मोदी-योगी पर बोला हमला, प्रियंका-राहुल की जोड़ी ने कहा- 'सरकारी कंपनी बेचो', "ईज़ ऑफ़ डूइंग क्राइम"
By शीलेष शर्मा | Published: September 8, 2020 09:33 PM2020-09-08T21:33:47+5:302020-09-08T21:33:47+5:30
राहुल ने ट्वीट किया "मोदी 'सरकारी कंपनी बेचो' मुहिम चला रहे है। खुद की बनाई आर्थिक बेहाली की भरपाई के लिए देश की संपत्ति को थोड़ा-थोड़ा करके बेचा जा रहा है। जनता के भविष्य और भरोसे को ताक पर रख कर एलआईसी को बेचना मोदी सरकार का एक और शर्मनाक प्रयास है।"
नई दिल्लीः राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की जोड़ी ने आज मिलकर सरकार पर हमला बोला। राहुल के निशाने पर पीएम मोदी थे, तो प्रियंका के निशाने पर सीएम योगी। दोनों ने साबित करने की कोशिश की कि सरकार झूठ बोल रही है।
राहुल ने ट्वीट किया "मोदी 'सरकारी कंपनी बेचो' मुहिम चला रहे है। खुद की बनाई आर्थिक बेहाली की भरपाई के लिए देश की संपत्ति को थोड़ा-थोड़ा करके बेचा जा रहा है। जनता के भविष्य और भरोसे को ताक पर रख कर एलआईसी को बेचना मोदी सरकार का एक और शर्मनाक प्रयास है।" गौरतलब है कि मोदी सरकार रेल सहित अनेक कंपनियों को पहले ही बेचने का फैसला ले चुकी है।
राहुल के साथ ही प्रियंका ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर हमला किया। उन्होंने ट्वीट किया "ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस" पर यू पी सरकार का खुद की पीठ थपथपाना वैसा ही है जैसे लापता सहमति पत्रों के बल पर निवेश कराना। उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं, फैक्टरियों में ताला है, बुनकर करघा बेच रहे हैं। यहाँ केवल "ईज़ ऑफ़ डूइंग क्राइम" और घोटाला है।"
दरअसल प्रियंका उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की खोई ज़मीन को वापस लाने में जुटी हैं , ताबड़तोड़ कमेटियों का गठन, हर रोज़ किसी न किसी मुद्दे को लेकर योगी पर हमला इसका संकेत है। आज भी उन्होंने अपनी सलाहकार समिति में चार नए नाम जोड़े इनमें राकेश सचान, आचार्य प्रमोद कृष्णन, हरेंद्र मलिक और बेगम नूर बानो शामिल हैं। मुस्लिम , ब्राह्मण और वैश्य को जोड़ कर एक नया समीकरण बैठाने की कोशिश की गयी है।
राहुल मानते हैं कि कोरोना को लेकर सरकार का प्रबंधन था ही नहीं, वास्तव में यह कुप्रबंधन है जिसके कारण सत्ता के अंत में कोरोना मरीज़ों की संख्या अमेरिका और ब्राज़ील के आंकड़ों को जोड़ कर भी पार हो चुकी है। रविवार को दुनिया भर में जितने भी मामले आये उसके 40 फीसदी अकेले भारत में थे। कोरोना का ग्राफ गिरता नज़र नहीं आ रहा है जो एक चिंता का बड़ा कारण है। अर्थव्यवस्था दम तोड़ रही है। बेरोज़गारी चरम पर है।