Congress Reshuffle: यूपी में बढ़ा प्रियंका गांधी का कद, आठ नेताओं को जिम्मेदारी, प्रमोद तिवारी, जितिन प्रसाद, राजेश मिश्रा पर दांव
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 12, 2020 09:15 PM2020-09-12T21:15:28+5:302020-09-12T21:15:28+5:30
उत्तर प्रदेश के आठ नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी देकर प्रभारी महासचिव प्रियंका के यूपी का कद संगठन में बढ़ाया है। साथ ही प्रमोद तिवारी, जितिन प्रसाद, राजेश मिश्रा जैसे प्रमुख नेताओं को सम्मान देकर यहां तेज हुई ब्राह्मणों की सियासत में भी बड़ा दांव चला है
नई दिल्ली/लखनऊः कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए गुलाम नबी आजाद समेत चार वरिष्ठ नेताओं को महासचिव की जिम्मेदारी से मुक्त किया तो साथ ही रणदीप सुरजेवाला, तारिक अनवर और जितेंद्र सिंह के तौर पर तीन नए महासचिव नियुक्त किए।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, अब तक महासचिव प्रभारी (उप्र-पूर्व) की जिम्मेदारी निभा रहीं प्रियंका गांधी को अब पूरे प्रदेश के प्रभारी का जिम्मा आधिकारिक रूप से सौंप दिया गया है। पहले प्रदेश के पश्चिमी हिस्से का प्रभार ज्योतिरादित्य सिंधिया संभाल रहे थे, जो कुछ महीने पहले ही भाजपा में जा चुके हैं।
उत्तर प्रदेश के आठ नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी देकर प्रभारी महासचिव प्रियंका के यूपी का कद संगठन में बढ़ाया है। साथ ही प्रमोद तिवारी, जितिन प्रसाद, राजेश मिश्रा जैसे प्रमुख नेताओं को सम्मान देकर यहां तेज हुई ब्राह्मणों की सियासत में भी बड़ा दांव चला है। पिछले दिनों पार्टी में हुई खींचतान के बाद शुक्रवार को संगठन की मजबूती के प्रयास में अहम कदम उठाए गए हैं।
पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी को पहली बार केंद्रीय कार्यसमिति का स्थायी सदस्य बनाया गया है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी और पूर्व राज्यपाल स्व. रामनरेश यादव के बाद पूर्व सांसद राजेश मिश्रा ही प्रदेश के ऐसे नेता हैं, जिन्हें केंद्रीय चुनाव समिति में स्थान मिला है।
सुरजेवाला को कर्नाटक के लिए महासचिव प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुरजेवाला को कर्नाटक के लिए महासचिव प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है तो पिछले लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से कांग्रेस में वापसी करने वाले अनवर को महासचिव बनाकर केरल एवं लक्षद्वीप का प्रभार सौंपा गया है। अब तक ओडिशा के प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रहे जितेंद्र सिंह को महासचिव बनाकर असम की जिम्मेदारी दी गई है।
असम के लिए महासचिव प्रभारी की भूमिका निभा रहे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को पंजाब का प्रभार सौंप दिया गया है। महासचिव पद से चार वरिष्ठ नेताओं आजाद, अंबिका सोनी, मोतीलाल वोरा और मल्लिकार्जुन खड़गे को हटाया गया है। आजाद हरियाणा, अंबिका जम्मू-कश्मीर, वोरा (पार्टी प्रशासन) और खड़गे महाराष्ट्र के प्रभारी की भूमिका में थे।
23 नेताओं में शामिल आजाद को महासचिव पद से हटाने के साथ ही सीडब्ल्यूसी में स्थान दिया गया
उल्लेखनीय है कि सोनिया गांधी को संगठनात्मक बदलाव के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल आजाद को महासचिव पद से हटाने के साथ ही सीडब्ल्यूसी में स्थान दिया गया है। प्रियंका, सुरजेवाला, अनवर, जितेंद्र सिंह, रावत, ओमन चांडी, मुकुल वासनिक, अजय माकन और वेणुगोपाल के तौर पर पार्टी में कुल नौ महासचिव होंगे। वेणुगोपाल अब भी संगठन का प्रभार देखेंगे तो पहले कई राज्यों का प्रभार संभाल रहे वासनिक अब सिर्फ मध्य प्रदेश का प्रभार देखेंगे। कांग्रेस नेतृत्व ने कई नए प्रभारी भी नियुक्त किए हैं और कई प्रदेशों के प्रभार में फेरबदल भी किए हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल को पार्टी प्रशासन, रजनी पाटिल को जम्मू-कश्मीर, राजीव शुक्ला को हिमाचल प्रदेश, जितिन प्रसाद को पश्चिम बंगाल और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह ओर दिनेश गुंडूराव को तमिलनाडु, पुडुचेरी और गोवा के प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है।
इसके साथ ही मणिकम टैगोर को तेलंगाना, चेल्लाकुमार को ओडिशा, एचके पाटिल को महाराष्ट्र, देवेंद्र यादव को उत्तराखंड, विवेक बंसल को हरियाणा, मनीष चतरथ को अरुणाचल प्रदेश एवं मेघालय, भक्त चरण दास को मिजोरम एवं मणिपुर तथा कुलजीत सिंह नागरा को सिक्किम, नगालैंड और त्रिपुरा का प्रभारी बनाया गया है।
सीडब्ल्यूसी का पुनर्गठन, पत्र लिखने वाले कई नेताओं का कद घटा
सोनिया गांधी ने संगठन में व्यापक बदलाव करते हुए अपनी सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई (सीडब्ल्यूसी) का पुनर्गठन किया जिसमें पी चिदंबरम, दिग्विजय सिंह और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं को जगह मिली है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, नयी कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) में 22 सदस्य, 26 स्थायी आमंत्रित सदस्य और नौ विशेष आमंत्रित सदस्य हैं। संगठन में व्यापक बदलाव करने के साथ कई ऐसे नेताओं का कद कम कर दिया गया है जिन्होंने हाल ही में सोनिया गांधी को पत्र लिखा था।
इनमें सबसे प्रमुख नाम गुलाम नबी आजाद का है जिन्हें महासचिव पद से मुक्त कर दिया गया है, हालांकि उन्हें सीडब्ल्यूसी में स्थान दिया गया है। पत्र लिखने वाले वरिष्ठ नेताओं में शामिल मुकुल वासनिक के पास पहले कई राज्यों का प्रभार था, लेकिन अब उनके पास सिर्फ मध्य प्रदेश का प्रभार होगा, हालांकि उन्हें सोनिया गांधी के सहयोग के लिए बनी विशेष समिति में जगह दी गई है। राजस्थान में पिछले दिनों बागी रुख अख्तियार करने वाले सचिन पायलट को इस फेरबदल में फिलहाल कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है।
पत्र लिखने वाले नेता मनीष तिवारी को भी फिलहाल कोई जिम्मा नहीं दिया गया है, हालांकि जितिन प्रसाद को पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया गया है। वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बतौर स्थायी आमंत्रित सदस्य सीडब्ल्यूसी में वापसी की है। जयराम रमेश, सलमान खुर्शीद, अविनाश पांडे और प्रमोद तिवारी को भी सीडब्ल्यूसी का स्थायी आमंत्रित सदस्य बनाया गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता में केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण का पुनर्गठन किया गया है। इसमें मिस्त्री के अलावा राजेश मिश्रा, कृष्णा गौड़ा, ज्योतिमणि और अरविंदर सिंह लवली को बतौर सदस्य शामिल किया गया है।