नागरिकता संशोधन बिल: कांग्रेस ने जारी किया व्हिप, कहा-"कल पार्टी के सभी सांसद सदन में रहें मौजूद"
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 10, 2019 01:50 PM2019-12-10T13:50:30+5:302019-12-10T13:52:25+5:30
नागरिकता संशोधन बिल को बुधवार (11 दिसंबर) को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। लोकसभा से यह बिल पास हो चुका है। यह जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से दी है। लोकसभा में बिल के पक्ष में 311 और विरोध में 80 वोट पड़े हैं।
नागरिकता संशोधन बिल सोमवार को लोकसभा में पास हो गया है। अब सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, बुधवार को सरकार इस विधेयक को राज्यसभा में पेश कर सकती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने व्हिप जारी किया है। व्हिप जारी कर कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को कल सदन में मौजूद रहने के लिए कहा है।
Congress has issued three line whip to its Rajya Sabha MPs to be present in the House tomorrow. pic.twitter.com/vQ5FhlXi7m
— ANI (@ANI) December 10, 2019
बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल को बुधवार (11 दिसंबर) को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। लोकसभा से यह बिल पास हो चुका है। यह जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से दी है। लोकसभा में बिल के पक्ष में 311 और विरोध में 80 वोट पड़े हैं।
Sources: Citizenship Amendment Bill 2019 to be tabled in Rajya Sabha tomorrow pic.twitter.com/nSARNY1RpU
— ANI (@ANI) December 10, 2019
राज्यसभा में होगा सरकार का असली इम्तिहान
एनडीए के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, लेकिन कुछ अन्य पार्टियों के समर्थन की बदौलत वह इसे राज्यसभा में भी पास कराने की उम्मीद कर रहा है।
राज्यसभा में क्या है एनडीए का गणित:
राज्यसभा में भले ही एनडीए के पास बहुमत न हो लेकिन उसका संख्याबल विपक्षी दलों से मजबूत है, और यही वजह है कि सरकार इस बिल को राज्यसभा में भी पास कराने को लेकर आत्मविश्वास से भरी नजर आ रही है। राज्यसभा में एनडीए के कुल 106 सांसद हैं। इनमें से अकेले भारतीय जनता पार्टी के ही 83 सांसद हैं। इसके अलावा इसमें शामिल दलों में जेडीयू के छह, शिरोमणि अकाली दल के 3 और अन्य दलों के 13 सांसद हैं।
राज्यसभा में यूपीए के पास है कितना समर्थन:
राज्यसभा में यूपीए के कुल 62 सांसद हैं, जिनमें से 46 तो अकेले कांग्रेस से हैं। वहीं आरजेडी और एनसीपी के चार-चार और डीएमके के 5 सांसद हैं, तीन सांसद अन्य सहयोगी दलों के हैं।
ये पार्टियां भी बिल के विरोध में:
वहीं राज्यसभा में ऐसी पार्टियां, जो न एनडीए और न ही यूपीए का हिस्सा हैं, में से ज्यादातर इस बिल के विरोध में नजर आ रही हैं। इनमें तृणमूल कांग्रेस के सर्वाधिक 13 सांसद, समाजवादी पार्टी के 9, तेलंगाना राष्ट्रवादी समिति के 6, सीपीएम के 5, बहुजन समाज पार्टी के 4, आम आदमी पार्टी के 3, पीडीपी के 2, सीपीआई और एचडी कुमारास्वामी की जेडीएस के 1-1 सांसद हैं। इन सभी दलों का आंकड़ा 44 बैठता है।
राज्यसभा में भले ही एनडीए के पास बहुमत न हो लेकिन उसका संख्याबल विपक्षी दलों से मजबूत है, और यही वजह है कि सरकार इस बिल को राज्यसभा में भी पास कराने को लेकर आत्मविश्वास से भरी नजर आ रही है। राज्यसभा में एनडीए के कुल 106 सांसद हैं। इनमें से अकेले भारतीय जनता पार्टी के ही 83 सांसद हैं। इसके अलावा इसमें शामिल दलों में जेडीयू के छह, शिरोमणि अकाली दल के 3 और अन्य दलों के 13 सांसद हैं।
राज्यसभा में यूपीए के पास है कितना समर्थन:
राज्यसभा में यूपीए के कुल 62 सांसद हैं, जिनमें से 46 तो अकेले कांग्रेस से हैं। वहीं आरजेडी और एनसीपी के चार-चार और डीएमके के 5 सांसद हैं, तीन सांसद अन्य सहयोगी दलों के हैं।