नागरिकता बिल के ऊपर सीएम ठाकरे फैसला लेंगे, शिवसेना पर कोई दबाव नहींः एकनाथ शिंदे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 13, 2019 06:10 PM2019-12-13T18:10:01+5:302019-12-13T18:10:01+5:30
महाराष्ट्र के गृह मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि नागरिकता बिल के ऊपर मुख्यमंत्री फैसला लेंगे। इस राज्य में सभी जाति, धर्म और भाषा के लोग रहते हैं। उन सभी को यह महसूस होना चाहिए कि यह सरकार उनकी है।
नागरिकता संशोधन बिल संसद के दोनों सदनों में पारित होने के बाद माननीय राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून का रूप ले चुका है। इस बिल के कानून बनते ही देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इसी बीच खबर आ रही है कि इस मामले में महाराष्ट्र के मंत्री ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि नए नागरिकता कानून के मामले में हम अपनी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की नीति का पालन करेंगे।
इस बीच, महाराष्ट्र के गृह मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि नागरिकता बिल के ऊपर मुख्यमंत्री फैसला लेंगे। इस राज्य में सभी जाति, धर्म और भाषा के लोग रहते हैं। उन सभी को यह महसूस होना चाहिए कि यह सरकार उनकी है। इस मामले को लेकर शिवसेना पर कोई दबाव नहीं है और कभी भी कोई दबाव नहीं होगा। उद्धव ठाकरे सक्षम हैं, वे राज्य के हित में फैसला लेंगे।
Maharashtra Home Minister Eknath Shinde: There is no pressure on Shiv Sena on this matter, there will never be any pressure. Uddhav Thackeray is capable, he will take a decision in the interest of the state. #CitizenshipAmendmentActhttps://t.co/8KWsDY8Iid
— ANI (@ANI) December 13, 2019
बता दें कि नागरिक संशोधन विधेयक केकानून बनने के खिलाफ पीस पार्टी ने भी सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटिशन दायर कर दी है। इससे पहले टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा भी इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी हैं। वहीं, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने भी इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। कांग्रेस के नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी सीएबी को 'संदिग्ध' बताते हुए कहा है कि कहा है कि इसे जल्द चुनौती दी जाएगी।
Maharashtra Minister and Congress leader Balasaheb Thorat on being asked if Maharashtra will implement #CitizenshipAmendmentAct: We will follow the policy of our party's central leadership. pic.twitter.com/9GrqeIuKGE
— ANI (@ANI) December 13, 2019
इस बिल पर गुरुवार देर शाम ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हस्ताक्षर किये जिसके बाद ये कानून बन चुका है। इससे पहले इसी हफ्ते लोकसभा और फिर राज्य सभा में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बिल को पास कराने में कामयाब रही थी।
इस बिल को लेकर हालांकि देश के पूर्वोत्तर राज्यों में खासा विरोध हो रहा है। हालात ये तक बन गये कि राज्य सभा में जब बुधवार को बिल पर चर्चा हो रही थी, लगभग उसी दौरान असम के गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू लगाने पड़े। साथ ही असम के कुछ जिलों इंटरनेट भी बंद करना पड़ा। यही नहीं, त्रिपुरा में भी इंटरनेट को बंद किया गया। साथ ही कुछ जगहों पर सेना को उतारना पड़ा।