कांग्रेस में विलय का मामला: बसपा विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, कहा- हाईकोर्ट नहीं सुप्रीम कोर्ट करें उनके मामले की सुनवाई
By धीरेंद्र जैन | Published: August 9, 2020 08:28 PM2020-08-09T20:28:55+5:302020-08-09T20:28:55+5:30
बसपा के विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उनके मामले में भी वहीं समान प्रश्न है, जिनकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट कर रहा है। राजनीतिक पार्टी के विलय का परीक्षण हाईकोर्ट नहीं कर सकता।
जयपुर: राजस्थान के सत्ता के लिए जारी सियासी उठापटक का केन्द्र बने बसपा के 6 विधायकों को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट 11 अगस्त को सुनवाई का फैसला सुनाने वाला है। इसी बीच इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है।
बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायक एकल पीठ के निर्णय से दो दिन पूर्व ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये हैं। इन विधायको ने ट्रांसफर पिटीशन दाखिल करते हुए उनके मामले को हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किये जाने का आग्रह किया है।
बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए लखन सिंह और 5 अन्य विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष तर्क दिया कि गोआ के विधायकों के विलय संबंधित मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और कोर्ट को तय करना है कि कांग्रेस के 15 विधायकों का भाजपा में विलय सही है या गलत।
बसपा के विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उनके मामले में भी वहीं समान प्रश्न है, जिनकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट कर रहा है। राजनीतिक पार्टी के विलय का परीक्षण हाईकोर्ट नहीं कर सकता। अतः इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित किया जाए।
उल्लेखनीय है कि उक्त मामले में भाजपा विधायक मदन दिलावर और बहुजन समाज पार्टी ने विधानसभाध्क्ष के 18 सितंबर 2019 को बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के आदेश पर रोक लगाते हुए सभी विधायकों को विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट में किसी भी पक्ष में मतदान करने से रोकने की गुहार लगाई है। साथ ही जब तक इस मामले में अंतिम निर्णय नहीं आ जाता इन सभी विधायकों को विधानसभा की किसी कार्यवाहीं में भाग लेने पर रोक लगाने की भी हाईकोर्ट से अपील की गई है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में 11 अगस्त को हाईकोर्ट में सुनवाई है और खंडपीठ के निर्देशानुसार इसी दिन हाईकोर्ट की एकल पीठ को इस मामले में फैसला भी सुनाना है।