BSP चीफ मायावती ने कहा- कांग्रेस और बीजेपी की वजह से हुई प्रवासी मजदूरों की ये हालत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 24, 2020 04:36 PM2020-05-24T16:36:58+5:302020-05-24T16:55:40+5:30
मायावती ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से लंबे समय तक कांग्रेस ने शासन किया। उस वक्त बड़ी संख्या में गांव से लोग शहरों में जाने को मजबूर हुए।
कोरोना वायरस की वजह से देश भर में लॉकडाउन जारी है। इस बीच उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों को लेकर सियासत जारी है। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने आज (24 मई) को कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि प्रवासी लोगों की स्थिति के लिए दोनों पार्टी जिम्मेदार। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से पहले प्रवासियों को घर जाने के लिए वक्त दिया जाना चाहिए था।
मायावती ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से लंबे वक्त तक कांग्रेस ने शासन किया। उस वक्त बड़ी संख्या में गांव से लोग शहरों में जाने को मजबूर हुए। इससे पहले बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा था कि देश में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के कारण बेरोजगार और बेआसरा हो गए करोड़ों प्रवासी श्रमिक परिवारों की जो दुःखद एवं शर्मनाक दुर्दशा हर जगह देखने को मिल रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस पार्टी ही मानी जाएगी।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद केन्द्र और राज्यों में कांग्रेस के लम्बे शासनकाल के दौरान अगर गांव एवं शहरों में लोगों की रोजी-रोटी की सही व्यवस्था की गई होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करने को मजबूर होना पड़ता?
After Independence, Congress stayed in power for long and ruled in many states. Mass migration from villages to big cities occurred under their reign as weaker sections of society including Dalits, farmers&tribals found it hard to procure means of livelihood: BSP chief Mayawati pic.twitter.com/zi9dOK4pxp
— ANI (@ANI) May 24, 2020
यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में भी कांग्रेसी नेताओं द्वारा कुछ श्रमिकों का दुःख-दर्द बांटने संबंधी जो वीडियो दिखाये जा रहे हैं वह इनकी हमदर्दी कम और नाटक ज्यादा लगता है। अगर कांग्रेस पार्टी इस समय यह बताती कि उसने उन पीड़ितों से मिलते समय कितने लोगों की असल में मदद की तो यह बेहतर होता।
मायावती ने कहा कि ऐसे विकट समय में उनका भाजपा की केन्द्र तथा राज्य सरकारों से भी यह कहना है कि वे कांग्रेस पार्टी के पदचिन्हों पर न चलकर घर वापसी कर रहे मजदूरों को उनके गांवों तथा शहरों में ही रोजी-रोटी की सही व्यवस्था करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर अगर ईमानदारी से अमल करती है तो फिर आगे ऐसी दुर्दशा इन्हें शायद कभी नहीं झेलनी पड़ेगी।
उन्होंने बसपा के कार्यकर्ताओं से भी पुनः अपील की कि जिन प्रवासी मजदूरों को उनके घर लौटने पर उन्हें गाँवों से दूर अलग-थलग रखा गया है तथा उन्हें उचित सरकारी मदद नहीं मिल पा रही है तो ऐसे लोगों की मानवीय मदद करने का प्रयास करें क्योंकि पीड़ित ही पीड़ित का दर्द समझ कर एक-दूसरे की सही मदद कर सकता है।