प्रियंका गांधी का सीएम योगी पर फूटा गुस्सा, कहा- 'हद कर दी, बसों पर BJP का बैनर लगा दीजिए लेकिन देर नहीं कीजिए'
By पल्लवी कुमारी | Published: May 20, 2020 10:02 AM2020-05-20T10:02:55+5:302020-05-20T10:02:55+5:30
प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए बस को लेकर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार से जारी गतिरोध के बीच कांग्रेस ने बीजेपी पर घृणित राजनीति का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा है कि बसों के नंबर सही न होने की बात फैलाने वालों के खिलाफ मानहानि की कार्यवाही की जाएगी।
लखनऊ: प्रवासी श्रमिकों के लिए बसों के संचालन को लेकर कांग्रेस और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के बीच रस्साकशी और आरोप—प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। कांग्रेस द्वारा सौंपी गई 1000 बसों की सूची में अनेक वाहनों के नंबर दोपहिया, तिपहिया वाहनों और कारों के नाम दर्ज होने को लेकर उप्र राज्य सरकार ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। तो वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने इसे झूठ बताते हुए भ्रम फैलाने वालों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने को कहा। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। बसों के नंबर विवाद पर प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ''उप्र सरकार का खुद का बयान है कि हमारी 1049 बसों में से 879 बसें जांच में सही पाई गईं। ऊंचा नागला बॉर्डर पर आपके प्रशासन ने हमारी 500 बसों से ज्यादा बसों को घंटों से रोक रखा है। इधर दिल्ली बॉर्डर पर भी 300 से ज्यादा बसें पहुंच रही हैं। कृपया इन 879 बसों को तो चलने दीजिए....हम आपको कल 200 बसें की नयी सूची दिलाकर बसें उपलब्ध करा देंगे। बेशक आप इस सूची की भी जांच कीजिएगा। लोग बहुत कष्ट में हैं। दुखी हैं। हम और देर नहीं कर सकते।''
..हम आपको कल 200 बसें की नयी सूची दिलाकर बसें उपलब्ध करा देंगे। बेशक आप इस सूची की भी जाँच कीजिएगा।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 19, 2020
लोग बहुत कष्ट में हैं। दुखी हैं। हम और देर नहीं कर सकते।
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प्रियंका गांधी ने कहा- सीएम योगी बसों पर भाजपा का बैनर लगवा दें, लेकिन श्रमिकों को ले जाने की अनुमति दें
एक अन्य ट्वीट में प्रियंका गांधी ने लिखा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहें तो इन बसों पर भाजपा एवं अपने बैनर-पोस्ट लगवा दें, लेकिन इनसे श्रमिकों को, उनके गंतव्यों तक पहुंचाने की अनुमति प्रदान करें। प्रियंका ने ट्वीट किया, ''उप्र सरकार ने हद कर दी है। जब राजनीतिक परहेजों को परे करते हुए त्रस्त और असहाय प्रवासी भाई बहनों की मदद करने का मौका मिला तो दुनिया भर की बाधाएं सामने रख दीं। ‘योगी आदित्यनाथ जी, इन बसों पर आप चाहें तो भाजपा का बैनर लगा दीजिए, अपने पोस्टर बेशक लगा दीजिए, लेकिन हमारे सेवा भाव को मत ठुकराइए, क्योंकि इस राजनीतिक खिलवाड़ में तीन दिन व्यर्थ हो चुके हैं। और इन्ही तीन दिनों में हमारे देशवासी सड़कों पर चलते हुए दम तोड़ रहे हैं।''
.. को मत ठुकराइए क्योंकि इस राजनीतिक खिलवाड़ में तीन दिन व्यर्थ हो चुके हैं। और इन्ही तीन दिनों में हमारे देशवासी सड़कों पर चलते हुए दम तोड़ रहे हैं। 2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 19, 2020
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर मुकदमा
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू तथा अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में परिवहन अधिकारी आरपी त्रिवेदी की शिकायत पर राजधानी स्थित हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। हालांकि कांग्रेस ने इसका जवाब देने की कोशिश करते हुए प्रदेश सरकार को गत दो अप्रैल का एक कथित आदेश दिखाया और कहा कि वाहनों के फिटनेस तथा अन्य कागजात को लेकर सरकार ने आगामी 30 जून तक छूट दे रखी है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह ने राज्य सरकार को कल (19 मई) दो बार पत्र लिखकर बसों को प्रदेश की सीमा में दाखिल होने की अनुमति देने का अनुरोध किया। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और पार्टी के अन्य पदाधिकारी राजस्थान से लाई गई लगभग 700 बसें लेकर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र ऊंचा नागला में खड़े रहे, मगर प्रशासन ने उन्हें आगरा में घुसने की इजाजत नहीं दी।
कांग्रेस की बसों की सूची में कार, एंबुलेंस और ऑटो रिक्शा के नंबर : उप्र सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार (19 मई) को आरोप लगाया कि कांग्रेस द्वारा प्रवासियों को घर पहुंचाने के लिए सौंपी गई 1000 बसों की सूची में कई दो पहिया और कार जैसे वाहनों के पंजीकरण नंबर हैं और इसे कांग्रेस का 'बस घोटाला' करार दिया। प्रदेश सरकार के दोनों उप मुख्यमंत्रियों और एक कैबिनेट मंत्री ने कांग्रेस के खिलाफ निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी दल को प्रवासी मजदूरों से माफी मांगनी चाहिए। उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने मंगलवार (19 मई) को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस ओछी राजनीति कर रही है और बसों की जो सूची भेजी है उसमें कई काली सूची में है और कई के नंबर बसों के नाम पर पंजीकृत ही नहीं हैं।