मायावती ने कहा, 'मजदूरों की दुर्दशा की असली कसूरवार कांग्रेस है, 'राहुल गांधी' का वीडियो हमदर्दी कम व नाटक ज्यादा'
By पल्लवी कुमारी | Published: May 23, 2020 02:42 PM2020-05-23T14:42:07+5:302020-05-23T14:42:07+5:30
लॉकडाउन के कारण ट्रेन और बसों के बंद होने के बाद प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने-अपने घरों को निकल पड़े थे। विभिन्न जगहों पर हुए हादसों में कई मजदूरों की मौत भी हो गई।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने देश के प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधा है। मायावती ने ट्वीट कर कहा, ''आज पूरे देश में कोरोना लॉकडाउन के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस है, क्योंकि आजादी के बाद इनके लम्बे शासनकाल के दौरान अगर रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गांव/शहरों में की होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करना पड़ता?'' मायावती ने बिते दिनों कांग्रेस पर बसों पर राजनीति करने को लेकर भी निशाना साधा था।
1. आज पूरे देश में कोरोना लाॅकडाउन के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस है क्योंकि आजादी के बाद इनके लम्बे शासनकाल के दौरान अगर रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गाँव/शहरों में की होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करना पड़ता? 1/4
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मायावती ने अपने अगले ट्वीट में राहुल गांधी का नाम लिए बिना प्रवासी मजदूरों के साथ बातचीत का वीडियो साझा करने पर निशाना साधा है। मायावती ने लिखा, ''वैसे ही वर्तमान में कांग्रेसी नेता (राहुल गांधी द्वारा लॉकडाउन त्रासदी के शिकार कुछ श्रमिकों के दुख-दर्द बांटने सम्बंधी जो वीडियो दिखाया जा रहा है वह हमदर्दी वाला कम व नाटक ज्यादा लगता है। कांग्रेस अगर यह बताती कि उसने उनसे मिलते समय कितने लोगों की वास्तविक मदद की है तो यह बेहतर होता।''
2. वैसे ही वर्तमान में कांग्रेसी नेता द्वारा लाॅकडाउन त्रासदी के शिकार कुछ श्रमिकों के दुःख-दर्द बांटने सम्बंधी जो वीडियो दिखाया जा रहा है वह हमदर्दी वाला कम व नाटक ज्यादा लगता है। कांग्रेस अगर यह बताती कि उसने उनसे मिलते समय कितने लोगों की वास्तविक मदद की है तो यह बेहतर होता।2/4
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अपने एक अन्य ट्वीट में मायावती ने लिखा, ''साथ ही, बीजेपी की केंद्र और राज्य सरकारें कांग्रेस के पदचिन्हों पर ना चलकर, इन बेहाल घर वापसी कर रहे मजदूरों को उनके गांवों/शहरों में ही रोजी-रोटी की सही व्यवस्था करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर यदि अमल करती हैं तो फिर आगे ऐसी दुर्दशा इन्हें शायद कभी नहीं झेलनी पड़ेगी।''
3. साथ ही, बीजेपी की केन्द्र व राज्य सरकारें कांग्रेस के पदचिन्हों पर ना चलकर, इन बेहाल घर वापसी कर रहे मजदूरों को उनके गांवों/शहरों में ही रोजी-रोटी की सही व्यवस्था करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर यदि अमल करती हैं तो फिर आगे ऐसी दुर्दशा इन्हें शायद कभी नहीं झेलनी पड़ेगी।
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बसपा के कार्यकर्ता से अपील करते हुए मायावती ने लिखा, ''बीएसपी के लोगों से भी पुन अपील है कि जिन प्रवासी मजदूरों को उनके घर लौटने पर उन्हें गांवों से दूर अलग-थलग रखा गया है तथा उन्हें उचित सरकारी मदद नहीं मिल रही है तो ऐसे लोगों को भी अपना मानकर उनकी भरसक मानवीय मदद करने का प्रयास करें। मजलूम ही मजलूम की सही मदद कर सकता है।''
4. बीएसपी के लोगों से भी पुनः अपील है कि जिन प्रवासी मजदूरों को उनके घर लौटने पर उन्हें गाँवों से दूर अलग-थलग रखा गया है तथा उन्हें उचित सरकारी मदद नहीं मिल रही है तो ऐसे लोगों को भी अपना मानकर उनकी भरसक मानवीय मदद करने का प्रयास करें। मजलूम ही मजलूम की सही मदद कर सकता है। 4/4
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कांग्रेस ने राहुल गांधी की आज मजदूरों से मुलाकात पर डॉक्यूमेंट्री जारी की
कांग्रेस ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की प्रवासी श्रमिकों से पिछले दिनों हुई मुलाकात पर एक डॉक्यूमेंट्री शनिवार (23 मई) को जारी की जिसमें गांधी ने कोरोना वायरस महामारी में मुश्किल का सामना कर रहे करोड़ों परिवारों के लिए न्याय की मांग करते हुए प्रत्येक को 7500 रुपये देने की पैरवी की है।
कांग्रेस और राहुल गांधी के विभिन्न सोशल मीडिया मंच पर इस डॉक्यूमेंट्री को जारी किया गया। गांधी की आवाज में इस डॉक्यूमेंट्री में मजदूरों की मुश्किलों को बयां किया गया है। उन्होंने करीब 17 मिनट की इस डॉक्यूमेंट्री में लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के दर्द को दिखाया है।
इस डॉक्यूमेंट्री में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि गरीबों और मजदूरों को न्याय दिया जाए और देश के आर्थिक रूप से कमजोर 13 करोड़ परिवारों में से प्रत्येक को 7500 रुपये की मदद दी जाए। राहुल गांधी ने गत 16 मई को दिल्ली के सुखदेव विहार फ्लाईओवर के पास इन प्रवासी मजदूरों से मुलाकात की थी।
उन्होंने फुटपाथ पर मजदूरों के साथ बैठकर बात की थी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश के झांसी के रहने वाले इन मजदूरों का दुख दर्द साझा किया था और घर भेजने का इंतजाम करवाया था। ये मजदूर हरियाणा के अंबाला से पैदल चलकर अपने गांव जा रहे थे।