हरियाणा में कांग्रेस ने किया अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान, दुष्यंत चौटाला की बढ़ सकती है मुश्किलें
By अनुराग आनंद | Published: February 26, 2021 08:53 AM2021-02-26T08:53:52+5:302021-02-26T08:58:43+5:30
किसान आंदोलन के बीच कांग्रेस का मानना है कि जोड़-तोड़ की राजनीति कर इस वक्त सरकार बनाने में कोई फायदा नहीं है। ऐसे में पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लाकर प्रयास कर रही है कि मनोहरलाल खट्टर की सरकार खुद गिर जाए।
नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा के किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि कानून वापसी से कम कुछ भी उन्हें स्वीकार नहीं है।
इस बीच हरियाणा की राजनीति में कांग्रेस ने एक बड़ा दांव चल दिया है। कांग्रेस ने विधानसभा में बजट सत्र के दौरान हरियाणा राज्य की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।
प्रस्ताव को मंजूर करना या नहीं करना विधानसभा अध्यक्ष को तय करना है-
यदि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लेकर आती है, तो इस प्रस्ताव को मंजूर करना या नहीं करना यह फैसला विधानसभा अध्यक्ष द्वारा किया जाएगा। लेकिन, यदि अविश्वास प्रस्ताव मंजूर होता है तो इसके बाद सबसे बड़ी समस्या जेजेपी के सामने होगी।
अविश्वास प्रस्ताव के बाद दुष्यंत चौटाला को भाजपा व किसानों में एक को चुनना होगा-
अधिकांश जाटों के समर्थन से सत्ता की कुर्सी पर बैठने वाले जेजेपी के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला को फिर खुलकर सामने आना होगा। उन्हें खुलकर कहना होगा कि अब उनके विधायक किसानों के समर्थन में वोट करेंगे या किसानों के विरोध में वोट करेंगे।
किसानों के समर्थन से ही जजपा सत्ता की कुर्सी तक पहुंची है-
साफ हो जाएगा कि जजपा किसानों के साथ होती है या भाजपा के साथ रहती है। ऐसा माना जा रहा है कि अधिकांश किसानों के वोट से ही जजपा के विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव में किसानों का खुलकर विरोध करना जजपा के विधायकों के लिए उतना आसान भी नहीं होगा।
कांग्रेस सरकार को गिराए बिना चुनाव के माध्यम से पूर्ण बहुमत जुटाना चाहती है-
कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि पार्टी अभी खट्टर सरकार को हटाकर अपनी सरकार बनाने के पक्ष में नहीं है। कांग्रेस खट्टर सरकार को कमजोर करना चाहती है। यदि जजपा भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेती है तो सरकार काफी समय तक नहीं चल पाएगी। ऐसे में चुनाव के माध्यम से कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आने के लिए किसी तरह से छेड़छाड़ किए बिना इंतजार करने के मूड में है।