Rajasthan crisis: कांग्रेस के राज्य प्रभारी अपना काम नहीं कर रहे, वीरप्पा मोइली बोले-सोनिया गांधी AICC में बदलाव करें
By भाषा | Published: July 15, 2020 04:24 PM2020-07-15T16:24:21+5:302020-07-15T20:42:12+5:30
आंध्र प्रदेश, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी का पार्टी प्रभारी महासचिव रहते हुए अपने कामकाज को याद करते हुए कहा, ‘‘हम वहां सुधारात्मक कदम उठाने के लिए दौरे करते थे। इन दिनों इस तरह की कवायदें नहीं की जातीं।
बेंगलुरुः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम. वीरप्पा मोइली ने बुधवार को कहा कि राज्यों के प्रभारी पार्टी महासचिव अपना काम नहीं कर रहे। उन्होंने सोनिया गांधी नीत पार्टी को मजबूत करने के लिए एआईसीसी स्तर पर आमूल-चूल बदलाव करने की मांग की।
राजस्थान में छाए संकट के बादल के बारे पूछने पर वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पक्ष लेते हुए दिखे। उन्होंने संकेत दिए कि बागी नेता सचिन पायलट को अपनी बारी का धैर्य के साथ इंतजार करना चाहिए था। कांग्रेस ने कल पायलट को उप मुख्यमंत्री पद और प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष पद से हटा दिया।
मोइली ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘इन दिनों कांग्रेस पार्टी में कई युवाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। लेकिन इसके साथ ही अनुभवी नेतृत्व की भी जरूरत है क्योंकि आप वरिष्ठ साथियों की उपेक्षा नहीं कर सकते।’’ कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के कई युवाओं में सब्र नहीं है, उन्हें धीरज धरना आना चाहिए।
पायलट मुख्यमंत्री पद के अधिकारी हो लेकिन उन्हें अपनी बारी का इंतजार करना चाहिए था
उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पायलट मुख्यमंत्री पद के अधिकारी हो लेकिन उन्हें अपनी बारी का इंतजार करना चाहिए था, पार्टी के भीतर काम करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि 42 वर्षीय नेता को उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत में ही पार्टी ने लोकसभा सदस्य बनाया, केंद्रीय मंत्री बनाया, उप मुख्यमंत्री बनाया और प्रदेश अध्यक्ष बनाया।
मोइली ने कहा कि एआईसीसी के राज्यों के प्रभारी महासचिव ‘चौकन्ने’ नहीं हैं और पार्टी की स्थानीय इकाइयों के सामने आ रही समस्याओं को समझ नहीं रहे। उन्होंने कहा, ‘‘इससे (राजस्थान में बने संकट) बचा जा सकता था। कुछ और परेशानियों (पार्टी की) से भी बचा जा सकता था।’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महासचिव कई बार इस तरह की स्थितियों को केंद्रीय नेतृत्व के संज्ञान में नहीं लाते और तत्काल सुधारात्मक कदम नहीं उठाते।
मोइली ने कहा, ‘‘इन दिनों हम इस तरह की कवायद नहीं कर रहे, चाहे ये पूर्वोत्तर के राज्य हों या मध्य प्रदेश अथवा कर्नाटक अथवा इनमें से कोई राज्य हो।’’ मोइली ने कहा कि कई बार आला कमान के स्तर पर भी सतर्कता का अभाव रहता है। नतीजतन जब सबकुछ हो जाता है (समस्या सिर पर आ जाती है) तब वे घबरा जाते हैं। यह तरीका नहीं है। उन्होंने आंध्र प्रदेश, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी का पार्टी प्रभारी महासचिव रहते हुए अपने कामकाज को याद करते हुए कहा, ‘‘हम वहां सुधारात्मक कदम उठाने के लिए दौरे करते थे। इन दिनों इस तरह की कवायदें नहीं की जातीं।
प्रभारी बनाया जाता है उनके पास जाने या रहने का समय नहीं होता
आजकल जिन्हें प्रभारी बनाया जाता है उनके पास जाने या रहने का समय नहीं होता। वे जिलों का दौरा नहीं करते।’’ मोइली ने कहा, ‘‘आपको केवल राज्य स्तर पर नहीं बल्कि जिला स्तर पर नेताओं की आकांक्षाओं को समझना होगा और इस तरह पार्टी को मजबूत किया जा सकेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन उसी समय भाजपा बिल्कुल नरभक्षी की तरह मौके की फिराक में रहती है। उनका काम कोविड-19 पर ध्यान केंद्रित करना और समस्याओं का समाधान करना है।’’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि वे गैर-भाजपा सरकारों को गिराने की कोशिश करके उनका ध्यान बंटाते हैं और दूसरे दलों के ऐसे महत्वाकांक्षी युवाओं को आकर्षित करते हैं जो आसानी से बातों में आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को राज्यों में संगठन प्रभारी के तौर पर निष्ठावान नेताओं को भेजकर नयी ऊर्जा देनी होगी। बूथ स्तर से ऐसा पुनर्गठन करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘आलाकमान (एआईसीसी) में बदलाव होना चाहिए।’’ '
Sachin Pilot became MP,union min in UPA-II,PCC Pres in Rajasthan&DyCM. He couldn't become CM as in Congress,high command sends an observer&opinion of MLAs is ascertained,whether in MP or Rajasthan.The leader who enjoys support of elected MLAs is made CM: M Veerappa Moily,Congress pic.twitter.com/3G7eCzEftM
— ANI (@ANI) July 15, 2020