कांग्रेस में घमासानः वरिष्ठ नेता युवा बिग्रेड से नाराज, मनीष तिवारी बोले- 2014 में हार के लिए UPA जिम्मेदार, सातव ने कहा- समीक्षा हो
By शीलेष शर्मा | Published: July 31, 2020 03:55 PM2020-07-31T15:55:13+5:302020-07-31T15:55:13+5:30
पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी के ताज़ा ट्वीट में नज़र आयी, जिसमें उन्होंने राजीव सातव पर निशाना साध कर सातव की तस्वीर डाल कर लिखा "क्या 2014 में यूपीए सरकार कांग्रेस के पराभव का कारण थी, यह वाजिव सवाल है।"
नई दिल्लीः कांग्रेस में कल हुई राज्यसभा सांसदों की बैठक के बाद पार्टी के राहुल समर्थक युवा बनाम पुराने कांग्रेस नेताओं के बीच घमासान शुरू हो गया है। इसकी बानगी पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी के ताज़ा ट्वीट में नज़र आयी, जिसमें उन्होंने राजीव सातव पर निशाना साध कर सातव की तस्वीर डाल कर लिखा "क्या 2014 में यूपीए सरकार कांग्रेस के पराभव का कारण थी, यह वाजिव सवाल है।"
तिवारी ने सवाल किया कि क्या यूपीए के साथ भितरघात किया गया, 2019 की हार का भी विश्लेषण हो, यूपीए के विरुद्ध 6 सालों में कोई मामला कानून के सामने टिक नहीं पाया। "
दरअसल यह महज़ ट्वीट नहीं यह राजीव सातव के कल सिब्बल से पूछे गये सवाल का उत्तर है। सातव ने सवाल उठाया था कि पार्टी की दुर्दशा के लिये यूपीए -2 की समीक्षा होनी चाहिये कि वह लोगों की अपेक्षाओं पर खरी क्यों नहीं उतर सकी।
पार्टी के वरिष्ठ नेता सातव सहित युवा बिग्रेड से खासे नाराज़ हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने लोकमत से कहा कि पार्टी का कोई नेता राहुल के नेतृत्व के खिलाफ नहीं है लेकिन उनको तय करना होगा कि वह किस टीम को साथ लेकर पार्टी चलाना चाहते हैं, क्या सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जय वीर शेरगिल, रणदीप सुरजेवाला जैसे नेताओं को साथ लेकर जिनका न विचारधारा में और न ही नीतियों में विश्वास है।
सिंधिया और पायलट ने क्या किया सभी जानते हैं, क्या अहमद पटेल, आनंद शर्मा, जयराम रमेश, सलमान खुर्शीद जैसे पुराने नेताओं ने कभी पार्टी छोड़ने की बात की समय चाहे कितना भी कठिन क्यों न रहा हो। हम युवाओं के खिलाफ नहीं लेकिन पार्टी चलाने के लिये अनुभव चाहिये, अवसरवादी नहीं। राहुल इसका संज्ञान लें और पार्टी का नेतृत्व करें। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस में अब तक दबी आग फूट पड़ी है, अगर काबू नहीं की गयी तो महाभारत होना तय है।
1.Was UPA responsible for decline in Fortunes of @INCIndia in 2014 is a VALID QUES-MUST be gone into?
— Manish Tewari (@ManishTewari) July 31, 2020
2.Equally valid is WAS UPA SABOTAGED FROM WITHIN?
3.2019 DEFEAT MUST ALSO BE ANALYSED.
4. NO CHARGE AGAINST UPA HAS STOOD THE TEST OF LAW -6 YRS ON.https://t.co/SYcSvgFtTp