग्र पैकेज पेश किया जाए जो सही मायने में राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज हो और उससे अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ सके। इन दलों ने सरकार से यह आग्रह भी किया कि कोई अभी अंतरराष्ट्रीय अथवा घरेलू उड़ान शुरू करते समय संबंधित राज्य सरकार से विचार-विमर्श किया जाए बैठक में कांग्रेस समेत 22 विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए ।
LIVE: Special Congress Party Briefing by Shri @rssurjewala, I/ C, Communication via video conferencing https://t.co/Dfj7D8GstH
— Congress (@INCIndia) May 22, 2020
हालांकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी इस बैठक से दूर रहीं। इस बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी, पूर्व प्रधानमंत्री एवं जद (एस) नेता एचडी देवेगौड़ा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार एवं प्रफुल्ल पटेल, तृणमूल कांग्रेस से ममता बनर्जी एवं डेरेक ओब्रायन, शिवसेना से उद्धव ठाकरे और संजय राउत तथा द्रमुक से एमके स्टालिन शामिल हुए।
माकपा के सीताराम येचुरी, झामुमो के हेमंत सोरेन, भाकपा के डी राजा, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, राजद के तेजस्वी यादव एवं मनोज झा, रालोद के जयंत चौधरी, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा, एआईयूडीएफ के बदरूददीन अजमल, आईयूएमएल के पीके कुनालिकुट्टी, हम के जीतन राम मांझी, केरल कांग्रेस (एम) के जोस के. मणि, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, स्वाभिमानी पक्ष के राजू शेट्टी, तमिलनाडु की पार्टी वीसीके के थोल थिरुमावलन और टीजेएस के कोंडनदरम ने बैठक में शिरकत की।
Congress President Smt Sonia Gandhi’s opening remarks at the meeting of 22 like-minded Parties via video conferencing. pic.twitter.com/aRjXV3r7Sq
— Congress (@INCIndia) May 22, 2020