कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा- यूजीसी सुने छात्रों की बात, बिना परीक्षा करे प्रमोट
By एसके गुप्ता | Published: July 10, 2020 06:56 PM2020-07-10T18:56:37+5:302020-07-10T18:56:37+5:30
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इससे पहले विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षा सितंबर माह के आखिर में कराने की घोषणा की है।
नई दिल्ली: बिना परीक्षा विश्वविद्यालयों में छात्रों को प्रमोट करने की मांग को लेकर महाराष्ट्र सरकार के बाद राजनीतिक दलों की ओर से भी आवाज उठने लगी है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने परीक्षाओं को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की आलोचना की है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि कोरोना महामारी के बीच परीक्षाएं कराना बहुत ही गलत होगा। यूजीसी को छात्रों और शिक्षाविदों की आवाज सुननी चाहिए। परीक्षाओं को कैंसल कर छात्रों को उनके पिछले प्रदर्शन के आधार पर प्रमोट किया जाना चाहिए।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इससे पहले विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षा सितंबर माह के आखिर में कराने की घोषणा की है। ये परीक्षाएं जुलाई में होनी थी। कोरोना महामारी के कारण इन परीक्षाओं को सितंबर अंत तक टाला गया है।
यूजीसी की ओर से जारी नई गाइडलाइंस में सितंबर में अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए होने वाली परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों को एक अन्य मौका और दिया जाएगा।
राहुल गांधी ने शुक्रवार को ट्वीट के साथ अपना एक वीडियो संदेश भी जारी किया है। इसमें उन्होंने यूजीसी पर भ्रम पैदा करने का आरोप लगाया है। राहुल ने कहा है कि कोविड ने बहुत लोगों को नुकसान पहुंचाया। हमारे जो स्टूडेंट हैं स्कूलों में, कॉलेजों में, यूनिवर्सिटीज में, उन्हें बहुत कष्ट सहना पड़ा है।
आईआईटीज ने, कॉलेजेज ने एग्जाम कैंसल करके बच्चों को प्रमोट किया है। यूजीसी कन्फ्यूजन क्रिएट कर रही है।यूजीसी को भी एग्जाम कैंसल करके पिछले प्रदर्शन के आधार पर बच्चों को प्रमोट कर देना चाहिए।
परीक्षाओं को लेकर यूजीसी का कहना है कि अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं लेना इसलिए जरूरी है कि इसी के आधार पर छात्रों को डिग्री दी जाएगी। परीक्षा बिना डिग्री देने से गलत परंपरा शुरू हो जाएगी।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के इस ट्वीट से पहले महाराष्ट्र के 13 विश्वविद्यालयों ने केंद्र से परीक्षाएं न कराने की अपील की गई है।