बिहार में कांग्रेस चाहती है बराबर की हिस्सेदारी, राजद से इतर एकला चलने की उठने लगी है मांग

By एस पी सिन्हा | Published: September 27, 2020 04:01 PM2020-09-27T16:01:29+5:302020-09-27T16:01:29+5:30

बिहार कांग्रेस के नेताओं ने एकला चलो फार्मूला अपनाने पर जोर देने लगे हैं. बिहार कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के पटना में चल रही है.

Congress wants an equal stake in Bihar, there is a demand to move alone beyond RJD | बिहार में कांग्रेस चाहती है बराबर की हिस्सेदारी, राजद से इतर एकला चलने की उठने लगी है मांग

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

Highlightsकांग्रेस के छपरा, मोतिहारी, सीतामढ़ी के जिला अध्यक्षों ने अकेले चुनाव लड़ने की मांग का समर्थन किया है.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बावजूद अब तक के महागठबंधन और एनडीए में सीट बंटवारे पर मुहर नहीं लग पाई है. महागठबंधन में जारी कलह के बीच कुशवाहा ने अलग राह तय करने का ऐलान कर दिया है और कुशवाहा का यह कदम बिहारकांग्रेस के नेताओं को भी रास आ रहा है.

बिहार कांग्रेस के नेताओं ने एकला चलो फार्मूला अपनाने पर जोर देने लगे हैं. बिहार कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के पटना में चल रही है. बैठक में कई जिला अध्यक्षों और विधायकों ने जो राय जाहिर की है उसे देखकर यह लगता है कि कुशवाहा का कदम इन नेताओं को रास आ रहा है. 

सूत्रों के अनुसार पार्टी के कई जिला अध्यक्षों और विधायकों ने बैठक के दौरान अपनी राय जताते हुए कहा है कि अगर महागठबंधन में सीट बंटवारा सम्मानजनक तरीके से नहीं होता है तो कांग्रेस को विधानसभा चुनाव अकेले लड़ना चाहिए.

कांग्रेस के छपरा, मोतिहारी, सीतामढ़ी के जिला अध्यक्षों ने अकेले चुनाव लड़ने की मांग का समर्थन किया है. इन जिला अध्यक्षों का कहना है कि अगर सम्मानजनक सीटें नहीं मिलती है तो पार्टी आलाकमान को यह फैसला करना चाहिए कि कांग्रेस बिहार में अकेले चुनाव लड़े.

विधायकों का कहना है कि अगर कांग्रेस अकेले भी चुनाव लडती है तो हम बेहतर परिणाम दे सकते हैं. उधर, पार्टी के कई विधायकों ने भी राजद से बराबर की हिस्सेदारी मांगी है.

कांग्रेस के विधायक अजीत शर्मा ने कहा है कि राजद के लिए 100 और कांग्रेस के लिए 42 सीटें पहले से तय है और बाकी बची सीटों पर अगर कोई बडा दल नहीं है तो बराबर की हिस्सेदारी होनी चाहिए. वहीं कांग्रेस विधायक पूनम पासवान ने भी कहा है कि हमें लोकसभा चुनाव जैसा समझौता नहीं करना चाहिए.

विधानसभा चुनाव में बराबर की हिस्सेदारी जरूरी है. इसतरह से कांग्रेस नेताओं का यह मिजाज बता रहा है कि कुशवाहा की राह उन्हें पसंद है और राजद ने जिस तरह सहयोगी दलों को कमतर आंकने का प्रयास किया है तो कांग्रेस उसका दबाव झेलने को बिल्कुल तैयार नहीं है.

हालांकि निर्णय आलाकमान को लेना है, जो शायद ही राजद से अलग होना पसंद करे. लेकिन दल के अंदर राजद के साथ का विरोध दिखने लगा है.

Web Title: Congress wants an equal stake in Bihar, there is a demand to move alone beyond RJD

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