कांग्रेस ने बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की, ‘परिवार’ में वापस आने का प्रस्ताव भी दिया

By भाषा | Published: July 16, 2020 04:37 AM2020-07-16T04:37:25+5:302020-07-16T04:37:25+5:30

सचिन पायलट और उनके समर्थक माने जा रहे 19 विधायक सोमवार और मंगलवार को यहां हुई विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए। पार्टी ने कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश में शामिल होने के आरोप में पायलट तथा दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को मंगलवार को उनके पदों से बर्खास्त कर दिया था।

Congress demanded disqualification of rebel MLAs, also proposed to return to 'family' | कांग्रेस ने बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की, ‘परिवार’ में वापस आने का प्रस्ताव भी दिया

विधायकों को जारी नोटिस उनके निवास के बाहर भी चस्पा किए गए हैं और इनमें से कई नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

Highlightsराजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने की मांग की है । पार्टी ने फिर से कहा है कि पायलट और दूसरे बागी विधायकों के लिए दरवाजे बंद नहीं हुए हैं।

नयी दिल्ली:कांग्रेस ने विधायक दल की हालिया बैठकों से अनुपस्थित रहने पर राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने की मांग की है । हालांकि, पार्टी ने फिर से कहा है कि पायलट और दूसरे बागी विधायकों के लिए दरवाजे बंद नहीं हुए हैं।

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने इसकी पुष्टि की है कि कांग्रेस की शिकायत पर बुधवार को 19 विधायकों को नोटिस भेजा गया। इन विधायकों को शुक्रवार तक नोटिस का जवाब देना है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस के बागी नेता पायलट का नाम लिए बिना बुधवार को दावा किया कि वह सीधे तौर पर भाजपा के साथ विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल थे। उन्होंने कहा कि उनके पास इस बात के प्रमाण हैं कि खरीद फरोख्त की कोशिश हुई है। इस बीच, कांग्रेस ने यह स्पष्ट संकेत दिया कि बागी विधायक पार्टी में वापस आ सकते हैं।

कांग्रेस महासचिव एवं राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे ने ट्वीट किया, ‘‘पायलट के लिए पार्टी के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं, भगवान उनको सद्बुद्धि दे और उन्हें उनकी गलती समझ आए । मेरी प्रार्थना है कि भाजपा के मायावी जाल से वह बाहर निकल आएं।’’ पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अगर वह भाजपा में नहीं जाना चाहते तो हरियाणा में भाजपा सरकार का आतिथ्य त्याग दें और वापस अपने घर जयपुर लौट आएं।

इसके साथ ही कांग्रेस की ओर से पायलट को याद दिलाया गया है कि नेता के रूप में उन्हें जितना प्रोत्साहन पार्टी ने दिया, वैसा कांग्रेस या भाजपा में शायद ही किसी नेता को मिला हो। पायलट ने बुधवार सुबह कहा कि वह भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान में कुछ नेता उनके भाजपा में जाने की अफवाहों को हवा दे रहे हैं ताकि उनकी छवि धूमिल की जा सके। पिछले कई दिनों से चली आ रही सियासी उठापठक के बीच मुख्यमंत्री गहलोत ने पहली बार पायलट पर बिना नाम लिए तीखा हमला बोला।

गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सफाई कौन दे रहे थे... सफाई वही नेता दे रहे थे जो खुद षड्यंत्र में शामिल थे...षड्यंत्र का हिस्सा थे। हमारे यहां पर उपमुख्यमंत्री हो, पीसीसी अध्यक्ष हो, वह खुद ही अगर डील करें... वे सफाई दे रहे हैं कि हमारे यहां कोई हार्स ट्रेडिंग नहीं हो रही थी.. अरे तुम तो खुद षड्यंत्र में शामिल थे.. तुम क्या सफाई दे रहे हो। ऐसी स्थिति में देश चल रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अच्छी अंग्रेजी बोलना या बाइट देना ही सब कुछ नहीं है।’’ इस बीच, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बुधवार को कहा कि सचिन पायलट और भाजपा के नेताओं के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कहा था कि हमारे वैचारिक मंच से कोई जनाधार वाला व्यक्ति जुड़ता है तो यह खुशी की बात होगी। हमारे (राजस्थान) प्रदेश अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी इसी मंशा से यह बात कही होगी। लेकिन इसको ऐसे नहीं समझना चाहिए कि हम व्यग्रता से कालीन बिछाकर किसी का इंतजार कर रहे हैं। ’’

राजस्थान विधानसभा सचिवालय ने कांग्रेस विधायक दल की हालिया बैठकों में शामिल नहीं होने वाले 19 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के नोटिस जारी किए हैं। कांग्रेस के मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी की ओर से की गई शिकायत के आधाार पर बागी विधायकों को नोटिस जारी किया गया।

उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट और उनके समर्थक माने जा रहे 19 विधायक सोमवार और मंगलवार को यहां हुई विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए। पार्टी ने कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश में शामिल होने के आरोप में पायलट तथा दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को मंगलवार को उनके पदों से बर्खास्त कर दिया था। सूत्रों के अनुसार विधायकों को ये नोटिस भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191 और सपठित 10वीं अनुसूची तथा राजस्थान विधानसभा .. दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता.. नियम 1989 के प्रावधान के तहत जारी किए गए हैं।

विधायकों से कहा गया है कि वे अपने लिखित जवाब तीन दिन में विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश करें। इन याचिकाओं को 17 जुलाई को दोपहर एक बजे विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में विधानसभा अध्यक्ष के सामने रखा जाएगा। नोटिस में कहा गया है कि विधायक अगर लिखित टिप्पणी या जवाब नहीं देते हैं तो सम्बद्ध याचिका पर एक पक्षीय सुनवाई कर उसका निस्तारण कर दिया जाएगा। विधायकों को जारी नोटिस उनके निवास के बाहर भी चस्पा किए गए हैं और इनमें से कई नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

Web Title: Congress demanded disqualification of rebel MLAs, also proposed to return to 'family'

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