कांग्रेस की नीतियों पर फिर बरसीं मायावती, बनने से पहले टूट सकता है महागठबंधन का ये पिलर!
By पल्लवी कुमारी | Published: September 11, 2018 02:41 PM2018-09-11T14:41:38+5:302018-09-11T14:41:38+5:30
BSP supremo Mayawati attacked on Congress policies: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) केंद्र सरकार के खिलाफ महंगाई को लेकर कांग्रेस की तरफ से सोमवार को बुलाए गए भारत बंद से दूर रही।
नई दिल्ली, 11 सितंबर: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा नरेन्द्र मोदी सरकार की आलोचना की। मायवती ने कहा, देश की जनता को मोदी सरकार ने परेशान कर दिया है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से लेकर नोटबंदी तक मोदी सरकार पर हमला बोला। लेकिन यहां मायावती ने कांग्रेस (यूपीए सरकार) की नीतियो के खिलाफ भी बोला।
कांग्रेस पर मायावती का तंज
मायावती ने कहा, बीजेपी उसी नीति को अपना रही है, जिसपर कांग्रेस ने चलकर देश को बदहाली की तरफ झौंका। मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''कांग्रेस पार्टी ने यूपीए एक में यानी 2004 से 2009 के बीच इनके सहयोगी पार्टियों के काफी कुछ नियंत्रण में रहने के बाद, फिर यूपीए दो शासन काल के शुरुआत में काफी कुछ मोदी सरकार जैसी रैवया अपनाकर जून 2010 में पेट्रोल को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का फैसला किया गया था। पर लेकिन बीजेपी की सरकार बनने के बाद, फिर इन्होंने भी कांग्रेस पार्टी की आर्थिक नीति को जारी रखा, और डीजल को भी सरकारी नियंत्रण से बाहर कर दिया"
मायवती का इस वक्त कांग्रेस पर निशाना साधना काफी अहम है, क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की कोशिश है कि लोकसभा और मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले बीएसपी के साथ गठबंधन हो जाए। हालांकि मायावती ने इस पर अभी कोई अधिकारिक बयान नहीं दिया था। लेकिन कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद के शपथ के दौरान जो नजारा दिखा, उससे तो यही लग रहा था कि बसपा-कांग्रेस के साथ है।
क्या नहीं होगा कांग्रेस-बसपा का गठबंधन!
छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने लोकमत न्यूज हिंदी को बताया था कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए एक सामुहिक लोकतांत्रिक शक्ति बनने के लिए गठबंधन की तरफ बढ़ना जरूरी है। कांग्रेस तीनों राज्यों में बीएसपी से गठबंधन करेगी।
इसके अलावा छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग के चेयरमैन शैलेष नितिन त्रिवेदी ने भी लोकमत न्यूज हिंदी को बताया था कि जब से पीएल पुनिया छत्तीसवगढ़ के प्रभारी बने हैं, तब पार्टी में नया संचार हुआ है। पार्टी पूरी तरह से जीत की ओर बढ़ रही है। ऐसे में गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं उठता। क्योंकि पार्टी अकेले जीत में सक्षम है। लेकिन फिलहाल राजनैतिक सिद्धांतो के लिए, देश में लोकतंत्र, संविधान के रक्षा के लिए गठबंधन जरूरी हो गया है। इसलिए पार्टी आगामी तीनों राज्यों के विधानसभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करेगी। खैर इस पर अटकलें लगी हुई हैं।
भारत बंद ने बसपा ने बनाई थी दूरी
इधर देश में सोमवार (10 सितंबर) को पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस ने भारत बंद बुलाया था। जिसे 20 से ज्यादा विपक्षी दलों ने सहयोग किया था। लेकिन बीएसपी केंद्र सरकार के खिलाफ महंगाई को लेकर कांग्रेस की तरफ से सोमवार को बुलाए गए भारत बंद से दूर रही। बीएसपी का कोई नेता वेस्ट यूपी के जिलों में कांग्रेस के साथ खड़ा नहीं दिखाई दिया। जबकि एनसीपी प्रमुख शरद पवार, द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन और वामपंथी नेताओं ने कांग्रेस की ओर से बुलाए गए भारत बंद का पुरजोर समर्थन किया था। वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने इस भारत बंद से दूर रहने का फैसला किया था। तृणमूल कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी के साथ होकर भी हमेशा उनसे विफर रहने वाली पार्टी शिवसेना ने भी भारत बंद से दूरी से बनाई थी।