कोरोना टेस्ट आंकड़ाः तेजस्वी यादव बोले-क्यों ऑर्डर कैंसिल किया, कहीं न कहीं कमीशन नहीं मिल पा रहा था मंत्री जी को
By एस पी सिन्हा | Published: August 14, 2020 08:33 PM2020-08-14T20:33:49+5:302020-08-14T20:34:14+5:30
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से सरकार के ऊपर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि कोरोना को लेकर राज्य सरकार द्वारा किये जा आंकडे़ के गोलमाल और झोलझाल के बाद भी सच्चाई सामने आ जा रही है. जिसकी वजह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदमें में हैं.
पटनाः तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार सरकार ने 15 जून को कोबास मशीन ऑर्डर किया और 24 जून तक ऑर्डर कैंसिल भी कर दिया। जिस मशीन की क्षमता एक दिन में 36,000 टेस्ट करने की है, उसे आप नहीं मंगवा रहे हैं। शक है कि कहीं न कहीं कमीशन नहीं मिल पा रहा था मंत्री जी को।
बिहार में कोरोना टेस्ट को लेकर लगातार सवाल उठाने वाले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से सरकार के ऊपर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि कोरोना को लेकर राज्य सरकार द्वारा किये जा आंकडे़ के गोलमाल और झोलझाल के बाद भी सच्चाई सामने आ जा रही है. जिसकी वजह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदमें में हैं.
नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि जब वह सच सामने लाए तो स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय तिलमिला गए हैं. स्वास्थ्य मंत्री आनन-फानन में सच पर पर्दा डालने में जुट गये हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि वह सकारात्मक विपक्ष की भूमिका से पीछे नहीं हटेंगे, भले सरकार अपने दायित्व से मुंह मोड़ ले.
उन्होंने कहा कि विपक्ष से सहयोग की उम्मीद करते हैं और सलाह दो तो तितकी लग जाती है. आज प्रेस कान्फ्रेंस में उन्होंने फिर सवाल किया कि आखिर पांच महीनों में सरकार ने क्या किया? मैं आज फिर पूछना चाहता हूं कि कोवास -8800 की खरीद 5 महीने में क्यों नहीं की गई?
गत 24 जून को परचेज आर्डर को क्यों कैंसिल करना पड़ा? संक्रमण का फैलाव क्यों नहीं रुक रहा? 24 घंटे के भीतर एक लाख कोरोना टेस्ट पर सवाल उठाते हुए तेजस्वी ने कहा कि एंटीजन टेस्ट बढ़ाकर आंकडे़ को पेश किया जा रहा है. आरटीपीसीआर टेस्ट की गति आज भी धीमी है. सरकार को इसपर जवाब देना चाहिए.
गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की ओर से पेश किये गए आंकडे पर तेजस्वी ने कहा कि केवल दिखाने के बिहार सरकार ने जांच की स्पीड तेज की है. बिहार सरकार को बताना चाहिए कि एंटीजन ज्यादा विश्वसनीय है या आरटीपीसीआर ज्यादा विश्वसनीय है.
तेजस्वी ने मंगल पांडेय को घेरते हुए कहा कि जितने सवाल हमने उठाये हैं. उसका जवाब नहीं मिला है. उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए कहा की 148 दिन में सिर्फ 2179 आरटी-पीसीआर टेस्ट ही हुए हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कुल जांच 753346 बताया, जिसमें 6100 ही आरटी-पीसीआर जांच थे. जो कि कुल जांच का 8 प्रतिशत ही हुआ. उन्होंने कहा कि नया प्रधान सचिव बनने के 2 दिन में ही 30 हजार कैसे बढ़ गए?
नेता विपक्ष ने दावा किया कि मेरे द्वारा प्रस्तुत तथ्यों और आंकड़ों से मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को इतनी बेचैनी और पीडा पहुंची कि शाम में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को आनन फानन में प्रेस कांफ्रेंस इस सच्चाई पर पर्दा डालने और लीपा-पोती करनी पड़ी.
उन्होंने ये भी कहा कि आईसीएमआर कहता है कि एंटीजन टेस्ट प्रामाणिक नहीं है. बावजूद सिर्फ एंटीजन टेस्ट से ही जांच ही क्यों हो रहे हैं? आरटी-पीसीआर जांच बिहार में क्यों नहीं हो रहा है? जो जांच हो रही है, उसकी कोई एक्यूरेसी नहीं है. बिहार में सिर्फ दिखाने के लिए ही जांच हो रही है.
स्वास्थ्य मंत्री को बताना चाहिए कि आरटी-पीसीआर और एंटीजन में कौन ज्यादा एक्यूरेट है. दरअसल बिहार सरकार लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रही है. तेजस्वी यादव ने कहा कि हाल ही में मंगल पांडेय ने एक बयान दिया कि विदेश से कोवास-8800 मशीन आने वाला है.
उन्होंने कहा कि जो कोवास-8800 मशीन विदेश से आने वाला था. कोरोना काल के 4 महीने बाद उसका आर्डर करने के बाद उसे कैंसल कर दिया गया. 6 महीनों में अबतक मशीन क्यों नहीं आया? बिहार सरकार ने 15 मई को ऑर्डर किया, फिर 24 जून को ऑर्डर रद्द कर दिया गया.
बीएमसीआईसीएल चिट्ठी का दिया हवाला देते हुए उन्होंने पूछा कि इतने महत्वपूर्ण मशीन क्यों रद्द किया गया? तेजस्वी ने सवाल कहा करते हुए पूछा कि स्वास्थ्य मंत्री बताये क्या विदेश से ज्यादा कमीशन मिल रहा है. कमीशन नहीं मिलने के कारण मशीन नहीं आया.
स्वास्थ्य विभाग में बिना कमीशन मिले कोई मशीन नहीं आता है. भारत में एकमात्र बिहार ही ऐसा राज्य हैं, जहां तीन महीने के भीतर 3-3 स्वास्थ्य सचिव को कोरोना काल में बदला गया है. सरकार ने जिस नए अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है. उन्होंने जादू की छड़ी चला दी है.
उन्होंने कहा कि विधानसभा में भी राजद ने कई सवाल उठाये थे. जिसका जवाब नहीं मिला. बिहार में एक लाख ऑक्सीजन बेड की आवश्यकता है. लेकिन सरकारी आंकडे़ के मुताबिक यहां सिर्फ साढे़ 10 हजार ही ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हैं.
बिहार सरकार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और वेंटिलेटर नहीं खरीद रही है. 500 वेंटिलेटर में से कई वेंटिलेटर तो वीआईपी घर में ही लगे हैं. सरकार ये बताये कि आखिरकार क्यों स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव बदले गए? नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चैलेंज किया कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से अकेले बात कर लेंगे. उन्होंने कहा कि आखिर सरकार क्यों नहीं जवाब दे रही है?
बिहार सरकार ने 15 जून को कोबास मशीन ऑर्डर किया और 24 जून तक ऑर्डर कैंसिल भी कर दिया। जिस मशीन की क्षमता एक दिन में 36,000 टेस्ट करने की है, उसे आप नहीं मंगवा रहे हैं। शक है कि कहीं न कहीं कमीशन नहीं मिल पा रहा था मंत्री जी को : RJD नेता तेजस्वी यादव, बिहार pic.twitter.com/yeMqBeDYdH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 14, 2020