भारत-बांग्लादेश सीमाः केंद्र और बंगाल सरकार में तनातनी, माल ढुलाई की मंजूरी नहीं देने का मामला

By भाषा | Published: May 6, 2020 08:21 PM2020-05-06T20:21:12+5:302020-05-06T20:21:12+5:30

केंद्र सरकार ने बुधवार को भारत-बांग्लादेश सीमा के जरिये जरूरी सामान की आवाजाही की इजाजत नहीं देने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना की। इस दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि ऐसे कृत्यों के अंतरराष्ट्रीय प्रभाव होंगे।

Center criticizes West Bengal for not approving goods movement from India-Bangladesh border | भारत-बांग्लादेश सीमाः केंद्र और बंगाल सरकार में तनातनी, माल ढुलाई की मंजूरी नहीं देने का मामला

केंद्रीय गृह मंत्रालय के पत्र पर कहा, ‘‘भारत-बांग्लादेश व्यापार के सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद हम कोई फैसला करेंगे।(फाइल फोटो)

Highlightsकेंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि यह बताया गया है कि पश्चिम बंगाल में पड़ने वाली भारत और बांग्लादेश सीमा से माल की आवाजाही अभी भी फिर से शुरू नहीं हुआ है।मोदी सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच पहले से तनावपूर्ण चल रहे संबंधों को और खराब कर सकता है व जुबानी जंग और अधिक बढ़ सकती है।

नई दिल्ली: केंद्र ने भारत-बांग्लादेश सीमा के जरिये आवश्यक वस्तुओं के परिवहन की इजाजत नहीं देने को लेकर बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह संविधान का उल्लंघन है और इसके अंतरराष्ट्रीय परिणाम होंगे।

केंद्र का यह ताजा आरोप (नरेंद्र) मोदी सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच पहले से तनावपूर्ण चल रहे संबंधों को और खराब कर सकता है व जुबानी जंग और अधिक बढ़ सकती है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से कहा कि उसने माल के निर्बाध परिवहन को लेकर केंद्र द्वारा बार-बार जारी निर्देशों को भी लागू नहीं किया है और यह आपदा प्रबंधन कानून के उल्लंघन के समान है।

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को लिखे अपने पत्र में कहा कि भारत-नेपाल, भारत-भूटान और भारत-बांग्लादेश सीमाओं से आवश्यक वस्तुओं के भू सीमा से परिवहन की अनुमति देने के लिए 24 अप्रैल को निर्देश दिए गए थे और साथ ही गृह मंत्रालय को एक अनुपालन रिपोर्ट भेजने को कहा गया था। उन्होंने कहा, ‘‘इस संबंध में, मैं यह कहने के लिए विवश हूं कि हमें पश्चिम बंगाल राज्य सरकार से अनुपालन रिपोर्ट नहीं मिली है।’’

वहीं, पश्चिम बंगाल के गृह सचिव अल्पन बंदोपाध्याय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पत्र पर कहा, ‘‘भारत-बांग्लादेश व्यापार के सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद हम कोई फैसला करेंगे।’’ केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि यह बताया गया है कि पश्चिम बंगाल से लगी भारत-बांग्लादेश सीमा से माल ढुलाई अभी तक फिर से शुरू नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, आवश्यक वस्तुएं लेकर बांग्लादेश जा रहे बड़ी संख्या में ट्रक विभिन्न सीमा चौकियों पर फंसे हुए हैं।

मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश से लौटते समय ऐसे वाहनों के कई चालकों को भी सीमा पार करने की अनुमति नहीं दी गई है और वे पड़ोसी देश में फंसे हुए हैं। गृह सचिव ने बताया कि लॉकडाउन पर नए दिशानिर्देशों में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोई भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश पड़ोसी देशों के साथ हुई संधियों के तहत सड़क सीमा से व्यापार के लिए वस्तुओं का परिवहन नहीं रोकेगा। पत्र में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा की गई इस एकतरफा कार्रवाई से भारत की अंतरराष्ट्रीय रूप से बाध्यकारी प्रतिबद्धताओं के सिलसिले में व्यापक परिणाम होंगे।

इसमें कहा गया है, ‘‘पश्चिम बंगाल राज्य सरकार का यह कृत्य गृह मंत्रालय द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के साथ-साथ भारत के संविधान के अनुच्छेद 253, 256 और 257 के तहत जारी आदेशों के उल्लंघन के समान है।’’ भल्ला ने एक बार फिर पश्चिम बंगाल सरकार को यह निर्देश दिया कि वह भारत-बांग्लादेश की सभी सीमाओं से बगैर कोई देर किये सड़क मार्ग से परिवहन की अनुमति दे और सीमाएं खोलने पर अपनी अनुपालन रिपोर्ट बुधवार तक सौंपे। लॉकडाउन और कोविड-19 से जुड़े केंद्र के कई निर्देशों के क्रियान्वयन को लेकर केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच सिलसिलेवार जुबानी जंग चलने की एक कड़ी में ही यह एक और पत्र है।

 

Web Title: Center criticizes West Bengal for not approving goods movement from India-Bangladesh border

राजनीति से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे