रक्षा मंत्रालय के नोट से खुल गई राफेल डील पर मोदी सरकार के दो दावों की पोल: राहुल गांधी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 13, 2019 06:46 PM2019-02-13T18:46:46+5:302019-02-14T10:28:52+5:30
सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार द्वारा हस्ताक्षरित राफेल लड़ाकू विमान सौदे की कीमत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार द्वारा प्रस्तावित कीमत से 2.86 फीसदी कम है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नियंत्रक महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्ट आने के बाद बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। राहुल गांधी ने कहा- अफसरशाही, वायुसेना और रक्षा मंत्रालय में ये फीलिंग है कि राफेल मामले में शत प्रतिशत चोरी हुई है। नरेन्द्र मोदी अंदर से घबराए हुए हैं और जानते हैं अब कहीं न कहीं राफेल का मामला अपने अंजाम तक पहुंचेगा। राहुल गांधी ने राफेल डील पर सीएजी रिपोर्ट को 'चौकीदार ऑडिटर जनरल रिपोर्ट' बताया है। राहुल का कहना है कि रक्षा मंत्रालय के नोट से राफेल डील पर मोदी सरकार के दो दावों की पोल खुल गई है।
प्रति विमान 25 मिलियन यूरो ज्यादा भुगतान किया गया
राहुल गांधी का कहना है कि 36 राफेल विमानों के लिये भारत की जरूरतों के हिसाब से बदलाव 126 विमानों के जैसे ही हैं। नये सौदे में प्रति विमान 25 मिलियन यूरो ज्यादा भुगतान किया गया है और इसी जगह पर भ्रष्टाचार हुआ है। अगर सीएजी रिपोर्ट को ही देखा जाय तो निर्मला सीतारमण ने संसद में झूठ बोला है, उन्होंने कहा था कि राफेल डील 9-20 फीसदी सस्ती हुई थी लेकिन सीएजी 2.8 फीसदी बता रहा है।
नरेंद्र मोदी अनिल अंबानी के बिचौलिए के रूप में काम कर रहे हैं
राहुल गांधी ने कहा- राफेल डील में न ही रक्षा मंत्री को मालूम था, न ही विदेश सचिव को मालूम था, न एचएएल को मालूम था। लेकिन अनिल अंबानी को डील होने से 10 दिन पहले मालूम था। मतलब यही है कि नरेंद्र मोदी अनिल अंबानी के बिचौलिए के रूप में काम कर रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा- राफेल पर समझौता टीम ने कहा है कि नई डील पहले से 55 फीसदी महंगी है।
WATCH: Congress President @RahulGandhi addresses media on Rafale Scam. #AntiNationalModihttps://t.co/XlBrfCS77U
— Congress (@INCIndia) February 13, 2019
36 राफेल के वास्तविक मूल्य का खुलासा नहीं किया गया
राहुल ने कहा- रिपोर्ट में एनडीए सरकार द्वारा साइन की गई डील में 36 राफेल लड़ाकू विमानों के वास्तविक मूल्य का खुलासा नहीं किया गया है। हालांकि, रिपोर्ट में कीमत की जांच शामिल है। इस नए डील का सिर्फ एक कारण है, नरेन्द्र मोदी जी अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ रुपये देना चाहते हैं। राहुल ने कहा कि अगर राफेल डील में कोई घोटाला नहीं हुआ है तो संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के लिए सहमति दें। बीजेपी जेपीसी से क्यों डर रही है।
सीएजी की रिपोर्ट में बताई गई हैं ये बातें
सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार द्वारा हस्ताक्षरित राफेल लड़ाकू विमान सौदे की कीमत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार द्वारा प्रस्तावित कीमत से 2.86 फीसदी कम है। रिपोर्ट पर नज़र डालें तो रिपोर्ट में ये माना गया है कि 2007 के सौदे में संप्रभु गारंटी, बैंक गारंटी और प्रदर्शन गारंटी शामिल थी, जबकि नये सौदे में यह शामिल नहीं है।