कांग्रेस ने कहा-मीडिया पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रही सरकार, जानें पूरा मामला
By शीलेष शर्मा | Published: March 5, 2021 12:35 PM2021-03-05T12:35:50+5:302021-03-05T12:37:21+5:30
कांग्रेस ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी, मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग की कमर तोड़ कर रख दी है. ऐसा लग रहा है कि सरकार क्रूड ऑयल से नहीं आम आदमी के खून से तेल निकाल रही है.
नई दिल्लीःकांग्रेस ने आज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह मीडिया पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रही है.
पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सरकार की एक संचार रिपोर्ट का जिक्र करते हुए जोरदार हमला बोला. श्रीनेत के अनुसार, सरकार ने एक समूह बनाया था जिसमें 5 कैबिनेट मंत्री- रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी, एस. जयशंकर, मुख्तार अब्बास नकवी और प्रकाश जावड़ेकर के साथ-साथ 4 राज्यमंत्री- हरदीप पुरी, किरण रिजिजु, अनुराग ठाकुर, बाबुल सुप्रियो शामिल थे.
उन्होंने कहा, ''इस समूह ने कोरोना काल के दौरान 6 बैठकें कीं. इनका उद्देश्य सकारात्मक सुर्खियां बनाना और खबरों को सरकार के पक्ष में लाना था. मंत्रणा के दौरान जो तथ्य उभरे, उनके अनुसार स्मृति ईरानी का सुझाव था कि हमें 50 नकारात्मक प्रभावशाली व्यक्तियों पर नजर बनाए रखनी है. यह काम सूचना प्रसारण मंत्रालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर को दिया जाए.''
उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले आए ओटीटी प्लेटफॉर्म और डिजिटल मीडिया को नियंत्रित करने संबंधी आईटी रूल्स, 2021 इसी रिपोर्ट के सुझावों के आधार पर बनाए गए हैं. श्रीनेत ने कहा कि स्वपनदास गुप्ता ने भी अपनी राय देते हुए एक सघन रणनीति से काम करने की बात कही.
LIVE: Congress Party Press Briefing by Smt. @SupriyaShrinate, Spokesperson, AICC https://t.co/7aQrLIK0BB
— Congress (@INCIndia) March 4, 2021
प्रसार भारती के पूर्व अध्यक्ष सूर्य प्रकाश ने कहा कि सरकार के पास इतनी शक्ति होती है, जिससे इन लोगों को नियंत्रित किया जा सकता है. उन्होंने दावा किया, ''कुछ अन्य सदस्यों ने सुझाव दिया कि पत्रकारों को अलग-अलग रंगों की श्रेणी में इंगित कर देना चाहिए.''
श्रीनेत के मुताबिक, रविशंकर प्रसाद का मानना था कि एक समूह विशेषज्ञों, रिटायर्ड अधिकारियों को चिह्नित करे, जो हमारे पक्ष में लिखे. इस्तीफे की मांग श्रीनेत ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस मामले में जिन मंत्रियों के नाम सामने आए हैं, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.