कांग्रेस का मोदी सरकार पर वार, कहा- 73 साल में पहली बार अर्थव्यवस्था और आम आदमी दोनों की कमर तोड़ी
By रामदीप मिश्रा | Published: September 3, 2020 12:38 PM2020-09-03T12:38:42+5:302020-09-03T13:05:12+5:30
सुरजेवाला ने कहा, 'NCRB के मुताबिक साल 2019 में 42,480 किसान-मजदूर आत्महत्या को मजबूर हुए, यानि आर्थिक संकट के चलते रोज 116 किसान-मजदूरों की जिंदगी को आत्महत्या ने निगल लिया।'
नई दिल्लीः देश के आर्थिक हालातों को लेकर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है। उसने कहा है कि आज देश में चारों ओर आर्थिक तबाही का घनघोर अंधेरा है। रोजी-रोटी, रोजगार खत्म हो गए हैं और धंधे, व्यवसाय व उद्योग ठप पड़े हैं। अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई है और जीडीपी पाताल में है।
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, '73 साल में पहली बार 'अर्थव्यवस्था और आम आदमी', दोनों की कमर तोड़ी है। 'आर्थिक तबाही व वित्तीय आपातकाल' में धकेल रहे हैं देश - धड़ाम गिरी GDP इसका सबूत है। नोटबंदी-जीएसटी-देशबंदी मास्टर स्ट्रोक नहीं, असल में हैं डिज़ास्टर स्ट्रोक है।'
उन्होंने कहा, 'साल 20-21 की पहली तिमाही की जीडीपी में कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में -50.3% की गिरावट, ट्रेड-होटल-ट्रांसपोर्ट में -47%, मैनुफैक्चरिंग में -39.3% व सर्विस क्षेत्र में -26% की गिरावट का मतलब है कि करोड़ों रोजगार चले गए और भविष्य में रिकवरी की उम्मीद नहीं है। 2020-21 में प्रांतों को GST कलेक्शन में 3 लाख करोड़ का नुकसान होने वाला है। फिर प्रांत अपना खर्च कैसे चलाएंगे, जब केंद्र सरकार GST में उनका हिस्सा देने से इंकार कर रही है। यह आर्थिक अराजकता है।'
सुरजेवाला ने कहा, 'NCRB के मुताबिक साल 2019 में 42,480 किसान-मजदूर आत्महत्या को मजबूर हुए, यानि आर्थिक संकट के चलते रोज 116 किसान-मजदूरों की जिंदगी को आत्महत्या ने निगल लिया। विकराल आर्थिक संकट की घड़ी में देश की तरक्की मोरों को दाना चुगा, फोटो अपॉर्च्युनिटी बनाने वाले आत्ममुग्ध ‘परिधानमंत्री’ व चापलूस दरबारी कदापि नहीं कर सकते।'
उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि देश को इस अंधेरी गुफा से निकाल नए रास्ते पर ले जाया जाए। आर्थिक तबाही, बर्बादी व वित्तीय आपातकाल से उबरने का यही एक सूत्र है।