कांग्रेस में बड़े विद्रोह के संकेत, जम्मू से असंतुष्ट नेताओं ने फूंका बिगुल, कहा-नहीं तो पार्टी 1969 की तर्ज पर दो फाड़ हो जाएगी...

By शीलेष शर्मा | Published: February 27, 2021 07:16 PM2021-02-27T19:16:56+5:302021-02-27T19:38:36+5:30

गुलामनबी आज़ाद के अलावा आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, भूपेंद्र हुड्डा, मनीष तिवारी, राज बब्बर और विवेक तन्खा पहुंचे।

congress rally g23 leaders ghulam nabi kapil sibbal party will be torn apart on the lines of 1969 jammu kashmir | कांग्रेस में बड़े विद्रोह के संकेत, जम्मू से असंतुष्ट नेताओं ने फूंका बिगुल, कहा-नहीं तो पार्टी 1969 की तर्ज पर दो फाड़ हो जाएगी...

राहुल का बिना नाम लिये कहा हम चुनाव दर चुनाव हार रहे हैं, कार्यकर्ता निराश है तब विकल्प तो खोजना ही होगा। (file photo)

Highlightsसमारोह में राहुल गांधी को आमंत्रित करना तो दूर ,पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तक को नहीं बुलाया गया।प्रियंका गाँधी का नेतृत्व स्वीकार है, क्योंकि वह सभी से परामर्श कर फ़ैसला करती हैं। राजबब्बर ने टिप्पणी की यह जी 23 नहीं, गांधी 23 है, जो पार्टी को उसकी गरिमा लौटाना चाहती है।

जम्मूः जम्मू में शांति सम्मेलन के नाम पर कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं ने पार्टी नेतृत्व को साफ़ संकेत दिया कि हालात ठीक नहीं हुए तो पार्टी 1969 की तर्ज़ पर दो फाड़ हो जायेगी।

राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने और संसद से विदाई के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। उनके साथ जी-23 के भी कई नेता मौजूद हैं। हालांकि किसी नेता ने सीधे तौर पर पार्टी तोड़ने की बात नहीं की, लेकिन उनकी भाषा और तेवर इस ओर साफ़ इशारा कर रहे थे।

आनंद शर्मा ने बिना राहुल गाँधी का नाम लिये कहा पिछले एक दशक में पार्टी कमज़ोर हुई है। उन्होंने नई पीढ़ी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। उनका सीधा निशाना राहुल गांधी पर था। मंच पर मौजूद एक वरिष्ठ नेता ने लोकमत को बताया कि जम्मू तो शुरुआत है, कश्मीर से कन्याकुमारी तक हम कांग्रेस को मज़बूत करने के लिये सम्मेलन करेंगे।

नेताओं का अगला पड़ाव अब पंजाब

इन नेताओं का अगला पड़ाव अब पंजाब है। इस नेता ने यह भी साफ़ किया कि ज़रूरत पड़ी तो ऐसे नेतृत्व से नाता तोड़ने का फ़ैसला लिया जा सकता है। राजबब्बर ने टिप्पणी की यह जी 23 नहीं, गांधी 23 है, जो पार्टी को उसकी गरिमा लौटाना चाहती है। इंदिरा गाँधी ने ने अलग कांग्रेस को खड़ा किया, मोरारजी देसाई को मुंह की खानी पड़ी। जी 23 में केवल 23 नेता नहीं, हमारे विचारों के साथ कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की लंबी सूची है जो समय आने पर सामने आयेगी।

राहुल का बिना नाम लिये कहा हम चुनाव दर चुनाव हार रहे हैं, कार्यकर्ता निराश है तब विकल्प तो खोजना ही होगा। कपिल सिब्बल ने तो कांग्रेस नेतृत्व पर ताबड़तोड़ हमला बोला और पूछा गुलामनबी आज़ाद को राज्यसभा की सीट क्यों नहीं दी गई।

तमिलनाडु में डीएमके से चर्चा के लिए अनुभवहीन लोगों को क्यों भेजा। आज़ाद के लम्बे अनुभव का फ़ायदा पार्टी क्यों नहीं उठा रही। सूत्र बताते हैं कि पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता कांग्रेस को राहुल के चंगुल से बाहर निकालना चाहते हैं, एक अन्य विद्रोही नेता की टिप्पणी थी कि उनको प्रियंका गाँधी का नेतृत्व स्वीकार है, क्योंकि वह सभी से परामर्श कर फ़ैसला करती हैं। 

लोगों को भ्रम में नहीं रहना चाहिए

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने दिल्ली से आए कांग्रेस के नेताओं का स्वागत किया। इस दौरान पार्टी के शीर्ष नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कमजोर हुई है और हमें इसे मजबूत करने की जरूरत है. इस बात को हमें स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा, ''जब आप विमान में जाते हैं तो आपको चलाने वाले के साथ-साथ एक इंजीनियर की भी जरूरत होती है, जो इसके तकनीक के बारे में जानता हो. गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस के लिए इसी भूमिका में हैं। वह देश के सभी राज्यों की जमीनी हकीकत जानते हैं।''

गुलाम नबी आजाद के सम्मान में कांग्रेस नेता व राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री तारा चंद ने कहा कि कौन कह रहा है कि आजाद साहब रिटायर हुए हैं? लोगों को भ्रम में नहीं रहना चाहिए। वह सक्रिय रहेंगे, हम चाहते हैं कि वह राजनीति में सक्रिय रहे।

इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत में आजाद ने कहा कि और भी नेता इस कार्यक्रम में शामिल होना चाह रहे थे लेकिन मैंने उन्हें मना किया। मैंने उनसे कहा कि लोग अटकलें लगाने लगेंगे। मैंने उन्हें अगली बार आने के लिए कहा। इस दौरान उन्होंने आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा का स्वागत किया।  उन्होंने कहा कि पार्टी के कई वरिष्ठ नेता जो यहां मौजूद हैं, इन लोगों ने संसद में जम्मू-कश्मीर के लोगों की आवाज उठाई है.

राज बब्बर ने दिया गांधी-23 का नारा: कांग्रेस नेता राज बब्बर ने कहा कि लोग हमें जी-23 कहते हैं लेकिन मैं आपको बता दूं कि हम गांधी-23 हैं. और गांधी-23 कांग्रेस की मजबूती चाहता है। पार्टी के आदशोेेर्ें के चलते गुलाम नबी आजाद बड़े बने। उनके रिटायरमेंट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भावुक हो गए थे, आजाद ही सही मायनों में लोकतांत्रिक हैं, कांग्रेस वो पार्टी है जहां हर किसी की सुनवाई होती है. यह गांधीवादियों और कांग्रेसियों की संस्कृति और परंपरा रही है।

क्या है जी-23: एक समय में कांग्रेस के 23 नेताओं ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे। इन्हें जी-23 के नाम से जाना जाता है, जम्मू पहुंचने वालों में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व यूपी कांग्रेस प्रमुख राज बब्बर, पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल शामिल हैं।

भगवा साफे ने नजर आए कांग्रेस नेता: एक ओर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी चुनावी राज्य तमिलनाडु का दौरा कर रहे हैं तो वहीं जम्मू में पार्टी के असंतुष्ट नेता एक कार्यक्र म में इकट्ठा हुए. सम्मेलन के दौरान यहां मौजूद कांग्रेस के सभी नेता भगवा साफे में नजर आए। इस कार्यक्रम में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी के पोस्टर नहीं थे, कार्यक्रम के मंच पर गांधी ग्लोबल लिखा था। इस कार्यक्रम का आयोजन गांधी ग्लोबल फैमिली नामक एक एनजीओ ने किया था।

Web Title: congress rally g23 leaders ghulam nabi kapil sibbal party will be torn apart on the lines of 1969 jammu kashmir

राजनीति से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे