नागरिकता संशोधन विधेयकः सीएम नीतीश के JDU में दरार, पीके के बाद पवन वर्मा उतरे विरोध में
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 10, 2019 01:37 PM2019-12-10T13:37:32+5:302019-12-10T13:37:32+5:30
लोकसभा में जदयू ने समर्थन किया है। पवन कुमार वर्मा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। राज्यसभा में समर्थन नहीं करने को कहा है।
नागरिकता संशोधन विधेयक पर सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में दरार पड़ गई है। पार्टी के दो बड़े नेता राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के बाद प्रवक्ता पवन कुमार वर्मा ने कहा ठीक नहीं हुआ।
लोकसभा में जदयू ने समर्थन किया है। पवन कुमार वर्मा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। वर्मा ने कहा कि यह बिल पार्टी के लिए सही नहीं है। बिहार में एनडीए में साथी जनता दल (यू) ने इस बिल का समर्थन किया है।
जदयू प्रवक्ता पवन कुमार वर्मा ने मंगलवार इस बारे में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘मैं नीतीश कुमार से अपील करता हूं कि राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल (CAB) पर समर्थन पर दोबारा विचार करें। ये बिल पूरी तरह से असंवैधानिक है और देश की एकता के खिलाफ है। ये बिल जदयू के मूल विचारों के भी खिलाफ हैं, गांधी जी इसका पूरी तरह से विरोध करते।’
I urge Shri Nitish Kumar to reconsider support to the #CAB in the Rajya Sabha. The Bill is unconstitutional, discriminatory, and against the unity and harmony of the country, apart from being against the secular principles of the JDU. Gandhiji would have strongly disapproved it.
— Pavan K. Varma (@PavanK_Varma) December 10, 2019
जनता दल (यू) द्वारा लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किये जाने पर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि विधेयक लोगों से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। देर रात लोकसभा में विधेयक पर मतदान होने के बाद जब वह पारित हो गया तब किशोर ने ट्वीट किया कि विधेयक पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता।
उन्होंने ट्वीट में लिखा, “जदयू के नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने से निराश हुआ। यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द पहले पन्ने पर तीन बार आता है। पार्टी का नेतृत्व गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है।” विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए लोकसभा में जदयू के नेता राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह ने कहा कि जदयू विधेयक का समर्थन इसलिए कर रही है क्योंकि यह धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं है।