गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा पर गिरेगी गाज! कांग्रेस कर रही अनुशासनात्मक कार्रवाई पर विचार, जानें मामला
By शीलेष शर्मा | Published: March 2, 2021 07:46 PM2021-03-02T19:46:05+5:302021-03-02T20:18:40+5:30
पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने पार्टी सहयोगी आनंद शर्मा द्वारा इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ पार्टी के गठबंधन की आलोचना करने पर पलटवार किया है।
नई दिल्लीः कांग्रेस में ग्रुप 23 के नेताओं के विद्रोही तेवरों के बाद पार्टी की आंतरिक कलह खुल कर सामने आ गयी है। इधर पार्टी आलाकमान इस पूरे मामले को अनुशासन समिति को भेजने पर विचार कर रहा है, ताकि पार्टी में कड़ा संदेश भेजा जा सके।
दूसरी ओर पार्टी सूत्रों के अनुसार इन असंतुष्ट नेताओं को जबाब देने के लिए अब पार्टी ने भी कमर कस ली है, जिसका पहला नज़ारा आज जम्मू में देखने को मिला, जहाँ प्रधानमंत्री मोदी की शान में गुलामनबी आज़ाद द्वारा कसीदे पढ़े जाने के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।
सूत्र बताते हैं कि ग्रुप 23 के नेता जिस जिस शहर में भी पार्टी मंच से इतर नेतृत्व पर हमला करने का कार्यक्रम करेंगे ऐसे प्रदर्शन हर उस शहर में आयोजित किये जायेंगे। उल्लेखनीय है कि तारिक़ अनवर, जितिन प्रसाद,अधीर रंजन चौधरी, जितेंद्र सिंह सरीखे तमाम नेता आनंद शर्मा के ट्वीट को लेकर नाराज़ हैं।
जिसमें उन्होंने बंगाल में कांग्रेस ,वाम दलों के साथ आईएसएफ के गठबंधन की कड़ी आलोचना करते हुये इसे पार्टी की सोच के खिलाफ किया गठबंधन बता दिया। तारिक़ अनवर ने कहा कि आनंद शर्मा को अपनी बात पार्टी के अंदर रखनी चाहिये थी न कि सोशल मीडिया पर।
अधीर ने तो सीधा हमला बोला कि आनंद शर्मा किसी की मदद करने के लिये ऐसे वयान दे रहे हैं ,उनका सीधा इशारा भाजपा की मदद करने की ओर था। जितेंद्र सिंह ने तो यहाँ तक कह दिया कि जो नेता सीमा लांघ रहे हैं उनके खिलाफ तुरंत कड़ी कार्यवाही हो क्योंकि इससे पार्टी को चुनाव के समय बड़ा नुकसान हो रहा है।
पार्टी महासचिव प्रियंका गाँधी ने आनंद शर्मा का बिना नाम लिये बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन का चुनावी गठबंधन के फ़ैसले को सही बता कर साफ़ संकेत दिये कि वह आनंद शर्मा के ट्वीट से सहमत नहीं हैं। आज़ाद की मोदी को लेकर की गयी टिप्पड़ी और आनंद शर्मा के ट्वीट के बाद ग्रुप 23 में भी फूट पड़ गयी है। जितिन प्रसाद ,वीरप्पा मोइली ,मनीष तिवारी जैसे अनेक नेता जिन्होंने सोनिया गाँधी को लिखे पत्र पर हस्ताक्षर किये थे इन दोनों नेताओं आज़ाद और शर्मा से दूरी बना रहे हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस-वाम मोर्चे और आईएसएफ ने पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा का मुकाबला करने के लिए ‘संयुक्त मोर्चा’ का गठन किया है।